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पापुआ न्यू गिनी, "जीवित बचे लोगों के मिलने की संभावना नहीं" पापुआ न्यू गिनी, "जीवित बचे लोगों के मिलने की संभावना नहीं"  (ANSA)

संत पापा ने पापुआ न्यू गिनी के प्रति अपनी निकटता को नवीनीकृत किया

संत पापा फ्राँसिस ने अपने आम दर्शन के दौरान पापुआ न्यू गिनी में सभी पीड़ितों और विस्थापितों को सांत्वना के शब्द कहे। विनाशकारी भूस्खलन ने अनगिनत लोगों की जान ले ली और देश के कई गांवों को दफना दिया। संत पापा सितंबर में इस देश का दौरा करने वाले हैं।

वाटिकन न्यूज़

वाटिकन सिटी, बुधवार 29 मई 2024 : मृतकों की संख्या में लगातार वृद्धि के बीच संत पापा फ्राँसिस ने वाटिकन के संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में बुधवारीय आम दर्शन के दौरान पापुआ न्यू गिनी में हुए विनाशकारी भूस्खलन से पीड़ित सभी लोगों के प्रति अपनी निकटता व्यक्त की।

उन्होंने इतालवी तीर्थयात्रियों को संबोधित करते हुए कहा, "मैं पापुआ न्यू गिनी के कुछ गांवों में आए भीषण भूस्खलन के पीड़ितों के लिए अपनी प्रार्थनाओं का आश्वासन देना चाहता हूँ।"

"ईश्वर उनके परिवारों, अपने घरों को खोने वालों और पापुआ के लोगों को सांत्वना दें, जिनसे, ईश्वर की इच्छा से, मैं अगले सितंबर में मिलूंगा।"

देश के उत्तरी भाग में एन्गा प्रांत के मैप-मुलिताका क्षेत्र में एक पहाड़ के कुछ हिस्से पिछले शुक्रवार की सुबह ढह गए। अनुमान है कि इस आपदा में 2,000 से अधिक लोगों की मौत हुई है, तथा इस क्षेत्र में 70,000 से अधिक लोग रह रहे हैं।


मरने वालों की संख्या नई ऊंचाइयों पर पहुंच रही है

सोमवार को  भेजे गये शोक संदेश के बाद, यह संत पापा की उन लोगों के लिए नवीनतम अपील है जो पीड़ित हैं।

संदेश में, संत पापा ने विशेष रूप से मृतकों, उनके प्रियजनों तथा अभी भी लापता कई लोगों के बचाव के लिए प्रार्थना की।

संत पापा ने "राहत प्रयासों को जारी रखने के लिए नागर अधिकारियों तथा आपातकालीन कर्मियों को अपना प्रोत्साहन" दिया, तथा सभी से "सांत्वना तथा शक्ति के दिव्य आशीर्वाद" की प्रार्थना की।

संत पापा सितंबर में इंडोनेशिया, सिंगापुर, तिमोर-लेस्ते और पापुआ न्यू गिनी का दौरा करने वाले हैं।

धन्य जुसेप्पे रॉसी ने अपने लोगों को कभी नहीं छोड़ा

संत पापा ने शहीद पुरोहित फादर जुसेप्पे रॉसी को यह भी याद किया, जिन्हें रविवार को इटली के नोवारा में धन्य घोषित किया गया। संत पापा ने याद किया कि "दया के प्रति उत्साही पल्ली पुरोहित" ने द्वितीय विश्व युद्ध के दुखद दौर में अपने लोगों को नहीं छोड़ा, बल्कि अपना खून बहाने तक उनकी रक्षा की।

संत पापा फ्राँसिस ने प्रोत्साहित करते हुए कहा, "उनकी वीरतापूर्ण गवाही हमें जीवन की चुनौतियों का सामना धैर्य के साथ करने में मदद करे।" इसके बाद उन्होंने स्क्वायर में एकत्रित श्रद्धालुओं को नए धन्य के लिए तालियाँ बजाने हेतु आमंत्रित किया।

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29 May 2024, 15:48