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संत पापा फ्राँसिस संत पापा फ्राँसिस  (ANSA)

पास्का जागरण में पोप : ‘येसु के साथ कोई भी कब्र जीवन के आनंद को दबा नहीं सकता’

पास्का जागरण ख्रीस्तयाग में संत पापा फ्राँसिस ने हमें निमंत्रण दिया कि हम येसु की ओर देखें, जीवन के ईश्वर येसु को और याद दिलाया कि उनका स्वागत करने से कोई भी असफलता हमें निराशा की ओर नहीं ले जायेगी।

वाटिकन न्यूज

वाटिकन सिटी, शनिवार, 30 मार्च 2024 (रेई) : संत पापा फ्राँसिस ने 30 मार्च को संत पेत्रुस महागिरजाघर में पास्का जागरण का समारोही मिस्सा बलिदान अर्पित किया।

उन्होंने उपदेश में कहा, नारियाँ बड़े सबेरे कब्र के पास जाती हैं, यद्यपि उन्हें अब भी रात के अंधकार का अनुभव होता है। वे अपनी यात्रा जारी रखती हैं जबकि उनका हृदय अब भी क्रूस काठ के नीचे है। पुण्य शुक्रवार के आंसू अब तक सूखे नहीं हैं, वे दुःख से भरी हैं, वे देखी कही और सुनी गई बातों से अपने को बोझिल पाती हैं। एक पत्थर ने येसु के भाग्य को दबा कर रख दिया है। वे उस पत्थर के लिए चिंतित हैं, इस बात पर विस्मय करती हैं कि “कौन उनके लिए उस पत्थर को हटायेगा जो क्रब के द्वार पर रखा गया है।” इन सारी बातों पर विचार करते हुए वे वहाँ पहुंचतीं और पास्का की शक्ति को देखकर आश्चर्यचकित रह जाती हैं। “वे उस विशाल पत्थर को वहाँ से हटाया हुए पाती हैं।” 

संत पापा ने कहा कि हम रुक कर इन दो विन्दुओँ पर चिंतन करें जो हमारे लिए पास्का की आश्चर्यजनक खुशी को अनुभव करने में मदद करेगी। नारियाँ अपने में चिंतित थी कि कौन उनके लिए उस पत्थर को क्रब से हटायेगा? और तब वे देखती हैं कि वह तो पहले से ही हटा दिया गया है।

वाटिकन में पास्का जागरण समारोह

पहले स्थान में हम उनमें सवाल को पाते हैं जो उनके हृदयों को चिंतित और विचलित करता है कि कौन उस पत्थर को हटायेगा? पत्थर येसु के जीवन वृतांत को खत्म कर देता है, जो अब मृत्यु में दफनाये गये हैं। उन्हें, जो दुनिया में जीवन लेकर आये, मारा डाला गया है। वे जिन्होंने पिता के करूणामय प्रेम को घोषित किया, क्रूरूता के शिकार हुए। वे जिन्होंने पापियों को उनके बोझ से मुक्ति दिलाई क्रूस पर सजा पाये। शांति के राजकुमार जिन्होंने व्यभिचार में पकड़ी गई नारी को पत्थरों से मारे जाने से बचाया, अब स्वयं विशाल एक पत्थर से दबाये गये हैं। वह पत्थर हमारे लिए एक बड़े अवरोध की ओर इंगित करता है जिसका अनुभव नारियाँ अपने हृदय में करती हैं। यह उनके आशा के अंत की ओर इंगित करता है जो दुःखों और अनिश्चिता में उनके सपनों को खत्म कर देता है।

पास्का जागरण
पास्का जागरण

प्रिय भाइयो एवं बहनो, संत पापा ने कहा कि यह हमारे लिए भी हो सकता है। बहुत बार हमारे जीवन में ऐसे क्षण आते हैं जहाँ हम यह अनुभव करते हैं कि एक विशाल पत्थर ने, संघर्षपू्र्ण जीवन, थकान भरी आशा, भय और पश्चाताप की क्रब ने हमारे हृदयों के द्वार को अवरुद्ध कर दिया है, जो हमारे जीवन की खुशी और आशा के मार्ग में खड़ा है। हम अपने जीवन में ऐसे “क्रब के पत्थरों” को पाते हैं जो हमारे उत्साह और जीवन की शक्ति को हम से लूट लेती है। हम अपने जीवन के दुःख की घड़ी में उनका सामना करते हैं, अपने प्रियजनों की मृत्यु से खालीपन का एहसास, असफलताओं और भय की जकड़न जो हमें अच्छे कार्यों को करने से रोकती है। हम उन्हें अपने स्वयं में खोये रहने में पाते हैं जिसके फलस्वरुप उदारता और निष्ठामय प्रेम में संघर्ष उत्पन्न हो जाता है, हमारे स्वार्थ और उदासीनता जो हमें मानवीय शहरों और समाजों के निर्माता बनने में पीछे की ओर खींचता है, शांति की चाह जो क्रूर घृणा और युद्धों को कारण समाप्त हो जाती है। जब हम ऐसी बातों का अनुभव करते हैं, जहाँ असफलताएँ हमारे सपनों को डूबों देखती हैं, हम अपने में पूछें “कौन हमारे लिए क्रब से उस पत्थर को हटायेगा?”

वे नारियाँ जो अपने हृदय में अंधकार का अनुभव करती हैं हमारे लिए कुछ विशिष्ट बातों को प्रकट करती हैं। जब वे अपनी निगाहें ऊपर उठा कर देखती हैं, वे पत्थर को पहले ही हटाया पाती हैं, जो अपने में विशाल था। यह पास्का का रहस्य है ईश्वरीय शक्ति का प्रकटीकरण, मृत्यु के ऊपर जीवन की जीत, अंधकार के ऊपर प्रकाश की जीत, असफलताओँ के विनाश पर आशा का पुर्नजन्म। यह प्रभु हैं, असंभवों के ईश्वर जो हमारे पत्थर को हटाते हैं। वे आज भी हमारी क्रबों को खोलते हैं, जिससे हमारे जीवन में आशा का नया जन्म हो। अतः हमें चाहिए कि हम भी उनकी ओर “ऊपर की ओर देखें।” 

संत पापा ने कहा, अतः हम ऊपर येसु की ओर देखें। हमारी मानवता को अपने में वहन करने के बाद, वे मृत्यु के गर्त पर उतरे और उसे अपनी दिव्य जीवन की शक्ति से भर देते हैं। वे हम सभों में अपनी अनंत ज्योति को किरण प्रज्वलित होने देते हैं। अपने पिता के द्वारा पुर्नजीवित वे हमारे लिए पवित्र आत्मा की शक्ति से एक नये जीवन इतिहास को सारी मानव जाति के लिए शुरू करते हैं। अतः यदि हम येसु को अपना हाथ पकड़कर अपने को आगे लेने की अनुमति देते तो कोई भी असफलता या दुःख, चाहे वे कितना भी दर्द भरा क्यों न हो हमारे जीवन के भाग्य को हिला नहीं पायेगा। अतः यदि हम अपने को पुनर्जीवित येसु ख्रीस्त के द्वारा संचालित होने देते तो कोई भी दुःख, मृत्यु अनंत जीवन की ओर हमारे पूर्ण विकास रोक नहीं पायेगी। इसलिए हम ख्रीस्तीय इस इतिहास को घोषित करते हैं...कि इसका अर्थ है, जो हमारा आलिंगन करता है...यह हमारे जीवन को धूमिल और अंधकार नहीं करता है...यह ईश्वर हैं जो हमारे जीवन को अर्थ प्रदान करते हैं...हमारे जीवन का नवीनता उनमें निहित है वे हम व्यर्थ और खालीपन की गहराई नहीं लाती...क्योंकि उनका क्रब खाली है और वह जो मर गये अब हमारे लिए जीवित के रुप में अपने को प्रकट करते हैं।

पास्का जागरण
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अतः प्रिय भाइयो एवं बहनो, संत पापा फ्राँसिस ने कहा, येसु हमारे पास्का हैं। वे हमें अंधकार से प्रकाश की ओर लाते हैं। वे हमारे संग सदैव बने रहते हैं, जो हमें पाप और मृत्यु के गर्त से बचाते और ज्योर्तिमय क्षमादान की ओर उन्मुख करते हैं। आइए, हम उनकी ओर देखें! जीवन के ईश्वर, येसु का अपने जीवन में स्वागत करें और आज फिर एक बार उन्हें "हाँ" कहें। तब कोई पत्थर हमारे दिलों का रास्ता नहीं रोक पाएगा, कोई कब्र जीवन की खुशी को दबा नहीं पाएगी, कोई असफलता हमें निराशा की ओर नहीं ले जाएगी। आइए, हम अपनी आँखें उनकी ओर उठाएँ और प्रार्थना करें कि उनके पुनरुत्थान की शक्ति उन भारी पत्थरों को हटा दे जो हमारी आत्माओं को दबा रहे हैं। आइए, हम अपनी आँखें पुनर्जीवित प्रभु की ओर उठाएँ, और इस निश्चितता के साथ आगे बढ़ें कि, हमारी असफल आशाओं और हमारी मृत्यु की अस्पष्ट पृष्ठभूमि के विपरीत, शाश्वत जीवन जिसे वे लाने आए थे, अब भी हमारे बीच में मौजूद है।

बहन, भाई, इस पवित्र रात में आपका हृदय खुशी से प्रफुल्लित हो! आइए, हम सब मिलकर येसु के पुनरुत्थान के गीत गाएँ: "उनके गीत गाओ, दूर देशो, नदियो और मैदानो, रेगिस्तानो और पहाड़ो ... जीवन के प्रभु के गीत, जो कब्र से उठे, हजारों सूर्यों से भी अधिक उज्ज्वल। बुराई से सताये और अन्याय से त्रस्त, विस्थापित और तबाह सभी लोग, इस पवित्र रात में अपने दुःख और निराशा के गीतों को किनारे रख दें। दु:खोंवाला व्यक्ति अब कैद में बंद नहीं है: उसने दीवार खोल दी है; वे आपसे मिलने की जल्दी में हैं। अँधेरे में, खुशी की एक अप्रत्याशित चीख गूँजने दो: वे जीवित हैं; वे पुनर्जीवित हो गये हैं! और आप, मेरे भाइयो और बहनो, छोटे और बड़े... आप जो जीवन से थक गए हैं, जो गाने में अयोग्य महसूस करते हैं... आपके दिल में एक नई लौ जलने दीजिए, आपकी आवाज में नई ऊर्जा सुनाई देने दीजिए। यह प्रभु का पास्क है; यह जीवित होनेवाले का महापर्व है।"

 

 

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30 March 2024, 23:55