पवित्र पुरातत्व सम्बन्धी परमधर्मपीठीय आयोग के सदस्यों से
वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 17 मई 2024 (रेई, वाटिकन रेडियो): वाटिकन स्थित पवित्र पुरातत्व सम्बन्धी परमधर्मपीठीय आयोग की पूर्ण कालिक बैठक में भाग ले रहे सदस्यों ने शुक्रवार को सन्त पापा फ्राँसिस का साक्षात्कार कर उनका सन्देश सुना। इस अवसर पर सन्त पापा ने आगामी वर्ष मनाये जा रहे पवित्र वर्ष 2025 के विषय "आशा के तीर्थयात्री" पर विशेष चिन्तन किया।
आयोग के कार्यों की सराहना
उन्होंने इटली के ख्रीस्तीय तलघरों एवं पवित्र गुफाओं की सुरक्षा, अनुसंधान, बहाली और मूल्य निर्धारण की उच्च गुणवत्ता बनाए रखने के लिए ईसाई पुरातत्व के छात्रों और विद्वानों की नई पीढ़ियों को शामिल करने की प्रतिबद्धता हेतु परमधर्मपीठीय आयोग तथा उसके समस्त सहयोगियों की सराहना की।
इस सन्दर्भ में सन्त पापा ने कहा कि शैक्षिक कार्यशालाओं में परिवारों और बच्चों की भागीदारी के साथ ख्रीस्तीय तलघर दिवस का निर्माण; टेलीविज़न कार्यक्रमों और सोशल मीडिया दोनों में विभिन्न तलघरों एवं पवित्र गुफाओं की प्रस्तुति और साथ ही इस दिशा में प्रदत्त छात्रवृत्ति, विभिन्न विश्वविद्यालयों के सहयोग से वार्षिक पुरातात्विक अनुसंधान आदि सभी पहलें ख्रीस्तीय तलघरों के ज्ञान और उनकी योग्य उपस्थिति को बढ़ावा देने में योगदान देती हैं।
सन्त पापा ने कहा, "पूर्ण कालिक बैठक ने सबसे पहले आपका ध्यान विभिन्न इतालवी क्षेत्रों में चल रही परियोजनाओं की ओर दिलाया, जो निरंतर और दिलचस्प खोजों का कारण बनती हैं और जिन्हें प्रकाशनों और कई वैज्ञानिक सम्मेलनों में हस्तक्षेप दोनों द्वारा प्रलेखित किया गया है।" तथापि, सन्त पापा ने कहा कि सबसे बढ़कर आगामी वर्ष मनाई जा रही जयंती पर आपने विचारों का आदान-प्रदान किया जिसमें ख्रीस्तीय तलघर और पवित्र गुफाएं स्वाभाविक रूप से सबसे महत्वपूर्ण स्थलों में से एक होंगी।
"आशा के तीर्थयात्री"
सन्त पापा ने कहा, जयंती का विषय, "आशा के तीर्थयात्री", वास्तव में, पवित्र गुफाओं के मार्गों में अपने विलक्षण और विचारोत्तेजक झुकाव को पाता है। वहां प्रारंभिक ईसाई तीर्थयात्रा के कई संकेत मिलते हैं: उदाहरण के लिए, मेरे विचार सन्त सबास्तियान को समर्पित गुफा के तथाकथित ट्रिक्लिया तथा मेमोरिया एपोस्तोलोरुम के बहुत महत्वपूर्ण भित्तिचित्रों के प्रति अभिमुख होते हैं, जहां प्रेरितवर सन्त पेत्रुस एवं सन्त पौल के अवशेष सुरक्षित हैं।
उन्होंने इस बात की ओर ध्यान आकर्षित कराया कि ख्रीस्तीय तलघरों एवं पवित्र गुफाओं के रास्तों में हम सबसे प्राचीन ईसाई प्रतीकों और अभ्यावेदन की खोज करते हैं, जो ईसाई आशा की गवाही देते हैं। इन पवित्र गुफाओं में सब कुछ आशा की बात करता है: मृत्यु से परे जीवन की, खतरों से मुक्ति की और ईश्वर के कार्य के माध्यम से मृत्यु की तथा भले गड़ेरिये येसु मसीह में हमें हरे-भरे पौधों की आकृतियों के साथ स्वर्ग के आनंद में सहभागी बनने लिए आमंत्रित करता है। उन्होंने कहा, "फूल, हरी घास के मैदान, मोर और कबूतर, चरती भेड़ें... सब कुछ आशा और जीवन की चर्चा करता है!"
शहीदों की गवाई
ख्रीस्तीय तलघरों एवं पवित्र गुफाओं की तीर्थयात्रा में हम प्रतीक्षा और ईसाई आशा की भावना का अनुभव करते हैं। यह तीर्थयात्रा हमें स्मरण दिलाती है कि हम सभी तीर्थयात्री हैं, जो ईश्वर के साथ साक्षात्कार के लक्ष्य की ओर अग्रसर हैं, जो पुनर्जीवित मसीह में हमें अपने आनंद और अपनी शांति को साझा करने के लिए आमंत्रित करते हैं।
सन्त पापा ने कहा कि पवित्र गुफाओं के पथों पर प्रदर्शित शहीदों की गवाई में ख्रीस्तीय आशा का संचार होता है। इस कारण से, "मैं आपको जयंती के मद्देनजर, शहीदों की कब्रों को उजागर करने के प्रस्ताव पर हार्दिक बधाई देता हूं, उन्हें तीर्थयात्रियों के कार्यक्रम में महत्वपूर्ण पड़ाव के रूप में प्रस्तावित करता हूं। उनके सामने रुकने से हम अपनी तुलना इन ईसाइयों के साहसी उदाहरण से करते हैं, जो हमेशा मौजूद रहते हैं, और हमें कई भाइयों के लिए प्रार्थना करने के लिए आमंत्रित करते हैं जो आज मसीह में अपने विश्वास के लिए उत्पीड़न का सामना करते हैं।"
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