संत पापा फ्राँसिस संत पापा फ्राँसिस 

सुरक्षा सम्मेलन के प्रतिभागियों को संत पापा का पत्र

यूरोप के 25 से अधिक देश रोम में एक सम्मेलन में भाग लेने के लिए एकत्र हुए हैं, जो सबसे कमजोर लोगों की सुरक्षा के लिए कलीसिया के चल रहे प्रयासों को समर्पित है।

वाटिकन सिटी

रोम, बृहस्पतिवार, 14 नवम्बर 2024 (रेई) : 13 से 15 नवंबर तक, नाबालिगों की सुरक्षा के लिए परमधर्मपीठीय आयोग "यूरोप में काथलिक कलीसिया में सुरक्षा" सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। इसका लक्ष्य 2021 में पोलैंड के वारसॉ में शुरू किए गए सुरक्षा पर यूरोपीय नेटवर्क के काम को आगे बढ़ाना है।

पोप का एकता संदेश

तीन दिवसीय सम्मेलन की शुरुआत करने के लिए पोप फ्रांसिस ने प्रतिभागियों को एक पत्र भेजा है जिसमें उन्होंने इन देशों की उपस्थिति की प्रशंसा की है, जिनमें से कुछ देशों में युद्ध और संघर्ष की स्थिति है। उन्होंने उन्हें दुनिया में शांति स्थापित करने के उनके आह्वान की याद दिलाई और उनकी उपस्थिति को “सभी सीमाओं से परे एकता और एकजुटता का एक स्पष्ट साक्ष्य” कहा।

पोप ने उम्मीद जताई कि सम्मेलन "लोगों और अच्छे व्यवहारों" का एक नेटवर्क तैयार करेगा जो जानकारी साझा करने और प्रभावी एवं टिकाऊ कार्यक्रम प्रदान करने के उनके प्रयासों में एक दूसरे का समर्थन करने के लिए तैयार होगा। उन्होंने प्रतिभागियों को ऐसी पहल करने के लिए प्रोत्साहित किया जो "पीड़ित लोगों को आराम और सहायता प्रदान करें, जो न्याय, उपचार और सुलह के लिए कलीसिया की चिंता का संकेत है।"

विविधताएँ चंगाई के स्रोत हो सकते हैं

इस सम्मेलन के लिए 25 यूरोपीय देशों से धर्माध्यक्ष एवं पुरोहित तथा लोकधर्मी महिलाओं, पीड़ितों और बचे हुए लोगों सहित 100 प्रतिनिधि रोम में एकत्र हैं। सम्मेलन की आधिकारिक शुरुआत बोस्टन के महाधर्माध्यक्ष और नाबालिगों की सुरक्षा के लिए परमधर्मपीठीय आयोग के अध्यक्ष कार्डिनल सीन ओ'मेले के एक वीडियो संदेश के साथ हुई।

कार्डिनल ने यूरोप की विविधता पर प्रकाश डाला, जो "हमें संस्कृतियों, भाषाओं, जातीयताओं और धर्मों का ज्ञान प्रदान करती है।" उन्होंने आशा व्यक्त की कि ये अंतर "बच्चों, अब वयस्कों" को हुए नुकसान की भरपाई करने में मदद कर सकते हैं, जिन्होंने काथलिक कलीसिया में दुर्व्यवहार का सामना किया। पीड़ितों और बचे लोगों को आवाज देने के महत्व पर जोर देते हुए, कार्डिनल ओ'मेली ने कहा कि "बच्चे हमारे विश्वास के केंद्र में हैं।"

उन्होंने करुणा के साथ नेतृत्व करने की आवश्यकता पर बल दिया, साथ ही “आरोपों की जांच में उचित प्रक्रिया” का पालन करने की आवश्यकता बतायी।

एक सतत मिशन

सितंबर 2021 में, नाबालिगों की सुरक्षा के लिए परमधर्मपीठीय आयोग ने वारसॉ में एक सुरक्षा सम्मेलन आयोजित किया, जिसका विषय था, “ईश्वर के बच्चों की सुरक्षा का हमारा साझा मिशन।” इसका उद्देश्य अनुभवों के आदान-प्रदान को आमंत्रित करना और सुरक्षा के बारे में बेहतर शिक्षित होने के लिए कलीसिया के प्रतिनिधियों के साथ एक नेटवर्क स्थापित करना था।

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

14 November 2024, 16:33