खेल और आध्यात्मिकता पर रोम, अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन की मेजबानी करेगा
वाटिकन न्यूज
रोम, मंगलवार, 7 मई 2024 (रेई) : पेरिस में 2024 ओलंपिक खेलों की रूपरेखा में, वाटिकन में फ्रांसीसी दूतावास और संस्कृति के लिए वाटिकन विभाग 16-18 मई को खेल और आध्यात्मिकता पर एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन कर रहे हैं।
“हमारे जीवन को पटरी पर रखना” शीर्षक के इस कार्यक्रम में लगभग 200 प्रतिभागी पेशेवर/पैरालंपिक/शौकिया एथलीट, अंतरराष्ट्रीय खेल निकायों के प्रतिनिधि, खेल क्लबों के प्रबंधक, खेल के विश्वविद्यालय के छात्र और खेल की प्रेरितिक देखभाल के प्रतिनिधि शामिल होंगे। जो आध्यात्मिक निहितार्थों पर चिंतन करेंगे, जो समकालीन समाज में सबसे अधिक प्रचलित और अनुसरण की जानेवाली सांस्कृतिक गतिविधियों में से एक बन गया है।
खेल का आध्यात्मिक आयाम
कार्डिनल जोस तोलेनतिनो मेंडोंका जो सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे, कहा, “वास्तव में, खेल का जीवन के आध्यात्मिक आयाम से हमेशा संबंध रहा है, जैसा कि पोप फ्रांसिस ने भी कई अवसरों पर जोर दिया है।”
संस्कृति और शिक्षा विभाग के प्रीफेक्ट ने सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कार्यक्रम के बारे कहा, "अगर हम खेल के इतिहास को कलीसिया के इतिहास के समानांतर देखें, तो ऐसे कई क्षण आए हैं जिनमें खेल ख्रीस्तीयों के जीवन के लिए एक प्रेरणा और प्रतीक रहा है, या ख्रीस्तीय धर्म ने स्वयं अपनी मानवतावादी दृष्टि से खेल को समृद्ध किया है।”
कलीसिया और खेल
इसलिए प्रतिभागी यह समझने की कोशिश करेंगे कि खेल आज इतने लोकप्रिय क्यों हैं, जोखिमों की पहचान करेंगे, अधिक भाईचारा वाले, सहिष्णु और निष्पक्ष समाज के निर्माण के लिए उनकी प्रासंगिकता का आकलन करेंगे और इसलिए समझेंगे कि खेल प्रतियोगिता में ईश्वर स्वयं को कैसे प्रकट करते हैं। सम्मेलन का उद्देश्य, दो बुनियादी सवालों का जवाब ढूंढना है: "खेल का कलीसिया से क्या लेना-देना है?" और "कलीसिया को खेल से क्या कहना है?"
सम्मेलन में विषयों पर चर्चा की गई
पहले दिन (16 मई) प्रसिद्ध खिलाड़ियों की गवाही और कुछ ठोस प्रेरितिक अनुभवों को साझा करने के द्वारा "कलीसिया और खेल" के बीच संबंधों पर गौर किया जाएगा, जो खेल को सुसमाचार की सेवा में और सुसमाचार को खेल की सेवा में रखता है। दूसरे दिन (17 मई) इतालवी और फ्रांसीसी विश्वविद्यालयों के उच्च योग्य वक्ताओं के एक समूह के चिंतन के माध्यम से "व्यक्ति और खेल" के बीच संबंधों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जो खेल के शैक्षणिक, दार्शनिक, समाजशास्त्रीय और ईशशास्त्रीय संदर्भ में चर्चा करेंगे। तीसरे दिन (18 मई) में अधिक व्यावहारिक आयाम होगा, जिसमें नागरिक समाज को खेल की सामाजिक प्रासंगिकता दिखाने के लिए एकजुटता खेल कार्यक्रम (भ्रातृत्व रिले) होगा।
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