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2023 में नियुक्त किये गये कार्डिनल 2023 में नियुक्त किये गये कार्डिनल 

नामित कार्डिनलों से पोप : अपनी नजरें उठायें, हाथ जोड़े रखें, पैर नंगे रखें

कंसिस्टरी या कार्डिनल रचना कार्यक्रम से पहले जो उन्हें कार्डिनल की उपाधि प्रदान करेगा, पोप फ्राँसिस ने नामित कार्डिनलों को पत्र लिखते हुए उन्हें तीन मनोभवों को धारण करने हेतु आमंत्रित किया जो क्रूस के संत जॉन की विशेषता थी: आंखें उठी हुई, हाथ जुड़े हुए, पैर नंगे।

वाटिकन न्यूज

वाटिकन सिटी, शनिवार, 12 अक्टूबर 2024 (रेई): पोप फ्राँसिस ने 21 नामित कार्डिनलों को एक व्यक्तिगत पत्र लिखा है, जिन्हें वे 8 दिसंबर को धन्य कुँवारी मरियम के निष्कलंक गर्भाधान महापर्व पर आयोजित होनेवाली सभा में कार्डिनल के पद पर नियुक्त करेंगे।

यह देखते हुए कि कार्डिनल मंडल में उनकी पदोन्नति उन्हें रोम के धर्माध्यक्ष के साथ जोड़ देगी, पोप ने उन्हें याद दिलाया कि कार्डिनलमंडल की सदस्यता "कलीसिया की एकता और उस बंधन की अभिव्यक्ति है जो रोम की इस कलीसिया के साथ सभी कलीसियाओं को एकजुट करती है।"

‘आंखें उठी हुई, हाथ जुड़े हुए, पैर नंगे’

अपने पत्र में, पोप फ्राँसिस ने नवनियुक्त कार्डिनलों को आमंत्रित किया है कि वे “उन तीन दृष्टिकोणों को अपनाएँ जिनके साथ एक अर्जेंटीना के कवि (फ्राँसिस्को लुइस बेर्नार्डेज़) ने एक बार क्रूस के संत जॉन का वर्णन इस प्रकार किया था, जो हम पर भी लागू होते हैं: ‘आँखें ऊपर उठाईं, हाथ जोड़े, पैर नंगे।’”

इन तीन मनोभवों का चिक्र करते हुए संत पापा ने भावी कार्डिनलों से कहा कि कलीसिया में उनकी नई सेवा उनसे अपेक्षा करेगी कि वे “अपनी दृष्टि को बढ़ाएं और अपने हृदय को व्यापक बनाएं” ताकि वे अधिक दूर तक देख सकें और अधिक उत्साह से प्रेम कर सकें।

पोप ने कहा कि उन्हें प्रार्थना में अपने हाथ जोड़े रखने चाहिए ताकि वे “मसीह के झुंड की अच्छी तरह से देखभाल कर सकें”, उन्होंने आगे कहा कि प्रार्थना “आत्मपरख का क्षेत्र” है जो ईश्वर की इच्छा को समझने और उसका पालन करने में मदद करती है।

अंत में, पोप ने कहा, उन्हें अपने पैर नंगे रखने चाहिए “क्योंकि वे दुनिया के उन सभी हिस्सों की कठोर वास्तविकताओं को छूते हैं जो दर्द और पीड़ा से अभिभूत हैं,” जो नए कार्डिनलों से “बहुत करुणा और दया” की मांग करेंगे।

अपने पत्र के समापन में, पोप फ्राँसिस ने नामीत कार्डिनलों को उनकी उदारता के लिए धन्यवाद दिया और उन्हें अपनी प्रार्थनाओं का आश्वासन दिया कि “सेवक’ (उपयाजक) की उपाधि ‘प्रतिष्ठा’ की उपाधि को ग्रहण कर लेगी।”

 

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12 October 2024, 16:56