2023.05.20 किगाली के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल अंतोनी कंबांडा ने 96 धर्मप्रचारकों के साथ युगांडा शहीद स्थलों का दौरा किया। 2023.05.20 किगाली के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल अंतोनी कंबांडा ने 96 धर्मप्रचारकों के साथ युगांडा शहीद स्थलों का दौरा किया। 

संत पापा: धर्मप्रचारकों को हर जगह साहसी गवाह बनना चाहिए

सामान्य आमदर्शन समारोह के दौरान, संत पापा फ्राँसिस ने बीसवीं सदी की शुरुआत में प्रसिद्ध धर्मशिक्षा के प्रवर्तक संत पापा पियुस दसवें को याद किया और उस दिन को याद किया जो दुनिया के कई हिस्सों में धर्मप्रचारकों को समर्पित है।

वाटिकन न्यूज

वाटिकन सिटी, बुधवार 21 अगस्त 2024 : यह उनकी एक स्वाभाविक चिंता थी और जब वे एक युवा पल्ली पुरोहित थे तब से उन्होंने अपनी प्रेरितिक गतिविधि को इस पर आधारित करना शुरू कर दिया था। युवा डॉन जुसेप्पे सार्तो ने  धर्माध्यक्ष द्वारा ट्रेविसो क्षेत्र में सौंपे गये कार्यों को पूरी शक्ति से बखूबी निभाया।

उसे धर्मशिक्षा का जुनून था, संरचित प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों के माध्यम से विश्वासियों में विश्वास जगाने की तत्काल आवश्यकता थी, साथ में संस्कारों का अभ्यास भी।

1903 में पियुस दसवें के नाम से परमाध्यक्ष चुने जाने के बाद, उन्होंने कई अन्य बातों के अलावा, एक नई धर्मशिक्षा विकसित करने की इच्छा व्यक्त की, जिसमें प्रश्नों और उत्तरों की एक श्रृंखला थी, जिसका उद्देश्य कम से कम शिक्षित लोगों को, जो उस समय एक बड़े सामाजिक समूह थे, ख्रीस्तीय जीवन की नींव को आत्मसात करने में मदद करना था।

अक्सर "विश्वास लाने वाले पहले व्यक्ति"

सटीक रूप से धर्मशिक्षकों के काम को ध्यान में रखते हुए, संत पापा फ्राँसिस ने आज के आम दर्शन समारोह के दौरान 21 अगस्त को संत पापा सार्तो को याद किया, इस दिन कलीसिया उस परमाध्यक्ष को याद करती है जिन्हें 1954 में संत पापा पियुस बारहवें ने संत घोषित किया था।

संत पापा ने कहा, “आज दुनिया के कई हिस्सों में संत पियुस दसवें की स्मृति में धर्मप्रचारकों का दिवस मनाया जाता है। आइए, अपने धर्मप्रचारकों के बारे में सोचें जो इतना काम करते हैं और दुनिया के कुछ हिस्सों में विश्वास को आगे बढ़ाने वाले पहले व्यक्ति हैं। आइए, आज हम धर्मप्रचारकों के लिए प्रार्थना करें, प्रभु उन्हें साहसी बनाएं और आगे बढ़ने में सक्षम बनाएं।”

संतं पापा पियुस दसवें
संतं पापा पियुस दसवें

विशेष रूप से, संत पापा पॉल षष्टम सभागार में उपस्थित जर्मन-भाषी समूहों का अभिवादन करते हुए, संत पापा ने प्रेरितिक अभियान पर प्रकाश डाला जो संत पियुस के परमधर्मपीठ की निरंतरता थी।

“येसु मसीह को सभी विश्वासियों के ध्यान के केंद्र में वापस लाना भी संत पियुस दसवें की महान इच्छा थी, जिनकी स्मृति में हम आज जश्न मनाते हैं। अपनी मध्यस्थता से, प्रभु आपको सदैव अपनी प्रेमपूर्ण निकटता का अनुभव प्रदान करें।”

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

21 August 2024, 14:50