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संत मरिया मेजर महागिरजाघर संत मरिया मेजर महागिरजाघर 

पोप ने संत मरिया मेजर महागिरजाघर के नियम बदले

पोप फ्राँसिस ने रोम स्थित संत मरिया मेजर महागिरजाघर के लिए कुछ नये नियमों और कानूनों को मंजूरी दी और इसके पुरोहितों को प्रेरितिक एवं आध्यात्मिक कर्तव्यों पर ध्यान केंद्रित करने का आदेश दिया।

वाटिकन न्यूज

वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 21 मार्च 24 (रेई) : पोप फ्राँसिस ने एक पत्र के साथ, मरिया मेजर महागिरजाघर के लिए नए नियमों को मंजूरी दी और एक नई प्रशासनिक परिषद की स्थापना होने तक नए मानदंडों को लागू करने के लिए सभी संकायों के साथ इसे महाधर्माध्यक्ष रोलैंडस मकरिकस को सौंपा है।

दिसंबर 2021 में असाधारण आयुक्त के रूप में नियुक्त किए गए महाधर्माध्यक्ष मकरिकस को सौंपे गये आयोग की प्रक्रिया में, पोप फ्राँसिस ने महागिरजाघर के पुनर्निर्माण का कार्य पूरा किया है, जहाँ उन्होंने सौ से अधिक बार दौरा किया और आशा करते हैं कि उनका दफन वहीं हों।

वाटिकन राज्य सचिवालय के स्थानापक, महाधर्माध्यक्ष एडगर पेना पार्रा ने एक दस्तावेज प्रकाशित कर, पुरोहितों की नियुक्ति, उनके नए कर्तव्यों, नए क़ानूनों और नियमों के दस्तावेज तथा महाधर्माध्यक्ष मकरिकस के अधिकार एवं कर्तव्य की रूपरेखा तैयार की है।"

महागिरजाघर के नियमों को पुनः व्यवस्थित करना

अपने पत्र में संत पापा फ्राँसिस ने याद किया कि "ईश्वर के लोगों की अधिक भलाई के लिए" महागिरजाघर को फिर से व्यवस्थित करने का काम एक विशेष आयोग की सहायता से महाधर्माध्यक्ष मकरिकस को सौंपा गया था।

सदियों से, संत मरिया मेजर महागिरजाघर ने अपने खजाने की रक्षा की है – जैसे कि रोम की संरक्षिका माता मरियम की प्रतिमा (जिन्हें पोप अपनी हर प्रेरितिक यात्रा सौंपते है) और पवित्र चरणी के अवशेष का रखरखाव - धार्मिक उत्सवों की सजावट की देखरेख, और महागिरजाघर की तीर्थयात्रा करनेवाले विश्वासियों का स्वागत आदि।

पोप ने लिखा, "आज, आयोग की प्रक्रिया के अंत में, मैं पुरोहितों को किसी भी आर्थिक और प्रशासनिक जिम्मेदारी से मुक्त करना उचित समझता हूँ, ताकि वे पूरी तरह से और नए जोश के साथ तीर्थयात्रियों की आध्यात्मिक और प्रेरितिक सेवा के लिए खुद को समर्पित कर सकें। जहाँ दुनिया भर से लोग पश्चिम के पहले मरियम तीर्थस्थल की खोज रहते हैं और पाने की आशा करते हैं।"

महापुरोहित के कर्तव्य

पोप ने नियमों और कानूनों को मंजूरी दी, जिसके बारे में उन्होंने कहा कि इसे "प्रेरितिक संविधान प्रेदिकाते इवनजेलियुम के सिद्धांतों और मानदंडों से प्रेरित होकर" तैयार किया गया है, और महाधर्माध्यक्ष मकरिकस को "नए मानदंडों के परिनियमन और नियमों को लागू करने तक सभी आवश्यक संकायों" से सम्मानित किया गया है।"

संत पापा ने आगे आदेश दिया कि महापुरोहित "कानूनी प्रतिनिधित्व" और "सामान्य एवं असाधारण प्रशासन के कार्यों को करने की शक्ति" बरकरार रखेंगे। यह तब तक जारी रहेगा जब तक कि एक प्रशासनिक परिषद की स्थापना नहीं हो जाती - क़ानून द्वारा स्थापित एक नई इकाई - जिसे, जैसा कि अनुच्छेद 48 में कहा गया है, महागिरजाघर की संपत्ति के प्रबंधन का कार्यभार सौंपा जाएगा।

प्ररितिक देखभाल के लिए एक प्रतिनिधि और प्रशासन के लिए एक प्रतिनिधि

पोप ने महाधर्माध्यक्ष ने मकरिकस को, उन पदों में नियुक्तियों तक, महापुरोहित के विकर, प्रेरितिक देखभाल के लिए प्रतिनिधि और प्रशासन के लिए प्रतिनिधि से संबंधित कर्तव्य भी सौंपे।

प्रशासनिक परिषद के कर्तव्य

अध्यक्षता करनेवाले महापुरोहित के साथ दो प्रतिनिधि,  प्रशासनिक परिषद की रचना करेंगे, जिसमें वाटिकन सिटी के राज्यपाल का एक प्रतिनिधि और एपीएसए (परमधर्मपीठ की विरासत का प्रशासन) का एक प्रतिनिधि होगा।

बतलाया गया है कि सभी सदस्य पांच साल तक सेवा देंगे और उन्हें दोबारा नियुक्त किया जा सकता है; उनका अधिदेश पिछले वित्तीय वर्ष के वित्तीय विवरण के अनुमोदन के साथ समाप्त हो जाएगा।

 

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21 March 2024, 17:00