अफगानिस्तान में बाढ़ से निपटने के लिए सहायता एजेंसियाँ जुटीं
वाटिकन न्यूज
अफगानिस्तान, मंगलवार, 14 मई 2024 (रेई) : पूर्वोत्तर अफगानिस्तान में अचानक आई बाढ़ से दर्जनों बच्चों सहित कम से कम 300 लोग और 1,600 से अधिक लोग घायल हो गए हैं।
मानवीय सहायता के लिए आह्वान
सबसे अधिक मौतें बघलान प्रांत में हुईं, जहाँ यूनिसेफ के अनुसार, भारी बारिश ने लगभग 3,000 घरों को नष्ट कर दिया, कृषि भूमि को नुकसान पहुंचाया, पशुधन बह गये, स्कूल बंद हो गए और स्वास्थ्य केंद्र क्षतिग्रस्त हो गए हैं। सहायता समूह सेव द चिल्ड्रन ने कहा कि बघलान के पांच जिलों में लगभग 600,000 लोग रहते हैं, जिनमें से आधे बच्चे हैं। तखर और बदख्शान प्रांत भी प्रभावित हुए और प्रारंभिक रिपोर्टों में कहा गया है कि कम से कम 300 घर क्षतिग्रस्त हो गए।
एक बयान में, तालिबान के वित्तमंत्री दीन मोहम्मद हनीफ ने संयुक्त राष्ट्र, मानवीय एजेंसियों और निजी व्यवसायों से आपदा से प्रभावित लोगों को सहायता प्रदान करने का आग्रह किया।
सेव द चिल्ड्रन के राष्ट्रीय निदेशक अरशद मलिक ने पुष्टि की कि जो परिवार अभी भी तीन साल के सूखे के आर्थिक प्रभावों से जूझ रहे हैं, उन्हें तत्काल सहायता की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, "आकस्मिक बाढ़ ने गांवों को तबाह कर दिया, घर और पशुधन बह गए। बच्चों ने सब कुछ खो दिया है।"
यूनिसेफ, डब्ल्यूएचओ और सेव द चिल्ड्रन से सहायता
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और यूनिसेफ के साथ, सेव द चिल्ड्रेन, कई अंतरराष्ट्रीय सहायता संगठनों में से एक है जो राहत दल, दवाएँ, कंबल और अन्य आपूर्ति भेज रहे हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि उसने 7 टन दवाएँ और आपातकालीन किट वितरित कीं। यूनिसेफ ने अन्य संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों और भागीदारों द्वारा प्रदान किए गए समर्थन के पूरक के रूप में 450 पारिवारिक किट, 500 स्वच्छता किट, वयस्कों और शिशुओं के लिए 476 कंबल और 100 कपड़े किट भेजे हैं। एक यूनिसेफ मोबाइल स्वास्थ्य और पोषण टीम भी तैनात की गई है और यूनिसेफ की टीमें आगे के मूल्यांकन में मदद करने के लिए जमीन पर हैं।
अफगानिस्तान में यूनिसेफ के प्रतिनिधि डॉ. ताजुद्दीन ओयेवाले ने बताया, "भारी बारिश और इसके परिणामस्वरूप आई बाढ़ ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है और प्रभावित प्रांतों में बच्चों के लिए एक बड़ा खतरा पैदा कर दिया है।" “जब परिवार नुकसान झेल रहे हैं, यह महत्वपूर्ण है कि वे सुरक्षित पानी, स्वास्थ्य और सुरक्षा सेवाओं तक पहुँच सकें। हमेशा की तरह, यूनिसेफ इस कठिन समय में अफगानिस्तान के बच्चों और लोगों के साथ खड़ा है।”
जलवायु परिवर्तन के कारण अधिक चरम मौसमी घटनाएँ
अफगानिस्तान प्राकृतिक आपदाओं से ग्रस्त है और संयुक्त राष्ट्र इसे जलवायु परिवर्तन के प्रति सबसे संवेदनशील देशों में से एक मानता है। तालिबान के सत्ता में आने के बाद से इसे सहायता में कमी का सामना करना पड़ा है क्योंकि 2021 में विदेशी सेनाओं की वापसी के बाद से विकास सहायता, जो सरकारी वित्त की रीढ़ थी, में कटौती कर दी गई थी। बाद के वर्षों में यह और भी बदतर हो गया है क्योंकि विदेशी सरकारें प्रतिस्पर्धी वैश्विक संकटों से जूझ रही हैं और अफगान महिलाओं पर तालिबान शासन की कार्रवाई की बढ़ती निंदा हो रही है।
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