संत जॉन लातेरन से संत मरिया मेजर तक पवित्र संस्कार का भव्य जुलूस
वाटिकन न्यूज
वाटिकन सिटी, सोमवार 03 जून 2024 (वाटिकन न्यूज) : रविवार 2 जून को स्थानीय समय अनुसार शाम 5 बजे संत पापा फ्राँसिस ने रोम के संत लातेरन महागिरजाघर में प्रभु के शरीर औऱ रक्त के महोत्सव का पर्व मनाते हुए मिस्सा बलिदान अर्पित किया।
संत पापा फ्रांसिस ने अपने प्रवचन में पवित्र यूख्रारिस्त की स्थापना पर चिंतन करते हुए इसके तीन रहस्यों- कृतज्ञता, स्मृति और उपस्थिति पर अपने चिंतन व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यूखारिस्त शब्द का अर्थ ईश्वर के दानों के लिए कृतज्ञता, धन्यवाद देना है। अतः रोटी की यह निशानी हमारे लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हमारे जीवन का दैनिक आहार है, इसके द्वारा हम अपने को और अपना जो कुछ भी है, हमारा जीवन, हमारे कार्य, सफलताएं और असफलताएं उन्हें ईश्वर की वेदी के पास लाते हैं।
वास्तविक उपस्थिति
"ईश्वर हमें नहीं छोड़ता, बल्कि हमेशा हमारी तलाश करता है, हमारा इंतजार करता है और हमारे साथ रहता है, यहां तक कि खुद को असहाय रूप से हमारे हाथों में सौंप देता है। यूखारिस्त मसीह की वास्तविक उपस्थिति है, यह हमें एक ऐसे ईश्वर की बात करता है जो दूर नहीं है, बल्कि करीब है, जो हमें ढूंढता है, हमारा इंतजार करता है और हमारा साथ देता है, हमें अपने भाइयों के करीब रहने के लिए आमंत्रित करता है।
संत मारिया मेजर महागिरजाघर तक जुलूस
पवित्र मिस्सा के अंत में वाया मेरुलाना होते हुए संत मारिया मेजर तक पवित्र संस्कार का जुलूस निकाला गया। संत मरिया मेजर महागिरजाघऱ के परिसर में, मारिया सालुस पोपुली रोमानी की प्रतिष्ठित छवि के बगल में, पवित्र संस्कार की बेदी बनाई गई थी। जुलुस में विश्वासीगण प्रार्थना और गीत गाते हुए पवित्र संस्कार को संत मरिया मेजर महागिरजाघऱ के परिसर में पवित्र संस्कार की वेदी तक लाये, जहाँ संत पापा फ्राँसिस अन्य विश्वासियों के साथ प्रतीक्षा कर रहे थे। संत पापा फ्राँसिस ने आशीर्वाद देकर महोत्सव को समाप्त किया।
पवित्र मिस्सा के अंत में संत पापा फ्राँसिस ने रोम की सड़कों पर यूखारिस्त को ले जाने के इस कार्य का अर्थ समझाया था।
संत पापा ने कहा, “हम इसे दिखावे के लिए या यहां तक कि अपने विश्वास का दिखावा करने के लिए नहीं करते हैं, बल्कि सभी को यूखारिस्त की रोटी में, येसु द्वारा हमें दिए गए नए जीवन में भाग लेने के लिए आमंत्रित करने के लिए करते हैं; आइए इसी भावना से जुलूस निकालें।”
संत मरिया मेजर महागिरजाघर के परिसर में जुलूस का समापन
लातेरन महागिरजाघर में पारंपरिक मिस्सा समारोह और उसके बाद संत मरिया मेजर महागिरजाघर तक जुलूस 2017 से नहीं हुआ था। वास्तव में, 2018 में संत पापा फ्राँसिस ने रोमन उपनगरों में लगातार दो वर्षों तक प्रभु के शरीर औऱ रक्त के महोत्सव मिस्सा बलिदान समारोह मनाने का फैसला किया। इसके बाद, पहले महामारी आपातकाल और फिर संत पापा के स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं ने धार्मिक अनुष्ठान को नियमित रूप से करने से रोक दिया था।
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