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हिज़्बुल्लाह-इज़राइल संघर्ष के बीच उड़ान भरता लेबनान के मध्यपूर्व एयरलाईन्स हिज़्बुल्लाह-इज़राइल संघर्ष के बीच उड़ान भरता लेबनान के मध्यपूर्व एयरलाईन्स 

संत पापा फ्राँसिस ने पुनः एक बार मध्यपूर्व में युद्धविराम की अपील

संत पापा फ्राँसिस ने पुनः एक बार मध्यपूर्व में युद्धविराम की अपील दोहरायी है तथा बंधकों को रिहा किये जाने एवं जरूरतमंदों को मानवीय सहायता प्रदान किये जाने पर जोर दिया है।

वाटिकन न्यूज

वाटिकन सिटी, सोमवार, 7 अक्तूबर 2024 (रेई) : रविवार को देवदूत प्रार्थना के दौरान संत पापा ने एक साल पहले 7 अक्टूबर को इस्राएल पर हुए आतंकी हमले की याद कर कहा, “कल इस्राएल में लोगों पर हुए आतंकी हमले का एक साल हो जाएगा, मैं एक बार फिर उनके प्रति अपनी निकटता व्यक्त करता हूँ। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि गाजा में अभी भी कई बंधक हैं।” संत पापा ने उनकी रिहाई की मांग करते हुए कहा, “मैं तत्काल रिहाई की मांग करता हूँ। उस दिन से, मध्य पूर्व में बढ़ती हुई पीड़ा की स्थिति पैदा हुई, और विनाशकारी सैन्य कार्रवाइयाँ फिलिस्तीनी लोगों पर हमला कर रही हैं। उनमें से बहुत सारे निर्दोष नागरिक हैं, उन सभी को आवश्यक मानवीय सहायता प्राप्त होनी चाहिए।” उन्होंने पीड़ितों के लिए प्रार्थना का आह्वान करते हुए कहा, “मैं लेबनान समेत सभी मोर्चों पर तत्काल युद्ध विराम का आह्वान करता हूँ। आइए, हम लेबनान के लोगों के लिए प्रार्थना करें, खासकर, उन लोगों के लिए जो दक्षिण में रहते हैं, जिन्हें अपने गाँव छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।”

इस अवसर पर संत पापा ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से जोरदार अपील करते हुए कहा, “मैं अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील करता हूँ कि वे बदले की भावना को खत्म करने और आगे के हमलों को रोकने के लिए काम करे, जैसे कि हाल ही में ईरान द्वारा किया गया हमला, जो उस क्षेत्र को और भी बड़े युद्ध में डाल सकता है। सभी देशों को शांति और सुरक्षा में रहने का अधिकार है, और उनके क्षेत्रों पर हमला या आक्रमण नहीं किया जाना चाहिए, उनकी संप्रभुता का सम्मान संवाद और शांति के माध्यम से किया जाना चाहिए, न कि घृणा और युद्ध के माध्यम से।”

उन्होंने कहा, “इस परिस्थिति में प्रार्थना अधिक आवश्यक है।”

अतः वे रविवार को माता मरियम से प्रार्थना करने के लिए संत मरिया मेजर महागिरजाघर गये। उन्होंने 7 अक्टूबर को विश्व शांति के लिए प्रार्थना एवं उपवास की याद दिलायी। उन्होंने कहा, “आइये हम युद्ध की शैतानी साजिशों के विरुद्ध अच्छाई की शक्ति के साथ एकजुट हों।”  

उसके बाद बोस्निया और हर्जेगोविना बाढ़ से पीड़ित लोगों की याद कर पोप ने कहा, “मैं बाढ़ से प्रभावित बोस्निया और हर्जेगोविना के लोगों के भी करीब हूँ। प्रभु मृतकों का स्वागत करें, उनके परिवारों को सांत्वना दें और इन समुदायों का समर्थन करें।”

तत्पश्चात संत पापा ने रोम, इटली तथा विश्व के विभिन्न हिस्सों से आये सभी तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों का अभिवादन किया।

इसके उपरांत संत पापा ने 21 नये कार्डिनलों की घोषणा करते हुए कहा, “और अब, मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि 8 दिसंबर को, मैं नए कार्डिनलों की रचना का कार्यक्रम सम्पन्न करूंगा। उनकी रचना कलीसिया की सार्वभौमिकता को दर्शाती है, जो सभी लोगों के लिए ईश्वर के दयालु प्रेम की घोषणा करना जारी रखती है। नवनियुक्त कार्डिनलों में से एक अतिमान्यवर जॉर्ज जेकब कोवाकाद भारत से हैं जो वाटिकन राज्य सचिवालय में पोप की प्रेरितिक यात्रा संबंधी कार्यों के लिए उत्तरदायी होंगे।”

संत पापा ने कहा, “आइये, हम नए कार्डिनलों के लिए प्रार्थना करें कि वे दयालु और वफादार महायाजक मसीह के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए, ईश्वर के पवित्र प्रजा की भलाई के लिए रोम के धर्माध्यक्ष के रूप में मेरी प्रेरिताई में मेरी सहायता करें।”

और अंत में अपने लिए प्रार्थना का आग्रह करते हुए सभी को शुभ रविवार की मंगलकामनाएँ अर्पित की।

 

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07 October 2024, 16:00

दूत-संवाद की प्रार्थना एक ऐसी प्रार्थना है जिसको शरीरधारण के रहस्य की स्मृति में दिन में तीन बार की जाती है : सुबह 6.00 बजे, मध्याह्न एवं संध्या 6.00 बजे, और इस समय देवदूत प्रार्थना की घंटी बजायी जाती है। दूत-संवाद शब्द "प्रभु के दूत ने मरियम को संदेश दिया" से आता है जिसमें तीन छोटे पाठ होते हैं जो प्रभु येसु के शरीरधारण पर प्रकाश डालते हैं और साथ ही साथ तीन प्रणाम मरियम की विन्ती दुहरायी जाती है।

यह प्रार्थना संत पापा द्वारा रविवारों एवं महापर्वों के अवसरों पर संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में किया जाता है। देवदूत प्रार्थना के पूर्व संत पापा एक छोटा संदेश प्रस्तुत करते हैं जो उस दिन के पाठ पर आधारित होता है, जिसके बाद वे तीर्थयात्रियों का अभिवादन करते हैं। पास्का से लेकर पेंतेकोस्त तक देवदूत प्रार्थना के स्थान पर "स्वर्ग की रानी" प्रार्थना की जाती है जो येसु ख्रीस्त के पुनरूत्थान की यादगारी में की जाने वाली प्रार्थना है। इसके अंत में "पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो..." तीन बार की जाती है।

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