तिमोर-लेस्ते के युवाओं से पोप : प्रेम है सेवा और मेल-मिलाप
वाटिकन न्यूज
तिमोर लेस्ते, बुधवार, 11 सितंबर 2024 (रेई) : "हम पोप के युवा हैं!" कहते हुए तिमोर-लेस्ते के युवाओं ने दिली के कन्वेंशन सेंटर में पोप का स्वागत किया। एक हजार युवा हॉल के अंदर, और करीब तीन हजार युवा हॉल के बाहर थे जो कह रहे थे, “युवाओं के पोप।”
पोप के स्वागत में नृत्य और संगीत कार्यक्रम हुए, जिसमें संत पापा भी शामिल हो गये। संगीत की लय के साथ झूमते, हाथ हिलाते और मुस्कुराते हुए, संत पापा ने युवाओं का दिल जीत लिया।
पोप ने युवाओं के साथ अपने मुलाकात का कार्यक्रम, सम्मेलन केंद्र के प्रवेश द्वार पर कुँवारी मरियम की प्रतिमा के सामने प्रार्थना करने और चार युवाओं की गवाही के साथ शुरू किया।
युवाओं का साक्ष्य
रोजरिया डॉस एस. एक्स. बपतिस्ता. ने साक्ष्य देते हुए कहा, पोप फ्राँसिस, मेरा नाम रोजेरिया डॉस एस. एक्स. बैप्टिस्टा है। मुझे जो अवसर दिया गया है, उसके लिए मैं ईश्वर का धन्यवाद करती हूँ। मैं आपसे प्रश्न पूछने में युवाओं का प्रतिनिधित्व करती हूँ। जब मैं ग्रामीण इलाके से दिली शहर में आयी, तो मैंने देखा कि नालियाँ गंदगी से भरी हुई थीं और पहाड़ियों पर कई पेड़ नष्ट हो गए थे। जब भारी बारिश होती है, तो अक्सर बाढ़ आ जाती है; नालियाँ कचरे से भर जाती हैं और पानी ठीक से बह नहीं पाता है और घरों में घुस जाता है, जिससे उपकरण बर्बाद हो जाते थे और कई मामलों में, हताहत भी होते थे। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हम कचरे को उसके सही स्थान पर नहीं डालते और हम बिना किसी नियंत्रण के जंगलों को साफ करते हैं। लाउदातो सी’ के प्रशिक्षण में भाग लेने के बाद, मुझे एहसास हुआ कि हमारे व्यवहार ने हमारे आम घर पर नकारात्मक प्रभाव डालने में योगदान दिया है। मेरा प्रश्न यह है: हम सभी लोगों को कैसे जागरूक कर सकते हैं कि हर जगह कूड़ा न फेंका जाए और पेड़ों को अंधाधुंध ना काटा जाए? हमारे आम घर की देखभाल के लिए हमारे आध्यात्मिक जीवन पर क्या प्रभाव पड़ेगा? धन्यवाद।
धार्मिक सहिष्णुता
अगले साक्षी के रूप में इल्हाम महफोत बाज़हर ने कहा, “संत पिता, मेरा नाम इल्हाम महफोट बाज़हर है और मैं मुसलमान हूँ। तिमोर में हमें लगता है कि वास्तव में धार्मिक सहिष्णुता है; तिमोर के अधिकांश लोग समझते हैं कि एक साथ कैसे रहना है, भले ही हम अलग-अलग धर्मों से आते हों। हम मानव बंधुत्व पर आपके दस्तावेज़ के लिए आभारी हैं क्योंकि यह हमें सहिष्णुता में रहने के लिए एक मार्गदर्शक प्रदान करता है। इस देश में एक मुसलमान के रूप में, मैं वास्तव में इस आशीर्वाद से अवगत हूँ। पोप फ्रांसिस से मेरा अनुरोध है: आज के सोशल मीडिया का प्रभाव लोगों को एक-दूसरे के साथ बुरा व्यवहार करने और यहाँ तक कि एक-दूसरे के साथ भेदभाव करने के लिए प्रभावित करता है। इसलिए, हमें युवाओं को सोशल मीडिया के इस्तेमाल में अधिक ज़िम्मेदारी बरतने और सेतु बनाने एवं धर्मों के बीच सहिष्णुता और संवाद की संस्कृति में रहने के लिए आपके संदेश की आवश्यकता है। इस अवसर के लिए धन्यवाद।
विश्वास प्रशिक्षण
सेसिलिया एफ्रानियो बोनापार्ट ने साक्ष्य देते हुए कहा, “माननीय संत पिता, मेरा नाम सेसिलिया एफ्रानियो बोनापार्ट है। जब मैं बच्ची थी, तो मेरा परिवार एकजुट था; यह विश्वास प्रशिक्षण केंद्र बन गया था। हम हमेशा साथ में खाना खाते और प्रार्थना करते थे; हमारे माता-पिता हमारे साथ होते थे और हमें सिखाते थे कि अच्छे ईसाई कैसे बनें। हालाँकि, आज की तकनीकी दुनिया में, आस्था के केंद्र के रूप में परिवार की भूमिका खोती जा रही है, क्योंकि लोग अक्सर अपने सेलफोन में व्यस्त रहते हैं। जो करीब हैं वे दूर हो जाते हैं और जो दूर हैं वे करीब हो जाते हैं। पारिवारिक संचार बिगड़ रहा है। संत पिता, हम अपने परिवारों को विश्वास प्रशिक्षण केंद्र के रूप में फिर से स्थापित करने के लिए क्या कर सकते हैं? युवा लोगों को खुद को शादी के लिए तैयार करने और भविष्य के परिवारों को बढ़ाने के लिए आपका क्या संदेश है? बहुत-बहुत धन्यवाद।
ख्रीस्तुस विवित को कैसे महसूस करें
अंतिम साक्षी के रूप में नेल्सन एम. दा कॉन्सएसो ने कहा, “आदरणीय संत पापा, मेरा नाम नेल्सन एम. दा कॉन्सएसो है। हमारे धर्मप्रांत ने आध्यात्मिक और मानवीय प्रशिक्षण का आयोजन किया है जो प्रेरितिक विश्व पत्र ख्रीस्तुस विवित को अपने प्राथमिक आधार के रूप में लेता है। यह प्रशिक्षण तीनों धर्मप्रांतों के सभी युवा काथलिकों को दिया गया है। फिर भी, अभी भी ऐसे युवा लोग हैं जो आसानी से हिंसा के कृत्यों को अंजाम देते हैं क्योंकि उनका झुकाव मार्शल आर्ट और कर्मकाण्ड कलाओं के समूहों की ओर होता है। संत पापा से मेरा प्रश्न यह है: हम अपने दैनिक जीवन में ख्रीस्तुस विवित को कैसे महसूस कर सकते हैं और पुनजागृत कर सकते हैं? और यह दस्तावेज़ युवा तिमोरियों को अधिक भाईचारापूर्ण और सहयोगात्मक बनने के लिए कैसे प्रेरित कर सकता है?
संत पापा का संदेश
साक्ष्य सुनने के बाद संत पापा ने कहा, दादर दीआक याने सुप्रभात, इसी शब्द के साथ संत पापा ने युवाओं से अपना वार्तालाप शुरू किया। (यह टेटम में अभिवादन है जो पुर्तगाली के साथ तिमोर-लेस्ते की दो आधिकारिक भाषाओं में से एक है) पोप ने युवाओं को चौंकाते हुए पहला प्रश्न किया, “युवा क्या करते हैं?” युवा ने गंभीरता से उत्तर देते हुए कहा : युवा लोग मसीह, ईश्वर के वचन की घोषणा करते हैं, वे प्यार करते हैं। उत्तर सुनकर संत पापा सिर हिलाते हुए कहा, “लेकिन मैं जो पुष्ट करना चाहता हूँ वह यह है कि युवाओं को शोर मचाना चाहिए। इस वाक्य को संत पापा ने मुलाकात के दौरान कई बार दोहराया।
युवा जीवन, आशा और भविष्य
संत पापा ने युवाओं से कहा, आप इस भूमि के बहुसंख्यक हैं और आपकी उपस्थिति इसे जीवन, आशा और भविष्य से भर देती है।” इस प्रकार पोप ने युवाओं को याद दिलाया कि वे उन लोगों के उत्तराधिकारी हैं जो राष्ट्र की नींव में उनसे पहले थे।
उन्होंने दोहराया, "उन लोगों की याद न खोएँ जो आपसे पहले आए थे और जिन्होंने इतने सारे बलिदानों के साथ इस देश को एकजुट किया", उन्होंने कहा, “विश्वास के उत्साह को न खोएँ और उन बुराइयों के आगे न झुकें जो "युवाओं को तोड़ती हैं," जैसे शराब, नशीली दवाएँ और "बहुत सी ऐसी चीजें जो आधे घंटे के लिए खुशी देती हैं।"
इसलिए संत पापा ने उन्हें सपने देखने के लिए निमंत्रण दिया, क्योंकि "जो युवा सपने नहीं देखता, वह जीवन में सेवानिवृत व्यक्ति के समान है।" वे कहते हैं कि एक युवा अपने जीवन की यात्रा में खुद को बच्चों और बुजुर्गों के बीच पाता है, जो दो महान खजाने हैं।" उन्हें उनका सम्मान और उनकी देखभाल करनी चाहिए, और उस व्यक्ति की तरह नहीं करना चाहिए जिसने बुजुर्ग पिता के लिए एक अलग मेज बनाई थी, क्योंकि उसे अपने बुजूर्ग पिता के कारण शर्म आती थी।
स्वतंत्रता, प्रतिबद्धता और भाईचारा
तिमोर-लेस्ते, जिसे फ्राँसिस "मुस्कुराता हुआ देश" के रूप में परिभाषित करते हैं, वहाँ "वीरता की, शहादत की और सबसे बढ़कर विश्वास एवं मेल-मिलाप की एक अद्भुत कहानी है", पोप ने इसे रेखांकित करते हुए युवाओं से पूछा कि वह व्यक्ति कौन है जो पूरे इतिहास में क्षमा और मेल-मिलाप करने में सक्षम है? युवाओं ने बिना किसी हिचकिचाहट के उत्तर दिया, येसु हैं, "हमारे भाई, जो हम सभी को एक साथ चाहते हैं।" पोप ने युवाओं को तीन चीजों के लिए प्रोत्साहित किया : स्वतंत्रता, प्रतिबद्धता और भाईचारा।
संत पापा ने युवाओं से कहा, “एक युवा जो स्वशासन में सक्षम नहीं है, वह आश्रित है, स्वतंत्र नहीं है और बड़ा महसूस करने की अपनी इच्छा का गुलाम है। हालाँकि, प्रतिबद्धता आम भलाई के लिए होनी चाहिए। एक युवा को यह जानना चाहिए कि स्वतंत्र होने का मतलब यह नहीं है कि वह जो चाहे वही करे। हालाँकि, प्रतिबद्धता आम भलाई के लिए होनी चाहिए। एक युवा व्यक्ति को यह जानना चाहिए कि "स्वतंत्र होने का मतलब वह नहीं है जो आप चाहते हैं।" युवा पर जिम्मेदारियाँ होती हैं और इनमें से एक है आमघर की देखभाल करने सीखना।
तीसरी सलाह है भाईचारा: हमें भाई-बहन बनना है, दुश्मन नहीं, क्योंकि विविधता भी एक-दूसरे का सम्मान करने में मददगार है। पोप ने कहा, "प्रेम ही सेवा है", "प्रेम मेल-मिलाप है।" अंत में, उन्होंने युवाओं को पुनः एक बार बुजुर्गों का सम्मान करने और कमजोर भाई-बहनों के प्रति किसी भी प्रकार की बदमाशी को खत्म करने की याद दिलाई।
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