धर्मप्रांतीय मिशनरी पुरोहितों से पोप : दुनिया में दुनिया के लिए रहें
वाटिकन न्यूज
वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 11 जनवरी 24 (रेई) : 11 जनवरी को संत पापा ने ख्रीस्त के राज्य के मिशनरी पुरोहितों के धर्मप्रांतीय संस्थान के सदस्यों से मुलाकात की तथा उन्हें सम्बोधित कर कहा, "कलीसिया और प्रत्येक बपतिस्मा प्राप्त व्यक्ति, दुनिया में है, दुनिया के लिए है, लेकिन दुनिया का नहीं है।"
संस्थान के सदस्य धर्मसमाजी पुरोहित नहीं बल्कि धर्मप्रांतीय या सेकुलर संस्थान के सदस्य हैं, जो स्थानीय धर्माध्यक्ष के प्रशासन क्षेत्र के तहत दुनिया के विभिन्न हिस्सों में रहते हैं।
पोप के साथ उनकी मुलाकात संस्थान की 70वीं वर्षगांठ समारोह के हिस्से के रूप में हुई, और सदस्यों ने पोप फ्रांसिस को बुरुंडी में निर्माणाधीन एक नए प्रशिक्षण केंद्र की योजना प्रस्तुत की।
सांसारिक बनाम सांसारिकता
पोप फ्रांसिस ने "पुरोहितों के जीवन और प्रेरिताई में संसारिकता के मूल्य" को रेखांकित करते हुए जोर देकर कहा, "सांसारिकता (सेकोलारिता) सांसारिक होने (लाईचिता) का पर्याय नहीं है।"
उन्होंने कहा, सांसारिकता, "कलीसिया का एक आयाम" है, जिसका संबंध "इस दुनिया में ईश्वर के राज्य की सेवा करने और गवाही देने" के मिशन से है।
यदि सांसारिकता कलीसिया का एक आयाम है, तो इसका मतलब यह है कि पुरोहित, साथ ही लोकधर्मियों को इसे जीने के लिए बुलाया जाता है।
संत फ्राँसिस से प्रेरणा
संत पापा ने सदस्यों की उनकी बुलाहट को जीने के तरीके के लिए प्रशंसा की। उन्होंने कहा, संस्था के सदस्य "फ्रांसिसकन कारिज्म के अनुसार" जीते हैं, और इस प्रकार वे "विनम्रता, तत्परता और भ्रातृत्व प्रेम के साथ सेवा" देते हैं।
संत पापा ने कहा, “वे ख्रीस्त के राजत्व के मॉडल अनुसार जीते हैं, जिसमें गरीबों और बहिष्कृत लोगों की सेवा करना एवं उदारतापूर्वक खुद को समर्पित करना शामिल है।”
संत पापा ने पवित्र हृदय को समर्पित एक प्रार्थना के साथ अपना वक्तव्य समाप्त किया जिसको धर्मप्रांतीय पुरोहित हर दिन करते हैं।
"हम दयालुता और सच्चाई के प्रेरित, लोगों के साथ एकजुट रहें और उनके मित्र बन जाएँ, ताकि सुसमाचार दुनिया का केंद्र बन सके।"
धर्मप्रांतीय संस्थान
ख्रीस्त के राज्य के मिशनरी पुरोहितों की धर्मप्रांतीय (सेकुलर) संस्था की स्थापना अक्टूबर 1953 में असीसी में संत डेमियन गिरजाघर में हुई थी।
पोप के साथ अपनी बातचीत के दौरान, सदस्यों ने पोप को अपने नए आध्यात्मिक गठन और अंतरधार्मिक संवाद केंद्र के लिए योजना प्रदान की, जिसका निर्माण संस्था बुरुंडी में कर रही है।
यह केंद्र बुरुंडी के प्रेरितिक राजदूत धर्माध्यक्ष माइकल कुर्टनी को समर्पित होगा, जिन्होंने देश में राष्ट्रीय मेल-मिलाप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और 2003 में उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
उनके उद्देश्यों में स्थानीय लोगों को वर्षा जल संचयन और अपशिष्ट जल निस्पंदन तकनीक सिखाना भी शामिल है।
Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here