खोज

संत पापा फ्राँसिस संत पापा फ्राँसिस  (ANSA)

स्वर्ग की रानी प्रार्थना: प्रभु का पुनरुत्थान अत्यधिक आनंद लाता, हमारे जीवन को बदल देता

पास्का सोमवार को संत पापा फ्राँसिस ने स्वर्ग की रानी प्रार्थना का पाठ किया तथा संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में उपस्थित तीर्थयात्रियों एवं विभिन्न संचार माध्यमों द्वारा उनसे जुड़े सभी विश्वासियों को संदेश देते हुए एक प्रसन्नचित साक्षी बनने का प्रोत्साहन दिया।

वाटिकन न्यूज

वाटिकन सिटी, सोमवार, 1 अप्रैल 2024 (रेई) : वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में पास्का सोमवार को संत पापा फ्राँसिस ने भक्त समुदाय के साथ स्वर्ग की रानी प्रार्थना का पाठ किया। स्वर्ग की रानी प्रार्थना के पूर्व उन्होंने विश्वासियों को सम्बोधित कर कहा, प्रिय भाइयो एवं बहनो, सुप्रभात।

आज, पास्का अठवारे के सोमवार का सुसमाचार पाठ (मती. 28:8.15) हमें येसु के पुनरूत्थान पर नारियों की खुशी को प्रस्तुत करता है। पाठ बतलाता है कि उन्होंने "बहुत खुशी" के साथ कब्र छोड़ा, और "उनके शिष्यों को बताने दौड़ीं।" (पद.8) यह खुशी, जो पुनर्जीवित प्रभु के साथ साक्षात् मुलाकात से उत्पन्न होती है, एक शक्तिशाली भावना है, जो उन्हें फैलाने और उन्होंने जो देखा है उसे बताने के लिए प्रेरित करती है।

खुशी बांटना एक अद्भुत अनुभव

खुशी बांटना एक अद्भुत अनुभव है, जिसे हम बहुत छोटी उम्र से सीखते हैं: एक ऐसे बच्चे के बारे में सोचें, जिसने स्कूल में अच्छे अंक प्राप्त किए हैं और उसे अपने माता-पिता को दिखाने के लिए इंतजार नहीं कर सकता, या एक युवा जिसने खेल में अपनी पहली सफलता हासिल की है, या वह परिवार जिसमें किसी बच्चे का जन्म हुआ है।

आइए, हम प्रत्येक, एक ऐसे पल की याद करें, जो इतनी खुशी का था कि इसे शब्दों में बयां करना मुश्किल था, लेकिन हम तुरंत हर किसी को इसके बारे में बताना चाहते थे!

नारियों ने पास्का सुबह यही अनुभव किया, लेकिन उनका अनुभव वृहद स्तर पर था। क्यों? क्योंकि येसु का पुनरुत्थान केवल अद्भुत समाचार या किसी कहानी का सुखद अंत नहीं है, बल्कि कुछ ऐसा है जो हमारे जीवन को पूरी तरह और हमेशा के लिए बदल देता है! यह मृत्यु पर जीवन की, निराशा पर आशा की विजय है।

हम भी पुनर्जीवित प्रभु से मिल सकते हैं

संत पापा ने कहा, भाइयो, बहनो, पुनरुत्थान का आनंद कोई दूर की बात नहीं है। यह बहुत करीब है, यह हमारा है, क्योंकि यह हमें हमारे बपतिस्मा के दिन दिया गया है। तब से, हम भी, महिलाओं की तरह, पुनर्जीवित ख्रीस्त से मिल सकते हैं और वे हमसे कहते हैं, जैसा उन्होंने उनसे कहा: "डरो मत!" (पद 10) और यदि येसु, पाप, भय और मृत्यु पर विजय पानेवाले, हमसे कहते हैं कि डरो मत, तो आइए हम नहीं डरें, निराशाजनक जीवन न जीएँ, हम पास्का के आनंद को न छोड़ें! इसके विपरीत, आइए, हम येसु के आनंद को बढ़ायें, जो जीवन का इंजन है।

लेकिन हम इस खुशी को कैसे बढ़ा सकते हैं? संत पापा ने कहा, जैसा कि महिलाओं ने किया : पुनर्जीवित प्रभु से मुलाकात करके, क्योंकि वे उस आनंद के स्रोत हैं जो कभी समाप्त नहीं होता।

पास्का के आनन्द को कभी न त्याग दें

तो, आइए हम उनसे पवित्र मिस्सा बलिदान में, उनकी क्षमा में, प्रार्थना में और जीवित दान में खोजने की जल्दी करें! और हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि येसु का आनंद दूसरे तरीके से भी बढ़ता है, जैसा कि महिलाएँ दिखाती हैं: उनकी घोषणा करके, उनकी गवाही देकर। क्योंकि खुशी बांटने पर बढ़ती है।

कुँवारी मरियम, जिन्होंने पास्का में अपने पुत्र येसु के पुनरूत्थान पर आनन्द मनाया, हमें प्रसन्नचित साक्षी बनने में मदद करें। इतना कहने के बाद संत पापा फ्राँसिस ने भक्त समुदाय के साथ स्वर्ग की रानी प्रार्थना का पाठ किया तथा सभी को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।  

 

 

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

01 April 2024, 15:26