प्राध्यापकों और दुराचार पीड़ितों से मिले सन्त पापा फ्राँसिस
वाटिकन सिटी
ब्रसल्स, शनिवार, 28 सितम्बर 2024 (रेई, वाटिकन रेडियो): बैल्जियम में अपनी तीन दिवसीय प्रेरितिक यात्रा के दूसरे दिन, शुक्रवार को सन्त पापा फ्राँसिस ने बैल्जियम के सम्राट, यहाँ के प्रधान मंत्री तथा राष्ट्र के सर्वाधिक प्राचीन विश्वविद्यालय में कार्यरत प्राध्यापकों से मुलाकात की, जिन्होंने निर्धनों के प्रति देखभाल तथा अन्तरसांस्कृतिक संवाद को प्रोत्साहन देने के लिये सन्त पापा की सराहना की किन्तु कुछेक पुरोहितों द्वारा यौन दुराचार से पहुँची हानि के प्रति भी चिन्तन के लिये बाध्य किया।
काथलिक परम्परा
शुक्रवार अपरान्ह सन्त पापा फ्राँसिस ने ल्यूवेन स्थित 600 साल प्राचीन काथलिक विश्वविद्यालय का रुख किया। सन्त पापा का अभिवादन करते हुए एक लंबे और विचारशील संबोधन में, विश्वविद्यालय के रेक्टर, ल्यूक सेल्स ने ल्यूवेन की दोहरी पहचान पर विचार किया, जो काथलिक परंपरा में निहित है और आधुनिक दुनिया के प्रति उदार है।
उन्होंने कहा, "हमारा शैक्षणिक कार्य बिना किसी पूर्वाग्रह या बाधाओं सबके प्रति उदार रहता है। यह वास्तव में स्वतंत्रता है जो सम्भवतः हमारा सबसे बड़ा मूल्य है। हमारा विश्वविद्यालय नैतिक, सामाजिक और दार्शनिक मुद्दों पर खुली चर्चा के लिए एक महत्वपूर्ण भागीदार हो सकता है, एक जगह, आलोचनात्मक और निष्पक्ष चिंतन का केंद्र बन सकता है, जो प्रेरित करने के साथ-साथ चुनौती भी देता है। ऐसा चिंतन केंद्र जो विश्वव्यापी ख्रीस्तीय दृष्टिकोण के आधार पर समाज को चुनौती देने का साहस भी करता है।"
दुराचार पीड़ितों के संग
शुक्रवार शाम को 17 दुर्व्यवहार पीड़ितों ने सन्त पापा फ्रांसिस के साथ दो घंटे बिताए, उन्हें अपने आघात, शर्म और दर्द के बारे में बताया और कलीसिया से क्षतिपूर्ति की मांग की।
इस दौरान, सन्त पापा फ्रांसिस ने अपना पश्चाताप व्यक्त किया, क्षमा याचना की और यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास का वादा किया कि इस तरह के दुर्व्यवहार फिर कभी न हों। बैल्जियम की धरती पर अपनी पहली सार्वजनिक टिप्पणी में उन्होंने कहा, "यह हमारे लिए शर्म और अपमान की बात है।"
सम्राट फिलिप ने इसे एक “अकथनीय त्रासदी” बताया, जिसे प्रकाश में आने में "बहुत लंबा समय" लगा।
यौन दुराचार के पीड़ितों के संग दो घंटे से अधिक समय तक चली बैठक के उपरान्त परमधर्मपीठीय प्रेस कार्यालय ने एक वकतव्य में कहा कि यह बैठक पीड़ितों के लिए "अपनी व्यक्तिगत कहानियों और पीड़ा को सन्त पापा फ्रांसिस के साथ साझा करने तथा दुर्व्यवहार के अभिशाप से लड़ने में कलीसिया के निरंतर प्रयासों के लिए अपनी अपेक्षाएं व्यक्त करने का एक अनुपम अवसर सिद्ध हुआ।"
इस बैठक के तुरंत बाद डच भाषा के अख़बार द मोर्गन से बात करते हुए, पीड़ितों में से एक ने कहा कि सन्त पापा फ्राँसिस ने "अपने दिल से बात की"। उन्होंने कहा कि यह एक "सुंदर अनुभव" था।
परमधर्मपीठीय प्रेस कार्यालय के बयान में यह भी कहा गया कि "सन्त पापा फ्रांसिस ने उनके अनुभवों को ध्यान से सुना, तथा उनके दर्द के प्रति अपना समामीप्य व्यक्त किया।" बयान में आगे कहा गया, "उन्होंने उनके साहस के लिए गहरी कृतज्ञता व्यक्त की तथा उन पुरोहितों द्वारा उनके विरुद्ध हुए दुर्व्यवहार के लिए अपनी गहन लज्जा की भावना व्यक्त की, जिनका काम उनकी रक्षा करना था।" अंत में, यह खुलासा किया गया कि "सन्त पापा फ्राँसिस ने पीड़ितों द्वारा प्रस्तुत अनुरोधों को अध्ययन हेतु विचाराधीन रखने का आश्वासन भी दिया।"
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