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फ्राँसिसी काथलिक संगठन के प्रतिनिधियों से मुलाकात करते संत पापा फ्रांँसिस फ्राँसिसी काथलिक संगठन के प्रतिनिधियों से मुलाकात करते संत पापा फ्रांँसिस  (Vatican Media)

पोप फ्राँसिस : हमारे घायल शहरों को भाईचारे के मरहम की जरूरत है

पोप फ्राँसिस ने शहरों में काम करने के लिए समर्पित एक फ्रांसीसी मिशनरी बंधुत्व से मुलाकात की, और शहरी क्षेत्रों में ईश्वर की कोमलता और करुणा लाने के उनके प्रयासों की प्रशंसा की।

वाटिकन न्यूज

वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 4 जनवरी 24 (रेई) : संत पापा फ्राँसिस ने बृहस्पतिवार 4 जनवरी को एक फ्राँसिसी काथलिक संगठन के प्रतिनिधियों से मुलाकात की, जिसका नाम फ्रातेर्निते मिस्योनारिये देस चितेस है वे इन दिनों तीर्थयात्रा पर रोम आये हैं।

संत पापा ने उन्हें सम्बोधित कर कहा, "आप संत पेत्रुस और संत पौलुस की कब्रों पर खुद को आध्यात्मिक रूप से तरोताजा करने, कलीसिया के जीवित स्रोतों से प्रभु येसु का प्यार पाने आए हैं जो खुद को सभी मनुष्यों के लिए निरंतर अर्पित करते हैं। पवित्र आत्मा, कलीसिया के इन दो स्तंभों के आदर्शों और मध्यस्थता के साथ, आप में प्रारंभिक कलीसिया की उदार और मिशनरी प्रेरणा को पुनःजागृत करे।”

समाज के सुदूर क्षेत्रों की सेवा

इस बात को याद करते हुए कि कलीसिया ख्रीस्त जयन्ती काल में है संत पापा ने उन्हें चरनी पर चिंतन करने हेतु आमंत्रित किया। उन्होंने कहा, “हम एक साधारण और गरीब जगह को देखते हैं, एक उपनगर को, उस समय के गाँव को। चरनी के पास जानेवाले चरवाहे बदनामी के साथ बहिष्कृत लोग थे। फिर भी सबसे पहले उनके लिए ही मुक्ति के सुसमाचार की घोषणा की गई। वे गरीब थे लेकिन उनका दिल तत्पर था।”

संत पापा ने कहा, “ये आपका भी अनुभव है। और आपको शहरों के बीचोंबीच अपनी सेवा में, हमारे समाजों के बाहरी इलाकों की खोज करने के लिए बहुत दूर जाने की ज़रूरत नहीं है, वे अक्सर आपके पड़ोस में, सड़क के किनारे, आपकी जमीन के बगल में रहते हैं। यह आप पर निर्भर करता है कि आप उस संदेश को उन्हें दें, जिसे चरवाहों को दिया गया था: "डरो मत: देखो, मैं तुम्हारे लिये बड़े आनन्द का सुसमाचार लाता हूँ, जो सब लोगों के लिये होगा।" (लूका 2:10)। इसलिए, अपने भाइयों और बहनों के दैनिक जीवन में सहभागी होने के लिए अपनी सुरक्षा त्यागने से न डरें। उनमें से भी, कई लोगों के दिल खुले हैं और वे बिना जाने, सुखद घोषणा की प्रतीक्षा करते हैं।

घृणा से चिन्हित क्षेत्रों में ईश्वर की कोमलता

संत पापा ने कहा, “मैं आपको आस-पड़ोस के बीच उदारतापूर्वक भाईचारा बनाए रखने, सच्चे दिल, हाथ, कान खोलने और ईमानदारी से लोगों का स्वागत करने के लिए आमंत्रित करता हूँ। भाईचारा शांति का वह ख़मीर है जिसकी शहरों को जरूरत है: यह हर किसी को वैसा ही स्वागत महसूस कराता है जैसे वे हैं, चाहे वे कहीं भी हों। मैं आपसे आग्रह करता हूँ, हर मुलाकात में, अपने भाइयों में प्रभु येसु की उपस्थिति की खोज करें, और एक दयालु ईश्वर की उपस्थिति दिखाएँ, एक ऐसे ईश्वर की जो खुद को व्यक्त करना चाहते हैं और आपके भाव, आपके शब्दों, आपकी सरल उपस्थिति के माध्यम से कार्य करना चाहते हैं; एक धैर्यवान ईश्वर जो हरेक व्यक्ति की गति से चलते, उनके घावों, उनके विद्रोहों, उनके क्रोध के साथ।”

वर्तमान स्थिति जिसमें हमारे कितने पड़ोसी हिंसा, उदासीनता और नफरत से प्रभावित हैं और जो अक्सर सम्मान और प्यार से वंचित होते हैं, संत पापा ने उनके लिए ईश्वर की निकटता, करुणा और कोमलता लाने हेतु प्रोत्साहित किया।

अंत में, उनके मिशन के लिए प्रोत्साहन देते हुए कहा, “प्रिय भाइयो और बहनो, आप जो करते हैं उसके लिए धन्यवाद, आगे बढ़ते रहें! मैं आपमें से प्रत्येक को और आपकी बिरादरी के सभी सदस्यों को कुँवारी मरियम की मध्यस्थता को सिपूर्द हूँ, और मैं आपको अपने दिल की गहराई से आशीर्वाद देता हूँ। कृपया मेरे लिए प्रार्थना करना न भूलें। धन्यवाद।”

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04 January 2024, 15:27