मुझे लोगों के बीच रहना पसंद है, सन्त पापा फ्राँसिस
वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 3 मई 2024 (रेई, वाटिकन रेडियो): रोम में विश्व बाल दिवस की पूर्व सन्ध्या इटली के सार्वजनिक रेल परिवहन ट्रेनीतालिया पत्रिका "ला फ़्रेच्चिया" को दिये एक साक्षात्कार में सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा कि उन्हें सार्वजनिक परिवहन में यात्रा कर लोगों के बीच रहना अत्यधिक पसन्द था जिसे इस समय वे सबसे अधिक याद करते हैं।
बच्चों का महत्व
वाटिकन स्थित सन्त मर्था प्रेरितिक प्रासाद में पत्रकार रोबेर्तो पाचिलो के साथ बातचीत में सन्त पापा ने बच्चों को महत्वपूर्ण बताया क्योंकि “सबसे छोटे बच्चों में सुंदरता की भावना बरकरार रहती है। उन्होंने कहा कि यदि हम बच्चों की सुनेंगे तो बच्चे स्वयं हम वयस्कों में जागरूकता को बढ़ाएंगे।"
पत्रकार रोबेर्तो पाचिनो ने 06 नवबर 2023 के दिन का स्मरण दिलाया जब वाटिकन के रेलवे स्टेशन पर सन्त पापा फ्राँसिस ने रॉक ट्रेन नामक रेलगाड़ी पर सवार लगभग 7,500 बच्चों को दर्शन देकर उन्हें आशीर्वाद दिया था। इस सन्दर्भ में किये गये प्रश्न का उत्तर देते हुए सन्त पापा ने कहा कि वह वैसा हि अनुभव था जैसा कि कोई नाना घर लौटनेवाले नाती पोतियों का स्वागत करता है। उन्होंने कहा कि बच्चे "हर किसी के लिए बदलाव की वास्तविक आशा" ला सकते हैं।
सन्त पापा ने कहा, "शिक्षित करने का अर्थ है नन्हें बच्चों का तब तक साथ देना जब तक उन्हें यह महसूस न हो कि वे इसे स्वयं कर सकते हैं।" उन्होंने कहा, “यात्रा जीवन का एक रूपक है और रिश्तों के इस दैनिक सिलसिले में हमारा दायित्व यह जानना है कि दूसरों को स्वयं बने रहने देते हुए हम किस तरह उनके क़रीब जा सकते हैं।"
सृष्टि के प्रति सम्मान
सृष्टि की सुरक्षा पर ध्यान देने का आग्रह करते हुए सन्त पापा ने कहा कि बच्चों के द्वारा हम सृष्टि के प्रति सम्मान की भावना को प्रोत्साहित कर सकते हैं। उन्होंने कहा, "बच्चों से हम सृष्टि के साथ संबंध भी सीख सकते हैं, जो वयस्कों के साथ अक्सर कठिन होता है।" सन्त पापा ने सभी को आमंत्रित किया कि वे "सादगी खोए बिना विकसित होवें।" इस तथ्य को उन्होंने रेखांकित किया कि एक बच्चे की स्थिति "एक युवा व्यक्ति या एक वयस्क के समान नहीं है। हम सभी को सरल होना चाहिए, लेकिन अपनी-अपनी उम्र के अनुसार"।
सन्त 2015 में प्रकाशित पर्यावरण और सृष्टि की सुरक्षा सम्बन्धी अपने विश्व पत्र पर बोलते हुए सन्त पापा ने कहा कि तब से अब तक कुछ अधिक परिवर्तन नहीं हुआ है। विश्व पत्र के प्रकाशन के आठ वर्ष बाद, अभी भी, उन्होंने कहा, "संकट में सभी लोगों की भागीदारी की आवश्यकता है: सम्पूर्ण समाज को स्वस्थ दबाव सहित पर्यावरण और सृष्टि की देखभाल के प्रति सजग होना पड़ेगा, हर परिवार को यह सोचना होगा कि उनके बेटे और बेटियों का भविष्य दांव पर है"। सन्त पापा ने कहा, "अपने सामान्य घर की सुरक्षा के लिए हम सभी को अपनी जीवनशैली बदलना नितान्त आवश्यक है।"
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