संत पापा ने वालेंसिया को असहाय लोगों की माता मरियम को समर्पित किया
वाटिकन न्यूज
वाटिकन सिटी, बुधवार, 6 नवंबर 2024 (रेई) : संत पापा ने कहा, "मैं देसम्परादोस की कुँवारी मरियम को प्रणाम करना चाहता हूँ, जो गरीबों की देखभाल करती है, वालेंसिया की संरक्षिका हैं जो भारी बाढ़ से इतनी पीड़ित हैं कि करीब 200 से अधिक लोग मारे गए हैं और दर्जनों लापता हैं।
संत पापा ने अपने आमदर्शन समारोह के अंत में स्पेन के वालेंसिया के लिए जोरदार अपील की एवं उन लोगों के नजदीक रहने का आग्रह किया जो इस आपदा से पीड़ित हैं।
संत पापा कुँवारी मरियम की एक प्रतिमा का जिक्र कर रहे थे जो उन्हें वालेंसिया के विश्वासियों से मिली थी और जिसे पोप ने पूरे सभा के दौरान मंच पर अपने बगल में रखा था। उन्होंने कहा, "मैं चाहता था कि वालेंसिया की संरक्षिका यहाँ रहें, यह प्रतिमा "मुझे वेलेंसिया के लोगों ने ही दी थी।"
वालेंसिया की संरक्षिका, वर्जिन दी लॉस देसम्पारादोस, एक हाथ में लिली लिए और अपनी बाहों में शिशु येसु को लिए हुए दिखाई देती हैं। उनकी मुद्रा थोड़ी आगे की ओर झुकी हुई है, जो कुँवारी मरियम को उनका स्नेही नाम "ला जेपेरूदेता" देती है, जिसका अर्थ स्नेहपूर्वक 'छोटा कुबड़ा' होता है।
संत पापा ने कहा, "आज, एक विशेष तरीके से, हम वालेंसिया और स्पेन के अन्य हिस्सों के लिए प्रार्थना करते हैं जो बाढ़ से पीड़ित हैं।"
स्पेन के अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि पूर्वी वालेंसिया क्षेत्र में आई विनाशकारी बाढ़ के एक सप्ताह बाद 89 लोगों के लापता होने की पुष्टि हुई है। यह लापता लोगों का पहला आंकड़ा है जिसे सार्वजनिक किया गया है। यह संख्या केवल पूर्वी वालेंसिया क्षेत्र की है, जहाँ 217 में से 211 लोगों की मृत्यु हुई है।
अपनी धर्मशिक्षा के बाद, पोप फ्राँसिस ने युद्ध की क्रूरता के बीच शांति की अपील भी की।
यूक्रेन, पवित्र भूमि, म्यांमार
पोप ने आग्रह किया, "आइए हम शांति के लिए प्रार्थना करें," उन्होंने कहा, "आइए हम पीड़ित यूक्रेन को न भूलें, जो बहुत पीड़ित है; आइए हम गाजा और इज़राइल को न भूलें।"
उन्होंने कहा, "दूसरे दिन 153 नागरिकों को सड़क पर जाते समय गोली मार दी गई। यह बहुत दुखद है," पोप ने आगे कहा, "आइए हम म्यांमार को न भूलें।"
पोप फ्रांसिस ने एक बार फिर वालेंसिया की ओर रुख करते हुए अपनी अपील का समापन किया : "आइए वालेंसिया या स्पेन को न भूलें।"
देसम्परादोस की हमारी महिला को प्रणाम मरियम
उन्होंने उपस्थित लोगों को देसम्परादोस की कुँवारी मरियम को प्रणाम मरियम की प्रार्थना में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया।
उन्होंने अंत में कहा, "और हम प्रभु से प्रार्थना करते हैं कि हम हमेशा आशा के साथ जिएँ।"
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