सिंगापुर से रोम वापसी पर विमान में पोप की पत्रकारों से बातचीत
विमान, शनिवार, 14 सितंबर 2024 (रेई) : सिंगापुर से रोम लौटते समय विमान में पोप फ्राँसिस ने एशिया और ओशिनिया की अपनी प्रेरितिक यात्रा के दौरान साथ आए पत्रकारों से बात की।
उन्होंने पवित्र भूमि की दर्दनाक स्थिति पर चर्चा की, जहां गज़ा में मौत के शिकार लोगों की संख्या 41,000 से अधिक हो गयी है।
एक सवाल अमेरिकी चुनावों और काथलिकों के सामने आनेवाले विकल्प से जुड़ा था। पोप ने चीन के बारे में भी खुलापन व्यक्त किया, और देश को "कलीसिया के लिए एक प्रतिज्ञा और आशा" बताया।
विमान में प्रेस कॉन्फ्रेंस का हिन्दी अनुवाद और प्रतिलेख इस प्रकार है:
मातेओ ब्रूनी: नमस्कार, संत पापा। इस यात्रा के इतने दिनों के लिए और हमें अपनी थकान से ज़्यादा लोगों की खुशी का एहसास कराने के लिए आपका धन्यवाद। आपके साथ यात्रा कर रहे पत्रकारों के कुछ सवाल हैं।
पोप फ्राँसिस: सबसे पहले, मैं इस यात्रा में आपके काम और साथ के लिए आप सभी का धन्यवाद करना चाहता हूँ; यह मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। और मैं 'डीन' वैलेंटिना को भी बधाई देना चाहता हूँ, क्योंकि यह उनकी 160वीं यात्रा है। मैं उन्हें रिटायर होने के लिए नहीं कहूँगा, बल्कि मैं उम्मीद करता हूँ कि वे आगे भी ऐसा ही करती रहेंगी। अब, कृपया अपने सवाल पूछें, और धन्यवाद!
पेई टिंग वोंग (द स्ट्रेट्स टाइम्स)
पोप फ्राँसिस, मैं बहुत खुश हूँ... मुझे उम्मीद है कि आपको सिंगापुर की अपनी यात्रा अच्छी लगी होगी और शायद आपने स्थानीय भोजन का स्वाद भी चखा होगा। सिंगापुर की संस्कृति और लोगों के बारे में आपने क्या देखा? क्या आपको किसी चीज से आश्चर्य हुआ? सिंगापुर हमारे द्वारा देखे गए अन्य तीन देशों से क्या सीख सकता है? विशेष रूप से, कम वेतनवाले प्रवासियों के लिए उचित वेतन के बारे में आपका संदेश कई सिंगापुरवासियों को पसंद आया। उस संदेश की प्रेरणा क्या थी और इस पर आपके क्या विचार हैं? अंत में, आपने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मंच पर सिंगापुर की विशेष भूमिका है। युद्ध की स्थिति में सिंगापुर क्या कर सकता है और वाटिकन कूटनीतिक रूप से कैसे योगदान दे सकता है?
पोप फ्राँसिस: धन्यवाद। सबसे पहले, मुझे सिंगापुर की ऐसी उम्मीद नहीं थी। इसे "पूर्व का न्यूयॉर्क" कहा जाता है, एक विकसित, साफ-सुथरा देश, विनम्र लोग, ऊंची गगनचुंबी इमारतें और एक महान धार्मिक संस्कृति। मैंने जो अंतरधार्मिक बैठक की, वह भाईचारे का एक आदर्श उदाहरण थी।
आप्रवासियों के मामले में, मैंने आलीशान गगनचुंबी इमारतें देखीं, और कुछ दूसरी भी देखीं जो उतनी भव्य नहीं थीं, फिर भी साफ-सुथरी और अच्छी तरह से रखी गई थीं, जिसकी मैंने सराहना की। मुझे नहीं लगा कि वहाँ कोई भेदभाव था। मैं संस्कृति से प्रभावित हुआ, खासकर छात्रों के साथ। उदाहरण के लिए, अंतिम दिन मैं उस संस्कृति से प्रभावित हुआ।
और फिर सिंगापुर की अंतरराष्ट्रीय भूमिका। खैर, मैंने देखा कि अगले हफ्ते फॉर्मूला 1 रेस है। एक राजधानी की अंतरराष्ट्रीय भूमिका जो विभिन्न संस्कृतियों को आकर्षित करती है; यह एक महान राजधानी है। मुझे ऐसा कुछ मिलने की उम्मीद नहीं थी।
प्रश्न: आपने क्या सीखा?
पोप: आप जानते हैं, सीखने के लिए हमेशा कुछ न कुछ होता है, क्योंकि हर व्यक्ति और देश की अपनी-अपनी खूबियाँ होती हैं। इसलिए संचार में भाईचारा महत्वपूर्ण है। उदाहरण के लिए, तिमोर-लेस्ते में, मैंने बहुत से बच्चों को देखा, लेकिन सिंगापुर में, इतने सारे नहीं। शायद यह सीखने लायक बात है... भविष्य बच्चों के साथ है; इस पर विचार करें। एक और बात: सिंगापुर के निवासी बहुत मिलनसार हैं - हमेशा मुस्कुराते रहते हैं!
डेलफिम दी ओलिविएरा (जीएमएन टीवी)
ताची टोलू में पवित्र मिस्सा के अंत में, आपने मगरमच्छों की उपस्थिति की ओर ध्यान आकर्षित किया। आपका क्या मतलब था?
पोप : मैंने किनारे पर आते मगरमच्छों की छवि का इस्तेमाल किया। तिमोर-लेस्ते में एक सरल, खुशहाल पारिवारिक संस्कृति है। बहुत सारे बच्चे हैं, बहुत सारे! जब मैंने मगरमच्छों की बात की, तो मैं बाहर से आनेवाले विचारों का जिक्र कर रहा था जो आपके बीच के सामंजस्य को खराब कर सकते हैं। मैं आपको यह बता दूँ: मुझे तिमोर-लेस्ते से प्यार हो गया है। और कुछ?
प्रश्न: तिमोर-लेस्ते में काथलिक बहुसंख्यक हैं, लेकिन वहाँ संप्रदायों का विकास हो रहा है। क्या "मगरमच्छ" शब्द का अर्थ भी उन्हीं से है?
पोप : हो सकता है; पर मैं इसके बारे में नहीं बोल रहा हूँ - मैं नहीं बोल सकता - लेकिन यह संभव है। क्योंकि सभी धर्मों का सम्मान किया जाना चाहिए, लेकिन धर्म और संप्रदाय के बीच अंतर है। धर्म सार्वभौमिक है, चाहे वह कुछ भी हो। संप्रदाय प्रतिबंधात्मक है; यह एक छोटा समूह है जिसका हमेशा एक अलग एजेंडा होता है। धन्यवाद, और आपके देश को मेरी बधाई!
फ्रांसिस्का क्रिस्टी रोसाना (तेम्पो मीडिया ग्रुप)
प्रश्न : धन्यवाद, पोप फ्राँसिस। इंडोनेशिया में सिर्फ काथलिक ही नहीं अन्य लोग भी लंबे समय से आपकी यात्रा का बेसब्री से इंतज़ार नहीं कर रहे थे। मेरे सवाल ये हैं: क्या आप जानते हैं कि देश अभी भी अपने लोकतंत्र के साथ संघर्ष कर रहा है? आप इसे कैसे देखते हैं, और हमारे लिए आपका क्या संदेश है? साथ ही, इंडोनेशिया पापुआ न्यू गिनी जैसी समस्याओं का सामना कर रहा है, जहाँ निष्कर्षण उद्योग केवल कुलीन वर्गों को लाभ पहुँचाते हैं जबकि स्थानीय और आदिवासी आबादी को कोई लाभ नहीं मिलता है। आपके विचार क्या हैं, और हम क्या कर सकते हैं?
पोप : विकासशील देशों में यह एक आम समस्या है। इसलिए, जैसा कि कलीसिया के सामाजिक सिद्धांत में कहा गया है, समाज के विभिन्न क्षेत्रों के बीच संचार सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है। आपने कहा कि इंडोनेशिया एक विकासशील देश है, और एक ऐसा क्षेत्र जिसे शायद सामाजिक संबंध में बढ़ना आवश्यकता है। मैंने अपनी यात्रा का आनंद लिया; यह सुंदर था!
मातेओ ब्रूनी: महामहिम, पापुआ न्यू गिनी के प्रेस ने आपकी यात्रा का बारीकी से अनुसरण किया, लेकिन दुर्भाग्य से, वे विमान पर एक पत्रकार नहीं भेज सके। मैं पूछना चाहता हूँ कि क्या आप पापुआ न्यू गिनी, विशेष रूप से वानिमो के बारे में कुछ साझा करना चाहते हैं, जो ऐसा स्थान है जिसे आप व्यक्तिगत रूप से देखना चाहते थे।
मुझे यह देश पसंद आया और मैंने इसे एक मजबूत, विकासशील राष्ट्र के रूप में देखा। मैं अर्जेंटीना के पुरोहितों और धर्मबहनों के एक दल से मिलने के लिए वानिमो जाना चाहता था जो वहाँ काम करते हैं, और मैंने एक बहुत ही सुंदर संगठन देखा। सभी देशों में, कला अत्यधिक विकसित है: नृत्य और काव्यात्मक अभिव्यक्ति... लेकिन पापुआ न्यू गिनी और वानिमो में कलात्मक अभिव्यक्ति प्रभावशाली थी। इसने मुझे गहराई से प्रभावित किया। मिशनरी काम करने के लिए जंगल में बहुत दूर तक जाते हैं। मुझे वानिमो और पूरा देश पसंद आया।
स्तेफानिया फलास्का (तियानौज़िकू)
प्रश्न : शुभ संध्या, संत पिता। हम अभी अभी सिंगापुर से आए हैं, जहाँ की आबादी मुख्य रूप से चीनी है, और यह शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व का एक आदर्श है। शांति के बारे में, मैं आपके विचार जानना चाहूँगा, विशेष रूप से सिंगापुर की मुख्य भूमि की चीन से निकटता को देखते हुए, गज़ा जैसे संघर्षपूर्ण क्षेत्रों में युद्ध विराम प्राप्त करने के चीन के प्रयासों पर। जुलाई में, फिलिस्तीनी विभाजन को समाप्त करने के लिए बीजिंग घोषणा पर हस्ताक्षर किए गए थे। क्या चीन और परमधर्मपीठ के बीच शांति पर सहयोग के क्षेत्र हो सकते हैं? और अंत में, हम धर्माध्यक्षों की नियुक्ति पर चीन और वाटिकन के बीच समझौते के नवीनीकरण के करीब पहुँच रहे हैं। क्या आप अब तक के परिणामों और संवाद से संतुष्ट हैं?
पोप : अंतिम बिंदु के बारे में, हाँ, मैं चीन के साथ बातचीत से खुश हूँ। परिणाम अच्छे हैं। धर्माध्यक्षों की नियुक्ति के लिए भी, चीजें सद्भावना के साथ आगे बढ़ रही हैं। मैंने राज्य सचिवालय से बात की है, और मैं इस बात से खुश हूँ कि चीजें कैसे चल रही हैं। जहाँ तक चीन का सवाल है, मैं चीन को एक “भ्रम” (आकांक्षा) के रूप में देखता हूँ, जिसका अर्थ है कि मैं चीन की यात्रा करना चाहूँगा। यह एक महान देश है, और मैं चीन की प्रशंसा और सम्मान करता हूँ।
यह एक प्राचीन संस्कृतिवाला देश है, एक-दूसरे को समझने के लिए संवाद की क्षमता है जो कि इसकी विभिन्न शासन प्रणालियों से परे है। मेरा मानना है कि चीन कलीसिया के लिए एक वादा और आशा है। सहयोग संभव है, और निश्चित रूप से संघर्षों के लिए। कार्डिनल जुप्पी इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं, और उनके संपर्क चीन के साथ हैं।
अन्ना मत्रांगा (सीबीएस न्यूज)
प्रश्न : संत पापा, आपने हमेशा जीवन की गरिमा के पक्ष में बात की है। तिमोर-लेस्ते में, जहाँ जन्म दर बहुत अधिक है, आपने कहा कि इतने सारे बच्चों के साथ आपको जीवन की धड़कन और विस्फोट महसूस हुआ। सिंगापुर में, आपने प्रवासी श्रमिकों का बचाव किया। अमेरिका में चुनाव आनेवाले हैं, ऐसे में आप काथलिक मतदाता को क्या सलाह देंगे, जिनका सामना ऐसे उम्मीदवारों से होनेवाला है जिनमें से एक गर्भावस्था को समाप्त करने का समर्थन करता और दूसरा उम्मीदवार 11 मिलियन प्रवासियों को निर्वासित करना चाहता है?
पोप : दोनों ही जीवन के खिलाफ हैं: एक प्रवासियों को बाहर निकालता है और दूसरा बच्चों को मारता है। दोनों ही जीवन के खिलाफ हैं। मैं तय नहीं कर सकता; मैं अमेरिकी नहीं हूँ और वहाँ वोट देने नहीं जाऊंगा। लेकिन यह स्पष्ट होना चाहिए: प्रवासियों को काम करने और आतिथ्य प्राप्त करने की क्षमता से वंचित करना एक पाप है, एक गंभीर पाप है। पुराने नियम में अनाथ, विधवा और अजनबी-प्रवासियों के बारे में बार-बार बात की गई है। ये वे तीन हैं जिनकी इज़राइल को देखभाल करनी चाहिए। प्रवासियों की देखभाल करने में विफल होना एक पाप है, जीवन और मानवता के खिलाफ पाप है।
मैंने सीमा पर, एल पासो धर्मप्रांत के पास, खीस्तयाग अर्पित किया। वहाँ उन प्रवासियों के कई जूते थे, जिनका वहीं अंत हुआ। आज, मध्य अमेरिका में प्रवासियों का प्रवाह है, और कई बार उनके साथ गुलामों जैसा व्यवहार किया जाता है क्योंकि लोग स्थिति का फ़ायदा उठाते हैं। प्रवास एक अधिकार है, और यह धर्मग्रंथ और पुराने नियम में पहले से ही मौजूद था। अजनबी, अनाथ और विधवा – इसे न भूलें।
फिर, गर्भपात। विज्ञान कहता है कि गर्भधारण के एक महीने बाद, मनुष्य के सभी अंग सृजित हो जाते हैं। सब कुछ। गर्भपात करवाना मनुष्य की हत्या करना है। चाहे आपको यह शब्द पसंद हो या न हो, यह हत्या है। कलीसिया इसलिए बंद दिमाग वाली नहीं है क्योंकि यह गर्भपात को मना करती है; कलीसिया गर्भपात को मना करती है क्योंकि यह मारता है, यह हत्या है; यह मार डालता है!
और हमें इस बारे में स्पष्ट होना चाहिए: प्रवासियों को दूर भेजना, उन्हें बढ़ने नहीं देना, उन्हें जीवन जीने नहीं देना, गलत है, क्रूरता है। माँ के गर्भ से बच्चे को दूर भेजना हत्या है क्योंकि वहाँ जीवन है। और हमें इन बातों के बारे में स्पष्ट रूप से बोलना चाहिए। "नहीं, लेकिन फिर भी..." नहीं "लेकिन फिर भी।" दोनों बातें स्पष्ट हैं। अनाथ, अजनबी और विधवा - इसे न भूलें।
संत पापा आपकी राय में, क्या ऐसी परिस्थितियाँ हैं जिनमें गर्भपात के पक्ष में खड़े उम्मीदवार को वोट देना नैतिक रूप से जायज़ है?
पोप : राजनीतिक नैतिकता में, आमतौर पर कहा जाता है कि वोट न देना बदसूरत है, यह अच्छा नहीं है। हर किसी को वोट देना चाहिए। और हर किसी को कम बुराई का चुनाव करना चाहिए। कम बुराई कौन है? वह महिला या वह सज्जन? मुझे नहीं पता; प्रत्येक व्यक्ति को अपने विवेक के अनुसार सोचना और निर्णय लेना चाहिए।
मिम्मो मुओलो (अवेनेरे)
प्रश्न : यह खतरा है कि गज़ा संघर्ष पश्चिमी तट तक फैल जाएगा। कुछ घंटे पहले एक विस्फोट हुआ था जिसमें 18 लोग मारे गए थे, जिनमें कुछ संयुक्त राष्ट्र कार्यकर्ता भी शामिल थे। इस समय आपकी क्या भावनाएँ हैं, और आप युद्धरत पक्षों से क्या कहेंगे? क्या ऐसी संभावना है कि परमधर्मपीठ युद्ध विराम और लंबे समय से प्रतीक्षित शांति को प्राप्त करने के लिए मध्यस्थता कर सकता है?
पोप: वाटिकन इस पर काम कर रहा है। मैं आपको कुछ बताना चाहता हूँ: मैं रोज गज़ा फोन करता हूँ; वहाँ एक पल्ली है, और उसके स्कूल में 600 लोग हैं - ईसाई और मुसलमान - जो भाई-बहन की तरह रहते हैं। वे मुझे दर्दनाक कहानियाँ, कठिन बातें बताते हैं।
मैं यह नहीं कह सकता कि यह युद्ध अत्यधिक खूनी है या नहीं, लेकिन जब आप मारे गए बच्चों के शव देखते हैं, जब आप सुनते हैं कि स्कूलों पर बमबारी की जा रही है क्योंकि गुरिल्ला अंदर हो सकते हैं, तो यह भयानक है। यह भयानक है, यह भयानक है।
कहा जाता है कि यह एक रक्षात्मक युद्ध है, लेकिन कभी-कभी मुझे लगता है कि यह एक युद्ध है... बहुत ज़्यादा, बहुत ज़्यादा। मैं यह कहने के लिए माफ़ी चाहता हूँ, लेकिन मुझे शांति की दिशा में कोई कदम नहीं दिख रहा है।
उदाहरण के लिए, वेरोना में, मुझे एक बहुत ही सुंदर अनुभव हुआ। एक यहूदी व्यक्ति, जिसकी पत्नी बमबारी में मर गई थी, और गज़ा का एक व्यक्ति, जिसकी बेटी मर गई थी, दोनों ने शांति के बारे में बात की, एक-दूसरे को गले लगाया, और भाईचारे की गवाही दी। मैं यह कहूँगा: भाईचारा एक-दूसरे को मारने से ज्यादा महत्वपूर्ण है। भाईचारा, हाथ मिलाना। अंत में, जो भी युद्ध जीतता है, उसे बड़ी हार मिलेगी। युद्ध हमेशा हार होता है, हमेशा, बिना किसी अपवाद के। और हमें यह नहीं भूलना चाहिए। यही कारण है कि शांति के लिए किया गया हर काम महत्वपूर्ण है। और मैं कुछ कहना चाहता हूँ, यह शायद राजनीति में शामिल होने जैसा है: मैं जॉर्डन के राजा का बहुत-बहुत आभारी हूँ। वे शांति के व्यक्ति हैं। राजा अब्दुल्ला एक अच्छे इंसान हैं।
लीसा वेइस (एआरडी)
प्रश्न: संत पापा, इस यात्रा के दौरान, आपने प्रत्येक देश की समस्याओं के बारे में बहुत खुलकर बात की, केवल अच्छी बातों के बारे में। इस कारण से, हम सोच रहे थे कि आपने इस मुद्दे को क्यों नहीं उठाया कि सिंगापुर में अभी भी मृत्युदंड है?
पोप : यह सच है; यह मेरे दिमाग में नहीं आया। मृत्युदंड नहीं होना चाहिए। हमें इसे धीरे-धीरे खत्म करना होगा। कई देशों में कानून है, लेकिन वे सजा नहीं देते। संयुक्त राज्य अमेरिका भी ऐसा ही है... लेकिन मृत्युदंड को रोका जाना चाहिए। यह सही नहीं है; यह सही नहीं है।
सिमोन लेप्लाट्रे (ले मोंडे)
प्रश्न : संत पापा, सबसे पहले, इस आकर्षक यात्रा के लिए आपका धन्यवाद। तिमोर-लेस्ते में, आपने यौन शोषण के युवा पीड़ितों का उल्लेख किया। जाहिर है, हमने बिशप बेलो के बारे में सोचा। फ्रांस में, हमारे पास एम्मॉस के संस्थापक एबे पियर के साथ एक समान मामला है, जिन्हें कई वर्षों तक फ्रांस के सबसे प्रिय व्यक्ति के रूप में चुना गया था। दोनों मामलों में, उनके करिश्मे ने आरोपों पर विश्वास करना अधिक कठिन बना दिया। मैं पूछना चाहता हूँ: वाटिकन को एबे पियर के बारे में क्या पता था? और आप पीड़ितों एवं आम जनता से क्या कहेंगे, जिन्हें यह विश्वास करना मुश्किल लगता है कि जिसने इतना अच्छा काम किया, वह अपराध भी कर सकता है? और फ्रांस की बात करें तो हम यह भी जानना चाहेंगे: क्या आप दिसंबर में नोट्रे-डेम के उद्घाटन के लिए पेरिस में होंगे?
पोप : मैं आखिरी सवाल का जवाब पहले दूँगा: मैं पेरिस नहीं जाऊंगा। पहले सवाल के लिए, आपने बहुत ही दर्दनाक और नाजुक मुद्दे को छुआ है। ये अच्छे लोग हैं, जिन्होंने अच्छा किया, जैसे एबे पियर। सभी अच्छे कामों के बाद, यह पता चला कि यह व्यक्ति एक गंभीर पापी है। यह हमारी मानवीय स्थिति है।
हमें यह नहीं कहना चाहिए: चलो इसे छिपाते हैं ताकि यह दिखाई न दे। सार्वजनिक पाप सार्वजनिक होते हैं और उनकी निंदा की जानी चाहिए। उदाहरण के लिए, एबे पियरे एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने बहुत अच्छे काम किए लेकिन वे एक पापी भी थे। हमें इन बातों के बारे में स्पष्ट रूप से बोलना चाहिए और उन्हें छिपाना नहीं चाहिए। दुर्व्यवहार के खिलाफ लड़ाई एक ऐसी चीज है जिसमें हम सभी को शामिल होना चाहिए। और न केवल यौन दुर्व्यवहार के खिलाफ बल्कि सभी प्रकार के दुर्व्यवहार के खिलाफ: सामाजिक दुर्व्यवहार, शैक्षिक दुर्व्यवहार, लोगों के दिमाग में हेरफेर करना, उनकी स्वतंत्रता को छीनना।
मेरी राय में, दुर्व्यवहार शैतानी है क्योंकि यह व्यक्ति की गरिमा को नष्ट कर देता है। सभी प्रकार के दुर्व्यवहार हमें नष्ट करने की कोशिश करते हैं: ईश्वर की छवि को। मुझे खुशी होती है जब ये मामले प्रकाश में आते हैं।
मैं आपको कुछ ऐसा बताऊंगा जिसका मैंने पहले भी उल्लेख किया होगा: पांच साल पहले, हमने यौन शोषण और अन्य प्रकार के दुर्व्यवहार के बारे में धर्माध्यक्षीय सम्मेलनों के अध्यक्षों के साथ बैठक की थी। हमारे पास एक बहुत ही बढ़िया आंकड़ा था, मुझे लगता है कि यह संयुक्त राष्ट्र से है: 42-46% दुर्व्यवहार परिवार या पड़ोस में होता है... निष्कर्ष में, बच्चों, नाबालिगों का यौन शोषण एक अपराध और अपमान है।
एक बात का मैंने उत्तर नहीं दिया: वाटिकन को अब्बे पियर के बारे में क्या पता था? मुझे नहीं मालूम कि वाटिकन को इसके बारे में कब पता चला। मुझे नहीं पता क्योंकि मैं यहाँ नहीं था, और मुझे कभी इसकी जांच करने का विचार नहीं आया, लेकिन निश्चित रूप से उनकी मृत्यु के बाद, यह ज्ञात हो गया, लेकिन इससे पहले, मुझे नहीं पता।
एलिजाबेत्ता पिक्वे (ला नेशन)
प्रश्न: सबसे पहले, पृथ्वी के छोर तक की इस खूबसूरत यात्रा के लिए आपका धन्यवाद। यह आपके पोप कार्यकाल की सबसे लंबी यात्रा रही है। लंबी यात्राओं की बात करें तो, कई सहकर्मियों ने मुझसे पूछा है: क्या हम अर्जेंटीना जाएंगे? यह पहला सवाल है: क्या हम अर्जेंटीना जाएंगे? दूसरा सवाल: वेनेजुएला में, स्थिति नाटकीय है। इन दिनों जब आप यात्रा कर रहे थे, सैद्धांतिक रूप से चुने गए राष्ट्रपति को स्पेन में निर्वासन में जाना पड़ा। आप वेनेजुएला के लोगों को क्या संदेश देंगे?
पोप : मैंने वेनेजुएला की स्थिति पर गौर नहीं किया है, लेकिन मैं नेताओं को यही संदेश देना चाहूँगा कि वे बातचीत में शामिल हों और शांति की तलाश करें। तानाशाही का कोई फायदा नहीं है और हमेशा बुरी तरह से खत्म होती है, देर-सवेर। कलीसिया का इतिहास पढ़ें... मैं कहूँगा कि सरकार और लोगों को वेनेजुएला में शांति का रास्ता खोजने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए। मैं कोई राजनीतिक राय नहीं दे सकता क्योंकि मुझे विवरण नहीं पता। मुझे पता है कि बिशपों ने बात की है, और उनका संदेश अच्छा है। अर्जेंटीना जाने के लिए, इसपर अभी निर्णय नहीं हुआ है। मैं जाना चाहूँगा; यह मेरा देश है। मैं जाना चाहता हूँ, लेकिन अभी तक कुछ भी तय नहीं हुआ है। कई चीजें हैं जिन्हें पहले हल करने की जरूरत है।
प्रश्न : अगर आप जाते हैं, तो क्या कैनरी द्वीप में रुकना संभव है?
पोप : आपने मेरे मन की बात पढ़ ली है, है न? मैं कैनरी द्वीप जाने के बारे में सोच रहा हूँ, क्योंकि वहाँ समुद्र के रास्ते आनेवाले प्रवासियों के साथ ऐसी परिस्थितियाँ हैं, और मैं वहाँ के नेताओं और लोगों के करीब रहना चाहूँगा।
जोसी बोनिफ़ेसियस सुसिलो (कोम्पास.आईडी)
धन्यवाद, संत पापा। कुछ देश आर्थिक कारणों से, खास तौर पर महामारी के बाद, पेरिस समझौते के प्रति अपनी प्रतिबद्धताओं से खुद को दूर करने लगे हैं। कई देश हरित ऊर्जा और जीवाश्म ईंधन से दूर जाने में हिचकिचा रहे हैं। आप इन मुद्दों के बारे में क्या सोचते हैं?
पोप : मुझे लगता है कि जलवायु समस्या गंभीर है, बहुत गंभीर। पेरिस समझौते (2015 में कोप 21, संपादक) के बाद से, जो चरम पर था, जलवायु बैठकें कम होती जा रही हैं। बहुत सारी बातें होती हैं, लेकिन बहुत कम कार्रवाई होती है। यह मेरी धारणा है। मैंने इसे दो दस्तावेजों में संबोधित किया है: लाउदातो सी और लाउदाते देउम।
मातेओ ब्रूनी: हम संत पापा का धन्यवाद करते हैं।
पोप फ्राँसिस: आप सभी का धन्यवाद, आगे बढ़ते रहें और हौसला बनाए रखें! आइए आशा करते हैं कि वे अब हमें खाना खिलाएँगे! (हँसी)।
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