पोप ने युवाओं से कहा: 'भूमध्यसागर अब कब्रिस्तान न रहे'
वाटिकन न्यूज
वाटिकन सिटी, मंगलवार, 17 सितंबर 2024 (रेई) : तिराना में आयोजित "मेड24" सभा के प्रतिभागियों को "आशा के तीर्थयात्री, शांति के निर्माता" शीर्षक से दिए गए एक वीडियो संदेश में, पोप फ्राँसिस ने मंगलवार को आगामी जयंती वर्ष के विषय का उल्लेख किया, और अल्बानिया एवं व्यापक भूमध्यसागरीय क्षेत्र के युवाओं को उनके समुदायों के भविष्य को आकार देने में उनकी जिम्मेदारी और भूमिका की याद दिलाई।
अल्बानिया की अपनी 2014 की यात्रा को याद करते हुए, पोप ने देश और उसके लोगों के साथ पुनः जुड़ने पर खुशी व्यक्त की, जिन्हें उन्होंने “कई अलग-अलग चेहरों से समृद्ध लेकिन एक ही साहस से एकजुट लोगों” के रूप में वर्णित किया।
उन्होंने कहा, "आप अल्बानिया की नई पीढ़ी हैं, और अब मैं कहना चाहता हूँ: आप, नई पीढ़ी, भूमध्यसागरीय क्षेत्र के भविष्य हैं।"
मिलजुलकर शांति का निर्माण करें
सभा के केंद्रीय विषय आशा और शांति पर ध्यान केंद्रित करते हुए, संत पापा ने कहा कि शांति का निर्माण इरादे और ठोस कार्यों के साथ मिलकर किया जाना चाहिए।
"हम सभी आशा के तीर्थयात्री हैं, सत्य की खोज में चल रहे हैं, अपने विश्वास को जी रहे हैं, और शांति का निर्माण कर रहे हैं - क्योंकि शांति का निर्माण किया जाना आवश्यक है!"
उन्होंने भाईचारे के महत्व पर भी जोर दिया और युवा प्रतिभागियों को याद दिलाया कि “ईश्वर हर व्यक्ति से प्यार करता है; वह हमारे बीच कोई भेदभाव नहीं करता।”
उन्होंने कहा कि भूमध्यसागर के पांच तटों के बीच भाईचारे की बढ़ती भावना, “संघर्षों और घातक उदासीनता का सबसे अच्छा जवाब है” और उन्होंने युवाओं को अपनी सांस्कृतिक और धार्मिक विविधता की समृद्धि को पहचानते हुए समय के संकेतों को समझना सीखने के लिए प्रोत्साहित किया।
विविधता में एकता
उन्होंने कहा, “एकता का मतलब एकरूपता नहीं है,” “और आपकी सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान की विविधता ईश्वर का वरदान है। विविधता में एकता।”
संत पापा ने उनसे अपने पूर्वजों के पदचिन्हों पर चलते हुए आपसी सम्मान को बढ़ावा देने का आग्रह किया, जिसे उन्होंने कहा कि अपने मतभेदों के बावजूद सम्मान और सहयोग के साथ जीया जा सकता है।
उन्होंने विशेष रूप से हाशिए पर पड़े और कमज़ोर लोगों, खासकर आप्रवासियों और बेहतर भविष्य की तलाश में अपने घर छोड़ने को मजबूर लोगों की दुर्दशा पर ध्यान देने का आह्वान किया। इस प्रकार, उन्होंने युवाओं से “उदासीनता की संस्कृति को त्यागने” और देखभाल, दोस्ती और एकजुटता की संस्कृति को अपनाने का आग्रह किया।
भूमध्यसागरीय संबंध
अंत में, पोप ने भूमध्यसागर की तुलना एक “सुंदर उद्यान” से की, जो इसके तटों पर रहनेवाले लोगों को जोड़ता है।
उन्होंने कहा, “भूमध्यसागर आपको जोड़ता है!” समुद्र एकता और शांति को बढ़ावा देने की साझा जिम्मेदारी का प्रतीक है। उन्होंने धन्य मरिया ताची की याद की जैसे शहीद के साक्ष्य को याद किया, जिन्होंने 22 साल की उम्र में हिंसा के खिलाफ विश्वास और प्रतिरोध की गवाही के रूप में अपना जीवन अर्पित कर दिया।
पोप ने कहा, "उनका साहस एक जीवित साक्ष्य है जो हमारी मानवता को विकृत करनेवाली सभी हिंसा का प्रतिरोध करने की आपकी प्रतिबद्धता को प्रेरित कर सकता है।"
आशा के तीर्थयात्री
अंत में, उन्होंने "भली सलाह की माँ" धन्य कुँवारी मरियम की सुरक्षा का आह्वान किया, जिनकी ममतामय दृष्टि, लंबे समय से भूमध्यसागर पर है।
उन्होंने युवा प्रतिभागियों से कहा कि वे उनके उदाहरण का अनुसरण करें, “आशा के उत्साही तीर्थयात्री” बनें और यह सुनिश्चित करने के लिए काम करें कि भूमध्यसागरीय क्षेत्र एक बार फिर “भाईचारे और शांति की अभिव्यक्ति” के रूप में अपने वास्तविक सार को प्रतिबिंबित कर सके। उन्होंने प्रार्थना की कि भूमध्यसागर एकता और आशा के स्थान में तब्दील हो जाए, “अब कब्रिस्तान नहीं” बल्कि एक ऐसा क्षेत्र बने जहाँ भाईचारा पनपे।
Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here