जैन धर्मावलंबियों के अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल के साथ संत पापा फ्राँसिस जैन धर्मावलंबियों के अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल के साथ संत पापा फ्राँसिस  (VATICAN MEDIA Divisione Foto)

संत पापा ने जैन धर्मावलंबियों को एकजुटता और शांति के लिए साझा प्रयासों को प्रोत्साहित किया

संत पापा फ्राँसिस ने वाटिकन में बेहतर दुनिया के लिए मिलकर काम करने के तरीकों का अध्ययन करने वाली बैठकों में भाग लेने वाले जैन धर्मावलंबियों के एक अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया तथा एकजुटता और शांति के लिए साझा प्रयासों को प्रोत्साहित किया।

वाटिकन न्यूज

वाटिकन सिटी, सोमवार 25 नवम्बर 2024 : संत पापा फ्राँसिस ने सोमवार 25 नवम्बर को वाटिकन के परमाध्यक्षीय भवन में जैन धर्मावलंबियों के अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। संत पापा ने कहा कि वे लंदन में जैनोलॉजी संस्थान द्वारा एकत्रित दुनिया के विभिन्न भागों से यहाँ एकत्रित सभी का सहृदय स्वागत करते हैं। “मुझे खुशी है कि आपकी बैठक जैनियों और ख्रीस्तियों के बीच दशकों पुरानी और बढ़ती हुई बातचीत का हिस्सा है, जिसे अंतरधार्मिक संवाद के लिए गठित विभाग द्वारा बढ़ावा दिया जाता है।

गरीबों और साझा घर की देखभाल

संत पापा ने कहा कि इस बैठक के दौरान वे विविधता और समावेश जैसे मुद्दों को छूते हुए बेहतर भविष्य के लिए एक साथ काम करने के प्रस्तावों पर चर्चा करेंगे। संत पापा ने पृथ्वी, गरीबों और समाज में सबसे कमजोर लोगों की देखभाल करने के तरीकों की तलाश करने के उनके प्रयासों के लिए धन्यवाद दिया। और गंभीरता एवं प्रतिबद्धता तथा साझा जिम्मेदारी की भावना के साथ पहल करने की मांग की।

आशा फैलाते रहें

संत पापा ने कहा कि आज समाज को परेशान करने वाली कई समस्याएं व्यक्तिवाद और उदासीनता का परिणाम हैं, जो लोगों को अपने पड़ोसियों की गरिमा और अधिकारों की अवहेलना करने के लिए प्रेरित करती हैं, खासकर बहुसांस्कृतिक परिवेश में। कुछ समूह हैं जो अल्पसंख्यकों को डराते और बहिष्कृत करते हैं, "पृथ्वी की पुकार और गरीबों की पुकार" (लौदातो सी’, 49) को अनसुना कर देते हैं। फिर भी कुछ ऐसे भी हैं जो सामाजिक मित्रता को बढ़ावा देते हैं और एकजुटता और स्थायी शांति का पक्ष लेना चाहते हैं। दुख की बात है कि उन रचनात्मक प्रयासों में अक्सर बाधाएं और रुकावटें आती हैं। फिर भी, हमें निराश नहीं होना चाहिए या उन पहलों के माध्यम से आशा फैलाना जारी रखना चाहिए जो विश्वासियों और सभी में मानवता की भावना को बढ़ावा देते हैं। भाईचारे की एकजुटता के लिए यह दृढ़ प्रतिबद्धता इस तथ्य पर आधारित है कि "ईश्वर ने सभी मनुष्यों को अधिकारों, कर्तव्यों और गरिमा में समान बनाया है और उन्हें भाइयों और बहनों के रूप में एक साथ रहने के लिए बुलाया है।" हर भले इरादे रखने वाला व्यक्ति प्यार फैला सकता है और ज़रूरतमंदों की मदद कर सकता है, साथ ही साथ उनके मतभेदों का सम्मान भी कर सकता है। जीवन के प्रति यह दृष्टिकोण एक-दूसरे की देखभाल करने और हमारे साझा घर की देखभाल करने के हमारे प्रयासों को लगातार पुनर्जीवित करता है।

अंत में संत पापा ने कहा कि उन्होंने जो अंतर-धार्मिक बैठकें आयोजित की हैं, वे एक बेहतर दुनिया के लिए मिलकर काम करने की हमारी साझा इच्छा को मजबूत करने में मदद करती हैं। संत पापा ने सभी के लिए एक शांत और फलदायी संवाद की कामना की।

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25 November 2024, 16:23