संत पापा फ्राँसिस संत पापा फ्राँसिस  (AFP or licensors)

संत पापा: 'गरीबों की मदद करना ईश्वर की दया की गवाही देना है'

संत पापा फ्राँसिस ने बेघर लोगों की सहायता करने वाले ल्योन स्थित एक फ्रांसीसी काथलिक धर्मार्थ संगठन की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनका मिशन पीड़ितों के प्रति प्रेम और दया के ईश्वर के सुसमाचार को दर्शाता है।

वाटिकन न्यूज़

वाटिकन सिटी, बुधवार 13 नवम्बर 2024 : बुधवार की सुबह अपने आम दर्शन समारोह से पहले, संत पापा फ्राँसिस ने ल्योन में स्थित दो फ्रांसीसी काथलिक संस्थानों, फ़ोयर नोट्रे-डेम डेस सेन्स-एब्री और एसोसिएशन ऑफ़ फ्रेंड्स ऑफ़ गाब्रियल रॉसेट के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की, जो बेघर लोगों की सहायता और उन्हें आश्रय प्रदान करते हैं।

फ़ोयर नोट्रे-डेम डेस सेन्स-एब्री (बेघरों की हमारी माता का आश्रय) की स्थापना 900 के दशक के मध्य में गाब्रियल रॉसेट द्वारा की गई थी, जो एक फ्रांसीसी काथलिक लोकधर्मी और शिक्षक थे, जिन्होंने अपना जीवन गरीबों और हाशिए पर पड़े लोगों के लिए समर्पित कर दिया था।

2023 में आश्रय ने दक्षिणी रोन विभाग में 8.360 ज़रूरतमंद लोगों की सहायता की। उनकी सहायता करने वाले संघ में आज 1,000 से अधिक स्वयंसेवक और 420 कर्मचारी हैं।

ईश्वर की निकटता, करुणा और कोमलता का साक्ष्य

अपने संबोधन में संत पापा फ्राँसिस ने हाशिए पर पड़े लोगों की मदद करने हेतु उनके निरंतर समर्पण के लिए समूह को हार्दिक धन्यवाद दिया, जो, ईश्वर के तीन गुणों का ठोस साक्ष्य प्रस्तुत करता है: "निकटता, करुणा और कोमलता।"

उन्होंने याद किया कि प्रोफेसर रॉसेट, जिन्हें इस वर्ष उनकी मृत्यु की पचासवीं वर्षगांठ पर याद किया गया, ने साहस और विश्वास के साथ "सबसे गरीब" लोगों की जरूरतों का जवाब देकर गहरी करुणा दिखाई, प्रत्येक पीड़ित व्यक्ति को मसीह की उपस्थिति के रूप में माना।

संत पापा ने कहा, "उन्होंने गरीबों की पुकार सुनी और अपनी निगाहें नहीं फेरीं या अपनी आँखें बंद नहीं कीं", उन्होंने टिप्पणी की कि एक गरीब व्यक्ति की सहायता करना, कलीसिया में एक "पवित्र कार्य" है, जो दया के अपने मिशन के साथ संरेखित है।

उदासीनता से ग्रसित दुनिया में गरीबों की मानवीय गरिमा को बहाल करना

संत पापा ने संगठन के सदस्यों की रॉसेट के उदाहरण का अनुसरण करने के लिए सराहना की, जिन्होंने बेघर लोगों को न केवल भौतिक सहायता - आश्रय, भोजन और दयालुता प्रदान की - बल्कि इस प्रकार उनकी गरिमा को बहाल किया, जो अक्सर उनकी पीड़ा के प्रति उदासीन दुनिया में होती है।

उन्होंने अपने मिशन को "दया की कुंवारी" मरियम के संरक्षण में रखने के महत्व पर भी प्रकाश डाला, जो सभी का स्वागत करती हैं, एक आश्रय की तरह अपनी बाहें खोलती हैं और जरूरतों का अनुमान लगाती हैं और मानवीय पीड़ा से पीछे नहीं हटती हैं।

मरियम की करुणा के उदाहरण को ध्यान में रखते हुए

उन्होंने कहा, "दया और करुणा, भाईचारा और खुलेपन, एक फैला हुआ हाथ और बर्बादी की संस्कृति को अस्वीकार करने के साथ," "कलीसिया अपने सभी बच्चों के लिए ईशअवर की कोमलता का एक जीवंत संकेत बन जाती है।" अपने संबोधन को समाप्त करते हुए, संत पापा फ्रांसिस ने नोट्रे-डेम डेस सेन्स-अब्री के फ़ोयर की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह मरियम की "मातृ करुणा" की "जीवित छवि" है, क्योंकि उनके प्रयास लोगों को सम्मान और आशा हासिल करने में सक्षम बनाते हैं। उन्होंने कहा, "आपकी उपस्थिति और आपकी सुनने की क्षमता से," आप दिखाते हैं कि माँ मरियम और येसु अपने भाइयों और बहनों के साथ चलना कभी बंद नहीं करते हैं, खासकर उन लोगों के साथ जिन्हें अक्सर भुला दिया जाता है। संत पापा ने उनके काम को "माता मरियम की मातृ प्रार्थना को सौंपते हुए समाप्त किया, जो आप पर और आपके साथ आने वाले सभी लोगों पर नज़र रखती हैं।"

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13 November 2024, 15:37