संत पापा : यूक्रेन, म्यांमार और पवित्र भूमि में युद्धों से बच्चे पीड़ित हैं
वाटिकन न्यूज़
वाटिकन सिटी, बुधवार 29 मई 2024 : वे बच्चे जो अब मुस्कुराते नहीं हैं, जो बच्चे पीड़ित हैं, जो युद्ध में हैं: संत पापा फ्राँसिस के विचार संघर्षों की क्रूरता, निर्दोषों पर पड़ने वाले परिणामों से विचलित नहीं होते हैं और एक बार फिर, आमदर्शन समारोह के दौरान अपने अभिवादन में, दुनिया के युद्धरत देशों, यूक्रेन में भी हिंसा के पीड़ित छोटे बच्चों को याद किया।
संत पापा ने कहा, “मेरे विचार पीड़ित यूक्रेन की ओर जाते हैं, पिछले दिनों मुझे ऐसे लड़के और लड़कियाँ मिलीं जो जल गए हैं, युद्ध के कारण अपने पैर खो दिए हैं। युद्ध सदैव क्रूर होता है। इन बच्चों को कृत्रिम भुजाओं और पैरों के साथ चलना शुरू करना होगा। उन्होंने अपनी मुस्कान खो दी है, यह बहुत बुरा है, बहुत दुखद है, जब कोई बच्चा अपनी मुस्कान खो देता है।”
बच्चों को कष्ट होता है
संत पापा फ्राँसिस के शब्द हमें उस समय की याद दिलाते हैं, जब पिछले शनिवार 24 मई को, उन्होंने वाटिकन में यूक्रेनी और फिलिस्तीनी बच्चों के एक समूह का स्वागत किया था, जो विश्व बाल दिवस के अवसर पर रोम पहुंचे थे। हिंसा के छोटे पीड़ित, अपंग बच्चे, जिन्होंने इन सब के बावजूद खुशी से संत पापा का स्वागत किया।
संत पापा फ्राँसिस दुनिया के सभी पीड़ित बच्चों को याद करते हुए कहा, “हम यूक्रेनी बच्चों के लिए प्रार्थना करें। आइए, फ़िलिस्तीन, इज़राइल को न भूलें, जो इतना कष्ट सहते हैं। युद्ध ख़त्म होने दें! और आइए, म्यांमार को न भूलें जो युद्ध में है और कई देश जो युद्ध में हैं। बच्चे पीड़ित हैं, बच्चे युद्ध में पीड़ा सहते हैं, आइए, हम प्रभु से प्रार्थना करें कि वह सभी के करीब रहें और हमें शांति की कृपा प्रदान करें।”
हमारे समय की गरीबी पर प्रतिक्रिया
संत पापा फ्राँसिस ने पहले ही संत पेत्रुस प्रांगण में मौजूद पोलिश तीर्थयात्रियों को अपने अभिवादन में यूक्रेन के बारे में बात की थी और उनसे कहा था कि "हमारे समय की गरीबी का जवाब देने के लिए", पोलिश कलीसिया के प्रमुख, धन्य कार्डिनल स्टीफन विस्ज़िंस्की की ओर देखें। और "हमारे समय की गरीबी, जिसमें कई देशों में, विशेषकर यूक्रेन में युद्ध के कारण उत्पन्न गरीबी भी शामिल है" पर प्रतिक्रिया देने की उनकी उदारता से सीखें।
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