खोज

2024.11.18 संत पापा फ्रांसिस और  अर्मेनिया के प्रधानमंत्री श्री निकोल पाशिनयान 2024.11.18 संत पापा फ्रांसिस और अर्मेनिया के प्रधानमंत्री श्री निकोल पाशिनयान   (VATICAN MEDIA Divisione Foto)

संत पापा ने आर्मेनिया के प्रधानमंत्री श्री पाशिनयान का स्वागत किया

संत पापा ने अर्मेनिया के प्रधानमंत्री श्री निकोल पाशिनयान से मुलाकात की। उन्होंने संत पापा को नारेक के संत ग्रेगोरी द्वारा लिखित "द बुक ऑफ लामेंटेशन्स" दान किया, बदले में संत पापा फ्राँसिस ने "कोमलता और प्रेम" नामक एक मूर्ति भेंट की, जिसमें असीसी के संत फ्रांसिस को दर्शाया गया है, जो शांति और मानवता तथा प्रकृति के प्रति सम्मान के प्रतीक हैं, तथा प्रदूषण से खतरे में पड़ी दुनिया की एक छवि के बगल में हैं।

वाटिकन न्यूज़

वाटिकन सिटी, सोमवार 18 नवम्बर 2024 : आज सुबह, 18 नवंबर को संत पापा फ्राँसिस ने वाटिकन के प्रेरितिक भवन में अपने दल के साथ आर्मेनिया के प्रधानमंत्री निकोल पाशिनयान का स्वागत किया। लाइब्रेरी हॉल में निजी बातचीत आधे घंटे तक चली।

बातचीत के अंत में पारंपरिक रूप से उपहारों का आदान-प्रदान हुआ। प्रधानमंत्री निकोल पशिनयान ने संत पापा को नारेक के संत ग्रेगोरी द्वारा लिखित "द बुक ऑफ लामेंटेशन्स" भेंट की। संत ग्रेगोरी एक ख्रीस्तीय मठवासी, धर्मशास्त्री और रहस्यवादी थे, जिन्हें अर्मेनियाई प्रेरितिक कलीसिया और काथलिक कलीसिया द्वारा संत के रूप में सम्मानित किया जाता है। इस पुस्तक में हाथ से तैयार किया गया सोने का आवरण है, जो अर्मेनियाई सुनारों का काम है।

उपहारों के आदान-प्रदान के दौरान संत पापा और अर्मेनियाई प्रधानमंत्री पशिनयान
उपहारों के आदान-प्रदान के दौरान संत पापा और अर्मेनियाई प्रधानमंत्री पशिनयान

संत पापा फ्राँसिस ने अपने प्रेरितिक दस्तावेजों और 2024 के शांति के संदेश के साथ-साथ "कोमलता और प्रेम" नामक एक कृति भेंट की। यह एक मूर्तिकला है जो एक तरफ असीसी के संत फ्रांसिस की आकृति को दर्शाती है, जो मानवता और प्रकृति के लिए शांति और सम्मान का प्रतीक है, और दूसरी तरफ प्रदूषण से खतरे में पड़ी दुनिया की छवि है। यह कलाकृति प्रेम और सृष्टि की सुरक्षा के संदेश को व्यक्त करती है, जो संत पापा द्वारा 19 मार्च 2013 को अपने परमाध्यक्षीय पद के आरंभिक धर्मविधि के अवसर पर दिए गए प्रवचन से प्रेरित है: "कोमलता और प्रेम की दृष्टि से सृष्टि, प्रत्येक पुरुष और प्रत्येक स्त्री की रक्षा करना, आशा के क्षितिज को खोलना है, इतने सारे बादलों के बीच प्रकाश की किरण खोलना है, आशा की गर्माहट लाना है!"

 

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

18 November 2024, 15:37