विश्व दादा-दादी दिवस में भाग लेनेवालों को पूर्ण दण्ड-मोचन
वाटिकन न्यूज
विश्वासियों के बीच भक्ति को बढ़ावा देने के लिए, वाटिकन में प्रेरितिक प्रायश्चित विभाग के अध्यक्ष कार्डिनल केविन जोसेफ फरेल ने लोकधर्मी, परिवार और जीवन के लिए गठित परमधर्मपीठीय विभाग के अनुरोध पर, कहा है कि दादा-दादी और बुजुर्गों के लिए आगामी चौथे विश्व दिवस में भाग लेनेवाले कैथोलिकों को पूर्ण दण्ड-मोचन दिया जाएगा।
दादा-दादी और बुज़ुर्गों के लिए विश्व दिवस
विश्व दिवस की स्थापना पोप फ्राँसिस ने 2021 में की है और इसे हर साल जुलाई के चौथे रविवार को मनाया जाता है, जो येसु के दादा-दादी संत जोआकिम और अन्ना के पर्व दिवस के करीब है।
इस साल यह 28 जुलाई को "बुढ़ापे में मुझे मत त्यागो" (स्तोत्र 71:9) थीम के तहत मनाया जाएगा।
वाटिकन के प्रेरितिक प्रायश्चित विभाग के प्रमुख, कार्डिनल एंजेलो डी डोनातिस द्वारा हस्ताक्षरित एक डिक्री अनुसार, उन दादा-दादी, बुजुर्गों और विश्वासियों को पूर्ण दण्ड-मोचन दिया जाएगा जो "तपस्या और दान की सच्ची भावना से प्रेरित" होकर दुनिया भर में इस दिन के लिए आयोजित होनेवाले विभिन्न समारोहों में भाग लेंगे।
दण्डमोचन पाने का शर्त, पापस्वीकार संस्कार एवं पवित्र यूखरिस्त संस्कार में भाग लेना और संत पापा के मतलबों के लिए प्रार्थना करना है। जो केवल दादा-दादी और बुजुर्गों के लिए चौथे विश्व दिवस के लिए मान्य होगा।
पूर्ण दण्ड क्षमादान
पूर्ण दण्ड क्षमादान पहले से ही क्षमा किये जा चुके पापों के कारण लौकिक दण्ड की छूट प्रदान करता है, जिसे स्वयं पर या पापमोचन में आत्माओं पर लागू किया जा सकता है।
प्रेरितिक प्रायश्चित विभाग उन लोगों को भी पूर्ण दण्डमोचन प्रदान करेंगे जो अपने बुजुर्ग भाइयों और बहनों से मिलने के लिए महत्वपूर्ण समय समर्पित करते हैं - चाहे व्यक्तिगत रूप से या संचार के आभासी माध्यमों से - जो जरूरतमंद हैं या कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं, जैसे कि बीमार, परित्यक्त और विकलांग स्थिति में हैं।
पूर्ण दण्डमोचन बुजुर्ग बीमार व्यक्तियों तथा उन सभी व्यक्तियों को भी दी जा सकती है, जो किसी गंभीर कारण से अपने घर से बाहर नहीं निकल सकते, वे विश्व दिवस के पवित्र कार्यों में आध्यात्मिक रूप से शामिल होंगे, तथा अपनी प्रार्थनाएँ, कष्ट या पीड़ाएँ ईश्वर को अर्पित करेंगे, विशेष रूप से विभिन्न समारोहों के दौरान, जिनका प्रसारण मीडिया के माध्यम से किया जाएगा।
हालाँकि, क्षमादान के लिए यह आवश्यक है कि श्रद्धालु पाप से विरक्ति बनाए रखें और जितनी जल्दी हो सके तीन सामान्य शर्तों को पूरा करें।
डिक्री में, प्रेरितिक प्रायश्चित विभाग ने पाप-स्वीकार सुनने के लिए अधिकृत पुरोहितों से आग्रह किया है कि वे पापस्वीकार संस्कार के लिए उदार भावना के साथ खुद को उपलब्ध कराएँ।
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