बम्बिनो जेसु अस्पताल के बच्चों से मिलते संत पापा फ्राँसिस बम्बिनो जेसु अस्पताल के बच्चों से मिलते संत पापा फ्राँसिस 

बम्बिनो जेसु अस्पताल से पोप : आपका कार्य एक मिशन है

संत पापा फ्राँसिस ने शनिवार को रोम के बम्बिनो जेसु अस्पताल की स्थापना की शतवर्षीय जयन्ती के उपलक्ष्य में “अस्पताल परिवार” के सदस्यों से वाटिकन के पौल षष्ठम सभागार में मुलाकात की और उन्हें दुनियाभर के बच्चों की देखभाल करने के मिशन कार्य को जारी रखने का प्रोत्साहन दिया।

वाटिकन न्यूज

वाटिकन सिटी, शनिवार, 16 मार्च 2024 (रेई) : रोम स्थित बम्बिनो जेसु बाल चिकित्सा अस्पताल ने शनिवार को अपनी स्थापना की शतवर्षीय जयन्ती मनायी। एक सौ साल पहले, इसे साल्वियाती परिवार द्वारा वाटिकन को दान कर दिया गया था। "बाम्बिनो जेसु बाल चिकित्सा अस्पताल, बच्चों के लिए पूरी तरह से समर्पित पहला इतालवी अस्पताल है जो 'पोप का अस्पताल' बन गया है।" पोप पीयुस ने अस्पताल को 20 फरवरी, 1924 को स्वीकार किया था।

अस्पताल के उपहार के लिए अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते हुए संत पापा फ्राँसिस ने इस अवसर पर अपने सम्बोधन में तीन चीजों पर प्रकाश डाला : उपहार, देखभाल और समुदाय।

उपहार

संत पापा ने कहा, “आज "बाम्बिनो जेसु" यूरोप के सबसे बड़े बाल चिकित्सा अनुसंधान और उपचार केंद्रों में से एक है, जो दुनियाभर से आनेवाले परिवारों के लिए एक केंद्रबिंदु है। हालाँकि, उपहार का तत्व इसके इतिहास और बुलाहट में उदारता, उपलब्धता और विनम्रता के मूल्यों के साथ मौलिक बना हुआ है।” अस्पताल भेंट करनेवाली रानी अराबेल्ला सालवियाती की याद करते हुए उनके महान कार्य की सराहना की जिन्होंने अपने बच्चों के लिए अस्पताल का निर्माण कराया था। पोप ने कहा, “यह हमें बताता है कि यह महान कार्य इन बच्चों (सालवियाती) की तरह उनके बीमार साथियों के लाभ के लिए भी एक विनम्र उपहार है।” साथ ही संत पापा ने उन उपकारकों की याद की जिनकी उदारता के बदौलत, असाध्य रोगों से पीड़ित बाल रोगियों के लिए प्रशामक देखभाल केंद्र बनाना संभव हो सका।

संत पापा ने उनके कार्यों की सराहना करते हुए कहा, “केवल इस प्रकाश में ही हम अपने द्वारा किए गए कार्यों के मूल्य को पूरी तरह समझ सकते हैं, छोटी से लेकर बड़ी चीजों तक, और आप भविष्य के लिए सपने देखना जारी रख सकते हैं।” इन सब में उपहार उनके अस्तित्व और कार्य का एक अनिवार्य तत्व है।

देखभाल

संत पापा ने बम्बिनो जेसू अस्पताल की विशेषता पर गौर करते हुए कहा कि विज्ञान और इसके परिणामस्वरूप देखभाल करने की क्षमता, आज इसकी पहली विशेषता है। उन्होंने अस्पताल के कर्मचारियों से कहा कि यह एक ठोस प्रतिक्रिया है कि वे उन परिवारों की मदद हेतु देते हैं जो अपने बच्चों के उपचार के लिए सहायता की मांग करते हैं। इसलिए बायोमेडिकल अनुसंधान में उत्कृष्टता महत्वपूर्ण है। पोप ने उन्हें “गंभीर, दुर्लभ या अति-दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित रोगियों के लिए अपना सर्वोत्तम अर्पित करने और सबसे नाजुक लोगों पर विशेष ध्यान देने का प्रोत्साहन दिया। साथ ही उनसे आग्रह किया कि वे “अपने शोध के परिणामों को हर किसी के लिए उपलब्ध कराना जारी रखें, खासकर जहां इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है।”  

काम की अधिकता और कठिनाइयों के बावजूद संत पापा ने उन्हें सलाह दी कि वे अस्पताल आनेवाले जरूरतमंद लोगों की मदद और देखभाल अपने सामीप्य और करुणा से अर्पित करें क्योंकि बच्चों की बीमारी पूरे परिवार को प्रभावित करती है जबकि नर्सों के अच्छे व्यवहार से उन्हें सांत्वना मिलती है। उन्होंने कहा, “हर स्तर पर संबंध, निकटता और कोमलता के बिना, देखभाल असंभव है।

समुदाय

अपने संदेश के अंतिम बिन्दु समुदाय पर चिंतन करते हुए संत पापा ने गौर किया कि बम्बिनो जेसु अस्पताल का मिशन है “जीवन जो जीवन की मदद करते हैं।” उन्होंने कहा, “यह सुंदर है, क्योंकि यह एक साथ मिलकर किए गए मिशन की बात करता है, एक सामूहिक कार्य, जिसमें प्रत्येक व्यक्ति के उपहार को जगह मिलती है। उन्होंने सामुदायिक भावना बनाये रखने का प्रोत्साहन देते हुए कहा, "यह आपकी असली ताकत है और सबसे कठिन चुनौतियों का भी सामना करने का आधार है।” इस मिशन को हरेक अपने अपने तरीके से पूरा करता है। “कुछ लोगों के लिए इसमें पूरे जीवन का समर्पण; कुछ के लिए स्वयंसेवक के रूप में अपना समय अर्पित करना; कुछ लोग अभी भी अपने रक्त दान, अपने दूध - अस्पताल में भर्ती नवजात शिशुओं के लिए जिनकी माताएँ इसे प्रदान नहीं कर सकती - जीवित या मृत लोगों के शरीर से लिए गए अंगों, कोशिकाओं और ऊतकों के दान शामिल है। प्यार कुछ माता-पिताओं को अपने बच्चों के अंगों के दान के लिए सहमति देने के वीरतापूर्ण भाव की ओर प्रेरित करता है। इस सब में जो उभर कर आता है वह है "एक साथ मिलकर काम करना", जहाँ बाल रोगियों की भलाई हेतु विभिन्न प्रकार से योगदान दिया जा सकता है।

संत पापा ने बम्बिनो जेसु अस्पताल के प्रति अपने भावों को व्यक्त करते हुए कहा, जब मैं जेसु बम्बिनो अस्पताल आता हूँ तो दो विरोधाभासी विचार आते हैं, पहला पीड़ित बच्चों और उनके माता पिताओं की पीड़ा महसूस होती है और दूसरा कि उनके इलाज के लिए जो कुछ किया जा रहा है उसे देखकर बड़ी उम्मीद जगती है।

अंत में, संत पापा ने सभी को अपना आशीर्वाद देते हुए उन्हें इस सुन्दर कार्य को आगे बढ़ने का प्रोत्साहन दिया।

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16 March 2024, 15:05