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पवित्रभूमि का एक दृश्य, फाईल तस्वीर पवित्रभूमि का एक दृश्य, फाईल तस्वीर  

सुरक्षा पहला कार्य है जिसे ईश्वर ने मानव को सौंपा, सन्त पापा

सन्त पापा फ्राँसिस ने पवित्र भूमि की सुरक्षा हेतु नियुक्त काथलिक पुरोहित फादर फाँन्चेस्को पैटन के साथ हुई भेंटवार्ता पर "एक तीर्थयात्री के सदृश - पवित्र भूमि में मेरे दिन" शीर्षक से प्रकाशित पुस्तक का प्राक्कथन लिखा है जिसमें उन्होंने स्मरण दिलाया है कि सुरक्षा वह पहला कार्य जिसे प्रभु ईश्वर ने सृष्टि के आरम्भ में ही मानव को सौंपा था।

वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 4 अक्टूबर 2024 (रेई, वाटिकन रेडियो): सन्त पापा फ्राँसिस ने पवित्र भूमि की सुरक्षा हेतु नियुक्त काथलिक पुरोहित फादर फाँन्चेस्को पैटन के साथ वाटिकन के समाचार पत्र लोस्सरवातोरे रोमानो के पत्रकार रोबेर्तो चेत्तेरा से हुई भेंटवार्ता पर "एक तीर्थयात्री के सदृश - पवित्र भूमि में मेरे दिन" शीर्षक से प्रकाशित पुस्तक का प्राक्कथन लिखा है जिसमें उन्होंने स्मरण दिलाया है कि सुरक्षा वह पहला कार्य जिसे प्रभु ईश्वर ने सृष्टि के आरम्भ में ही मानव को सौंपा था।    

पवित्रभूमि येसु का घर

सन्त पापा ने लिखा कि पवित्र भूमि में प्रभु येसु मसीह ने जन्म लिया था तथा यही वह जगह है जहाँ सदियों के अन्तराल से उनका अस्तित्व रहा है इसलिये इसकी सुरक्षा और देखभाल हम सबका दायित्व है। उक्त पुस्तक का विमोचन इटली के बोलोन्या शहर में 29 सितम्बर को किया गया था।  

सन्त पापा के अनुसार, पवित्र भूमि सदियों से येसु ख्रीस्त एवं उनके जीवन से जुड़ी घटनाओं एवं पवित्र तीर्थस्थलों की भूमि रही है, जिसके संरक्षण का कार्य फ्राँसिसकन धर्मसमाजियों को सौंपा गया है जो बिल्कुल सरल नहीं हैं, क्योंकि संरक्षकों को कई अभयारण्यों का प्रबंधन करना होता है जहाँ प्रतिवर्ष पांच लाख से अधिक तीर्थयात्रियों का आवागमन होता रहता है। सन्त पापा ने कहा कि यह एक ऐसी भूमि जो आठ अलग-अलग देशों यानि कि इज़राइल, फिलिस्तीन, जॉर्डन, सीरिया, लेबनान, मिस्र, साइप्रस और रोड्स को अपने आप में समेटे हुई है। इन देशों में आनेवाले भिक्षुओं एवं तीर्थयात्रियों के रहन-सहन का समन्वय करना तथा उनकी सुरक्षा की गारंटी देना कोई सरल काम नहीं है।

सन्त पापा ने कहा कि पवित्र भूमि की अंतर्राष्ट्रीयता, इसकी चल और अचल बहुमूल्य संपत्ति, कलीसिया की कैथोलिकता का प्रतिनिधित्व और साथ ही विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं के आप्रवासियों एवं तीर्थयात्रियों के  के बीच सद्भाव को प्रोत्साहित करना अत्यधिक कठिन काम है जिसे पवित्रभूमि के संरक्षक धर्मसमाजी अब तक करते आये हैं और जिसके लिये वे प्रशंसा के योग्य हैं।

प्रेरिताई

पवित्रभूमि में फ्राँसिसकन धर्मसमाजियों की प्रेरिताई को याद कर सन्त पापा ने जैरूसालेम के चार महातीर्थ नगरों यानि नाज़रेथ, बेथलेहेम, जाफ्फ़ा और जैरूसालेम का स्मरण किया, जिनकी सुरक्षा का कार्यभार भी फ्राँसिसकन धर्मसमाजी उठाते आये हैं। इनके अतिरिक्त, उनके द्वारा संचालित 16 स्कूल जो विभिन्न जातीय समूहों और धर्मों के बीच शांति और पुनर्मिलन की संस्कृति के निर्माण के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। साथ ही सार्वभौम और अंतरधार्मिक संवाद, जो पवित्र भूमि में धार्मिक विवादों से परे है तथा जिसके लिये असाधारण उदारता, आतिथ्य और विनम्रता की आवश्यकता होती है।

सन्त पापा ने कहा कि दुर्भाग्यवश, फ्राँसिसकन धर्मसमाजियों के सराहनीय कार्यों के बावजूद पवित्रभूमि विगत 76 सालों से दुखद संघर्ष से प्रभावित है, जिससे संरक्षकों की प्रेरिताई बहुत कठिन और जटिल हो जाती है। उन्होंने विगत एक वर्ष से जारी युद्ध को याद किया और प्रार्थना की कि युद्ध की समाप्ति एवं शांति स्थापना के लिये  ज़िम्मेदार लोगों को प्रभु ईश्वर सद्बुद्धि प्रदान करें। उन्होंने लिखा, मेरी मंगलआशा है कि  "प्रभु ईश्वर संरक्षक फादर पैटन और सबसे बढ़कर पवित्र भूमि को और उन सभी को जो इसकी देखभाल करते हैं शांति प्रदान करें"।  

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04 October 2024, 10:51