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2024.11.11 मलंकारा मार थोमा सीरियन कलीसिया के सदस्यों के साथ संत पापा फ्राँसिस 2024.11.11 मलंकारा मार थोमा सीरियन कलीसिया के सदस्यों के साथ संत पापा फ्राँसिस  (VATICAN MEDIA Divisione Foto)

संत पापा: ‘धर्मसभा ख्रीस्तीय एकता से अलग नहीं है’

वाटिकन में मलंकारा मार थोमा सीरियन कलीसिया का स्वागत करते हुए, संत पापा फ्राँसिस ने दोनों कलीसियाओं के बीच ख्रीस्तीय एकता संवाद की प्रगति की सराहना की,और दोहराया कि धर्मसभा और ख्रीस्तीय एकता एक मजबूत ख्रीस्तीय गवाही के लिए आवश्यक हैं।

वाटिकन न्यूज

वाटिकन सिटी, सोमवार 11 नवम्बर 2024 : संत पापा फ्राँसिस ने सोमवार को मलंकारा मार थोमा सीरियन कलीसिया की पवित्र धर्मसभा के सदस्यों से मुलाकात की, जो रोम की अपनी पहली ऐतिहासिक यात्रा पर हैं और इस प्राचीन ओरिएंटल ऑर्थोडॉक्स कलीसिया के साथ काथलिक कलीसिया के अच्छे संबंधों की पुष्टि करता है, जिसकी उत्पत्ति पहली शताब्दी में भारत में प्रेरित संत थॉमस के मिशन से हुई है। मलंकारा कलीसिया सीरिया, अलेक्जेंड्रिया, अर्मेनिया, इरिट्रिया और इथियोपिया ऑर्थोडॉक्स कलीसियाओं के साथ जुड़ा हुआ है और आज दुनिया भर में इसके लगभग 2.5 मिलियन सदस्य हैं, जिनमें से अधिकांश भारतीय राज्य केरल में रहते हैं, जहाँ यह स्थित है। इस कलीसिया का प्रोटेस्टेंट कलीसियाओं के साथ भी अच्छे संबंध हैं।

पूर्व और पश्चिम के बीच एक “सेतु कलीसिया”

संत पापा फ्राँसिस ने अपने संबोधन में पवित्र धर्मसभा के सदस्यों का गर्मजोशी से स्वागत किया और मेट्रोपॉलिटन थियोडोसियस मार थोमा और मलंकारा के विश्वासियों को बधाई दी और पूर्वी और पश्चिमी ख्रीस्तीय धर्म को जोड़ने वाली उनकी सार्वभौमिक भूमिका के लिए आभार व्यक्त किया।

उन्होंने कहा, “आपकी कलीसिया खुद को पूर्व और पश्चिम के बीच एक “सेतु कलीसिया” के रूप में सही ढंग से परिभाषित करती है।”

कलीसियाओं के बीच संबंधों के क्रमिक विकास पर विचार करते हुए, संत पापा ने द्वितीय वाटिकन परिषद जैसे मील के पत्थर का उल्लेख किया, जहां मार थोमा कलीसिया का प्रतिनिधित्व किया गया था और हाल ही में आधिकारिक संवाद जो 2022 में केरल में शुरू हुए और जारी हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि ये संवाद और यह “चरण-दर-चरण दृष्टिकोण” एक दिन एकता में पवित्र युखारिस्त को साझा करने की ओर ले जाएगा।

ख्रीस्तीय एकता और धर्मसभा

संत पापा फ्राँसिस ने दोनों कलीसियाओं के बीच सहयोग के लिए दो प्रमुख क्षेत्रों पर प्रकाश डाला: धर्मसभा और मिशन।

उन्होंने कहा कि धर्मसभा, मार थोमा कलीसिया के लिए आंतरिक है और काथलिक कलीसिया की धर्मसभा पर हाल ही में हुई धर्मसभा के साथ संरेखित है। संत पापा ने याद दिलाया कि धर्मसभा में व्यक्त की गई मान्यताओं में से एक, और अंतिम दस्तावेज़ में कहा गया है, कि धर्मसभा ख्रीस्तीय एकता से अविभाज्य है, "क्योंकि दोनों ही उस एक बपतिस्मा पर आधारित हैं जिसे हमने प्राप्त किया है और उस संवेदना पर जिसमें सभी ख्रीस्तीय बपतिस्मा के आधार पर हिस्सा लेते हैं।"

20वीं और 21वीं सदी के सबसे प्रभावशाली ऑर्थोडोक्स ख्रीस्तीय धर्मशास्त्रियों में से एक स्वर्गीय मेट्रोपॉलिटन ऑफ पेर्गमोन इयोनिस ज़िज़ियोलस लाटे को उद्धृत करते हुए, उन्होंने याद दिलाया कि ख्रीस्तीय एकता, भले ही यह भविष्य में पूरी तरह से साकार हो, इसके लिए "साथ चलने, प्रार्थना करने और मिलकर काम करने" की वर्तमान प्रतिबद्धता की आवश्यकता है।

 मलंकारा मार थोमा सीरियन कलीसिया के अगुवों के साथ  संत पापा फ्राँसिस उपहार आदान प्रदान करते हुए
मलंकारा मार थोमा सीरियन कलीसिया के अगुवों के साथ संत पापा फ्राँसिस उपहार आदान प्रदान करते हुए

ख्रीस्तीय एकता और मिशन

मिशन के विषय पर, संत पापा फ्राँसिस ने टिप्पणी की कि एक मजबूत ख्रीस्तीय गवाही के लिए धर्मसभा और ख्रीस्तीय एकता आवश्यक है। "मिशन केवल ख्रीस्तीय एकता का लक्ष्य नहीं है; यह इसका साधन भी है" संत पापा ने आशा व्यक्त करते हुए जोर दिया, जैसा कि हाल ही में धर्मसभा ने सुझाव दिया था, कि "एक दिन हम एक बेहतर ख्रीस्तीय गवाही के लिए प्रार्थना, चिंतन और एक साथ काम करने के लिए सुसमाचार प्रचार पर एक ख्रीस्तीय एकता धर्मसभा का आयोजन कर सकते हैं, "ताकि दुनिया विश्वास कर सके"

"पुनरुत्थान मसीह की गवाही देने के लिए एक साथ काम करना हमारे लिए एक दूसरे के करीब आने का सबसे अच्छा तरीका है।"

संत पापा फ्राँसिस ने मार थोमा कलीसिया की मिशनरी भावना की सराहना की, जिसने इस दृष्टि में बहुत योगदान दिया है और उपस्थित सभी लोगों को प्रभु की प्रार्थना में शामिल होने के लिए आमंत्रित करते हुए अपने संदेश को विराम दिया।

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11 November 2024, 15:35