मसीह के राजत्व के मिशनरी पुरोहितों से सन्त पापा फ्राँसिस
वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 12 जनवरी 2024 (रेई, वाटिकन रेडियो): वाटिकन में गुरुवार को फादर अगोस्तीनो जेमेल्ली द्वारा सन् 1953 में स्थापित मसीह के राजत्व के लोकधर्मी मिशनरी पुरोहित संघ के सदस्यों ने अपने धर्मसमाज की 70 वीं वर्षगाँठ के उपलक्ष्य में सन्त पापा फ्राँसिस का साक्षात्कार कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।
लोकधर्मिता
मसीह के राजत्व के लोकधर्मी मिशनरी पुरोहित यूरोप के अतिरिक्त विशेष रूप से अफ्रीकी देशों जैसे गिनी, बुरुंडी तथा रुआण्डा में सेवारत हैं। सन्त पापा फ्राँसिस के साथ साक्षात्कार के अवसर पर पुरोहितों ने बुरुण्डी के बुजुम्बुरा शहर के परिसर में निर्माणाधीन आध्यात्मिक प्रशिक्षण और अंतरधार्मिक संवाद केंद्र का एक नक्शा अर्पित किया। यह केंद्र ग्रामीण आबादी को वर्षा जल की पुनर्प्राप्ति और अपशिष्ट जल निस्पंदन तकनीक सिखाने के लिए एक प्रयोगशाला के रूप में भी काम करेगा और एक नई पीढ़ी के फोटोवोल्टिक प्रणाली द्वारा संचालित होगा।
पुरोहितों को सम्बोधित शब्दों में सन्त पापा ने लोकधर्मिता के महत्व को प्रकाशित किया और कहा कि दरअसल, लोकधर्मिता धर्मनिरपेक्षता का पर्याय नहीं है, लोकधर्मिता कलीसिया का एक आयाम है, जिसे इस दुनिया में ईश्वर के राज्य की सेवा करने और गवाही देने के लिए बुलाया गया है तथा अभिषेक इस आयाम को क्रान्तिकारी रूप दे देता है, जो स्पष्ट रूप से एकमात्र नहीं है, बल्कि युगांतशास्त्र का पूरक है।
उन्होंने कहा कि कलीसिया के साथ प्रत्येक बपतिस्मा प्राप्त व्यक्ति, दुनिया में रहते हुए भी दुनिया का नहीं बल्कि अन्यों की सेवा के लिये है। अस्तु, यदि लोकधर्मिता कलीसिया का एक आयाम है, तो सामान्य लोगों और पुरोहितों दोनों को, भले ही अलग-अलग तरीकों से, इसे जीने और व्यक्त करने के लिए बुलाया जाता है। प्रत्येक व्यक्ति को उसकी अपनी स्थिति के अनुसार प्रभु येसु के देहधारण के रहस्य का एहसास होता है।
ख्रीस्त का राजस्व
सन्त पापा ने कहा कि ख्रीस्त के राजस्व का अर्थ है सेवा करना, स्वयं को उदारतापूर्वक देना, व्यक्तिगत रूप से गरीबों और बहिष्कृतों के साथ एकजुटता में शामिल होना है, जैसा कि असीसी के सन्त फ्राँसिस ने साक्ष्य दिया है।
येसु के पवित्र हृदय को समर्पित प्रार्थना की एक अभिव्यक्ति को उद्धृत कर सन्त पापा ने कहा कि इस प्रार्थना को दुहरायें जिसमें कहा गया है: "आइए हम एकजुट होकर लोगों के मित्र बनें, सहानुभूति और सच्चाई के प्रेरित बनें, ताकि सुसमाचार समस्त विश्व का दिल बन जाए।"
सदगुण
सन्त पापा ने कहा उक्त प्रार्थना को आप इसलिये प्रतिदिन दुहराते हैं ताकि अपनी बुलाहट में सुदृढ़ हो सकें तथा अपने इस विश्वास को अभिव्यक्ति प्रदान कर सकें कि प्रभु ख्रीस्त एवं पवित्रआत्मा के संग मिलकर हम अपनी मानवता के साथ, उन मानवीय गुणों से प्रेरित होते हैं जिनका वर्णन द्वितीय वाटिकन महासभा करती हैः ईमानदारी, न्याय के प्रति सम्मान, अपने वचन के प्रति निष्ठा, दयालुता, विवेक, मन की दृढ़ता, विचारशीलता और सच्चाई।
सन्त पापा ने कहा, प्रिय भाइयों, आपकी इस प्रेरिताई के प्रति निष्ठा आपको दो प्रवृत्तियों से बचा सकती है जो वर्तमान विश्व में व्यापक हैं, यहां तक कि पुरोहितों के बीच भी और ये हैं: आत्म-संदर्भ और सांसारिकता। हममें से कोई भी इससे पूरी तरह प्रतिरक्षित नहीं है। हमें इसे पहचानना चाहिए और प्रभु की कृपा से प्रतिक्रिया देनी चाहिए।
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