ऑरथोडोक्स और पूर्वी रीति की कलीसियाओं की काथलिक समिति से
वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 12 जनवरी 2024 (रेई, वाटिकन रेडियो): सन्त पापा फ्राँसिस ने शुक्रवार को वाटिकन में ऑरथोडोक्स और पूर्वी रीति की कलीसियाओं के साथ सांस्कृतिक सहयोग के लिए गठित काथलिक समिति की 60 वीं वर्षगाँठ के उपलक्ष्य में समिति के सदस्यों को सबोधित कर काथलिक संस्थाओं में ऑरथोडोक्स और पूर्वी रीति की कलीसियाओं के प्रशिक्षण को सम्भव बनाने के लिये हार्दिक धन्यवाद ज्ञापित किया।
सहयोग और एकता
कार्डिनल रॉबर्ट कॉख के नेतृत्व में सन्त पापा फ्राँसिस का आशीर्वाद लेने वाटिकन पहुँचे उक्त समिति के सदस्यों से सन्त पापा ने कहा कि इस तरह, सम्पूर्ण काथलिक कलीसिया के नाम पर, आप एक ठोस और निष्पक्ष सेवा प्रदान करते हैं जो पूर्व की सहयोगी कलीसियाओं को लाभ पहुंचाती है और पुरोहितों एवं सामान्य जन की तैयारी में योगदान देती है, जो अपने अध्ययन द्वारा विश्व में विभिन्न प्रेरिताई के लिये तैयार होते तथा प्रभु येसु मसीह का साक्ष्य प्रदान करने में सक्षम बनते हैं।
इस कार्य को आगे बढ़ाने के लिये सन्त पापा ने ख्रीस्तीयों के बीच एकता हेतु गठित परमधर्मपीठीय परिषद के कार्यों की भूरि-भूरि प्रशंसा की। साथ ही परमधर्मपीठीय विश्वविद्यालयों के प्रधानाचार्यों के प्रति धन्यवाद दिया, जहां ऑरथोडोक्स और पूर्वी रीति की कलीसियाओं के छात्रों का उदारतापूर्वक स्वागत किया जाता और प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।
हमारा मिशन
सन्त पापा ने कहा कि परमधर्मपीठीय संस्थानों में प्रशिक्षण पानेवाले छात्र व्यक्तिगत रूप से न केवल शैक्षणिक पाठ्यक्रमों का अनुसरण कर सकते हैं, बल्कि काथलिक छात्रों के औपचारिक, आध्यात्मिक और धार्मिक विकास का भी अनुसरण कर सकते हैं और सबसे महत्वपूर्ण, उनके साथ सामुदायिक जीवन के अनुभव को साझा कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि ठोस समुदायों के साथ यह महत्वपूर्ण और सीधा संपर्क, जिसमें सभी एक ही गुरु, प्रभु येसु मसीह का अनुसरण करने और उनकी कलीसिया की सेवा करने की समान इच्छा साझा करते हैं, न केवल ऑरथोडोक्स और पूर्वी रीति के छात्रों, बल्कि काथलिक लोगों को भी मदद करता है। यह उन्हें पूर्वाग्रहों को दूर करने, दीवारों को तोड़ने और संवाद एवं मैत्री के पुल निर्माण में मदद प्रदान करता है।
उन्होंने इस तथ्य पर बल दिया कि प्रभु येसु ख्रीस्त समस्त ख्रीस्तानुयायियों को एकसूत्र में बाँधते हैं और हम सभी से सुसमाचार के साक्षी बनकर विश्व में प्रेम, मैत्री एवं शांति फैलाने का आग्रह करते हैं और यही हमारा मिशन होना चाहिये।
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