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आमदर्शन समारोह के अवसर पर सन्त पापा फ्राँसिस, 10.01.2024 आमदर्शन समारोह के अवसर पर सन्त पापा फ्राँसिस, 10.01.2024   (VATICAN MEDIA Divisione Foto)

तोन्योलो युवा व्यावसायिक संघ के सदस्यों को सम्बोधन

वाटिकन में शुक्रवार को तोन्योलो युवा व्यावसायिक संघ के प्रतिनिधिमण्डल ने सन्त पापा फ्राँसिस का साक्षात्कार कर उनका सन्देश सुना। अप्रैल 2016 में स्थापित तोन्योलो युवा व्यावसायिक संघ परमधर्मपीठीय कार्यालयों एवं संयुक्त राष्ट्र संघीय एजेन्सियों के साथ मिलकर काम करता है।

वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 12 जनवरी 2024 (रेई, वाटिकन रेडियो): वाटिकन में शुक्रवार को तोन्योलो युवा व्यावसायिक संघ के प्रतिनिधिमण्डल ने सन्त पापा फ्राँसिस का साक्षात्कार कर उनका सन्देश सुना। अप्रैल 2016 में स्थापित तोन्योलो युवा व्यावसायिक संघ परमधर्मपीठीय कार्यालयों एवं संयुक्त राष्ट्र संघीय एजेन्सियों के साथ मिलकर विश्व के संस्थानों, संघों, कंपनियों,  ट्रेड यूनियनों और विश्वविद्यालयों के छात्रवृत्ति धारकों को एकत्र करता है।  

सन्त पापा ने तोन्योलो युवा व्यावसायिक संघ के सदस्यों को छात्रवृत्ति धारकों की मदद हेतु धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा, "यह अति सुन्दर है कि आप परमधर्मपीठीय मिशनों एवं संयुक्त राष्ट्र संघ में परमधर्मपीठीय उपस्थिति को प्रोत्साहित करने हेतु कलीसिया के परमाध्यक्ष के मिशन में योगदान दे रहे हैं। इस प्रकार आप जीवित विश्वास का और ईसाई जीवन का एक अनुभव विकसित करते हैं जो विश्व की वर्तमान चुनौतियों का सामना करने में युवाओं को सक्षम बनाता है।"

"छोटी सोच" का परित्याग करें

साथ ही सन्त पापा ने कहा कि तोन्योलो युवा व्यावसायिक संघ के सदस्यों की उपस्थिति हमारे संस्थानों के लिए भी बहुत फायदेमंद है, जिनमें आप "ताजी हवा का झोंका, सपने देखने की क्षमता, भविष्य को देखने की इच्छा का संचार करते हैं।"  

सन्त पापा ने कहा कि हालाँकि, "आज प्रतीत होता है कि "छोटी सोच" का प्रचार हो रहा है: कुछ पात्रों से बना एक विचार, जो तुरंत जल जाता है; एक विचार जो ऊपर और आगे नहीं देखता, बल्कि यहीं और अभी देखता है, पल की जरूरतों का फल; एक विचार जो सहज ज्ञान से चलता है और क्षणों में मापा जाता है; जो, भावनाओं से बना है और कुछ शब्दों में संकुचित है, ऐसा प्रतीत होता है कि यह उत्तर-आधुनिकतावाद के पहले से ही "कमज़ोर" विचार को प्रतिस्थापित कर रहा है।"

सन्त पापा ने कहा, "जीवन और विश्व की जटिलता का सामना करते हुए, यह छोटा और "संक्षिप्त" विचार सामान्यीकरण और आलोचना की ओर ले जाता है, वास्तविकता को सरल और विकृत करता है, दूसरों और सभी के भविष्य की भलाई के बजाय अपने स्वयं के तात्कालिक हितों की खोज करता है।"

सन्त पापा की उत्कंठा

उन्होंने कहा, "जब मैं स्क्रीन के पीछे बंद युवाओं के बारे में सुनता हूं तो मुझे चिंता होती है, उनकी आंखें उनकी रचनात्मकता को चमकाने के बजाय कृत्रिम रोशनी को प्रतिबिंबित करती हैं।" उन्होंने कहा, "युवा होने का मतलब विश्व को अपने हाथों में पकड़ने के बारे में सोचना नहीं है, बल्कि विश्व के लिए अपने हाथों को मैला करना है; जीवन व्यतीत किया जाना चाहिये उसे सम्मभाल कर कायम रखा जाना नहीं चाहिये।"

सन्त पापा ने कहा कि आप "तोन्योलो युवा व्यावसायिक संघ के सदस्य छोटे विचार से कहीं दूर हैं किन्तु कितने ऐसे युवा हैं जो भटक गये हैं। प्रतीत होता है कि "निचोड़" दिये गये हैं और जीवन के रस को सूखते हुए देखने का जोखिम उठा रहे हैं।" उन्होंने कहा, "कई युवा हैं जो स्कूलों और सड़कों पर काम करने के बजाय सोफों पर लेटे हुए हैं, किसी किताब या किसी जरूरतमंद भाई की मदद के बजाय अपनी स्क्रीन पर लेटे हुए हैं, उदासीन और संवेदनाहीन युवाओं को देखना वास्तव में दुखद है।"

रचनात्मकता की आवश्यकता

युवाओं को प्रोत्साहन देते हुए सन्त पापा ने कहाः "हम सभी को रचनात्मकता और प्रेरणा की आवश्यकता है जो केवल आप युवा ही हमें दे सकते हैं: सत्य के लिए आपकी प्यास, शांति के लिए आपकी पुकार, भविष्य के बारे में आपका अंतर्ज्ञान और आपकी आशा भरी मुस्कान की हम सबको नितान्त आवश्यकता है। मैं आपको बताना चाहता हूं: इसे वहां लाएं जहां आप काम करते हैं, बिना किसी डर के ख़ुद को वहां रखें क्योंकि युवा लोग ऐसे लीवर हैं जो सिस्टम को नवीनीकृत करते हैं, न कि वे गियर जो उन्हें जीवित रखते हैं।"

सन्त पापा ने युवाओं का आह्वान किया कि वे मुनाफ़े से संतुष्ट दुनिया में नवप्रवर्तन की झलक दिखाने के लिए रचनात्मक बनें क्योंकि केवल इसी प्रकार वे क्रांतिकारी कहला सकेंगे। उन्होंने कहा, "जीवन देने को कहता है, प्रबंधित करने को नहीं। धन्य जुसेप्पे तोन्योलो की गवाही इसमें आपकी मदद कर सकती है, जिन्होंने आस्था से जीवन जीने की सुंदरता को आकर्षित किया और अर्थव्यवस्था को मानवीय चेहरा देने के लिए निडर होकर अपने समय की समस्याओं का सामना किया।"

सन्त पापा ने इस बात पर चिन्ता व्यक्त की कि आज विश्व में व्याप्त अनेक युद्धों को रोकने के लिये कूटनीति भी कारगर सिद्ध नहीं हो रही है तथा शांति स्थापना अवरुद्ध हो रही है। उन्होंने कहा कि युद्ध बिना किसी सटीक शुरुआत और बिना किसी निश्चित अंत के, लंबे समय तक बल के संबंधों का परिणाम होते हैं। ऐसी स्थिति में उन्होंने कहा कि केवल निडर दिलों वाले युवा लोग अपने भीतर की अच्छाई का स्वागत कर तथा सुसमाचार को समझ कर  भाईचारे और आशा के नए पन्ने लिख सकते हैं।

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12 January 2024, 11:09