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खेल जीवन का संगीत खेल जीवन का संगीत  (USA TODAY Sports)

संत पापाः खेल जीवन का संगीत है

संत पाप फ्रांसिस ने कुरियेरे देलो स्पोर्ट-स्टूडियो की 100वीं वर्षगांठ के अवसर पर एक संदेश भेजा प्रेषित किया।

वाटिकन सिटी

संत पापा फ्रांसिस ने कुरियेरे देलो स्पोर्ट-स्टूडियो की 100वीं वर्षगांठ के अवसर पर एक संदेश भेजा प्रेषित करते हुए इतालवी समाचार पत्र को एथलीटों की जीत और हार के बारे में रिपोर्ट करने की चुनौती दी और कहा, “खेल को जीवन का एक संगीत स्वरूप सोचें और जीने का प्रयास करें।”

कुरियेरे देलो स्पोर्ट-स्टूडियो की 100वीं वर्ष गांठ के अवसर संत पापा ने इतालवी समाचार पत्र को दिये गये अपने संदेश में कहा, “आपने खेल से संबंधित समाचारों की सुन्दर पत्रकारिता में सौ साल की दौड़ पूरी की है।”

खेल सुरक्षित स्थल

संत पापा ने एक युवा के रुप में अर्जेटीना में अपने फुटबाल खेले जाने के दिनों की याद की। उन्होंने खेल से संबंधित अपने अनुभव साझा करते हुए कहा, “यह भ्रातृत्व की अनुभूति है जहाँ हम अपने विरोधी को समझते हुए मित्रों की भांति खेलते हैं न कि शत्रुओं की तरह।”

उन्होंने कहा कि खेल हमें जीवन की शिक्षा देता है विशेष कर खिलाड़ियों की रूप में, हम जीत और हार दोनों से सीखते हैं। संत पापा ने अर्जेटीना के एक स्लेशियन पुरोहित लोरेन्जो मास्सा का उदाहरण प्रस्तुत किया जो फुटबाल खेलने हेतु युवाओं के लिए पल्ली के सभागार द्वार को खुला रखते थे। उन्होंने खेल हेतु सुरक्षित खेल स्थलों की निरंतरता पर जोर दिया।

इसके उपरांत संत पापा इस बात पर जोर कि बड़ों को कैसे ईमानदारीपूर्ण ढ़ग से बच्चों और युवाओं का स्वागत करने की जरुरत है, जो उनके सपनों और इच्छाओं को बेहतर बनाते हेतु सुनते हैं।

खेल में एकतात्मक शक्ति

संत पापा ने कहा कि खेल लोगों को एकजुट करता है, “यह हमें एक साथ चलने और एक परिवार के रुप में, एक देश के रूप में अपने को देखने हेतु मदद करता है” चाहे हम युद्ध और हिंसा की स्थिति में क्यों न हों। उन्होंने इस संदर्भ में हाल ही में आयोजित हुए ओलोंपिक और पारा ओलोंपिक खेलों की सफलता की य़ाद की।

समाचार पत्रिका की भूमिका के बारे में संत पापा ने कहा कि इसे चाहिए कि वह जीत और हार दोनों को खिलड़ियों के लिए इस भांति प्रस्तुत करे कि “वे उनके लिए सोचने और जीवन जीने के संगीत बनते हों।” अपने संदेश के अंत में संत पापा फ्रांसिस में असहिष्णुता के खिलाफ सचेत किया, तथा सभी को चुनौती दी कि खेल जाति, धर्म या वर्ग से ऊपर उठते हुए टीम निर्माण का एक साधन बनें।

उन्होंने समाचार पत्र को सच्चाई और स्वीकृति को बढ़ावा देने तथा “बहिष्कार और हिंसा” के हर तर्क को अस्वीकार करने" के लिए प्रोत्साहित किया।

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21 October 2024, 16:29