संत पापाः कलीसिया एक खुला अस्पताल
वाटिकन सिटी
संत पापा ने “कलीसिया खुला अस्पताल” संगठन के कार्यकर्ताओं को दिये गये अपने संदेश में कहा कि सच्चे सुसमाचार की घोषणा अति जरुरूतमंद लोगों के लिए निष्ठापूर्ण कार्य करना है।
कलीसिया “खुला अस्पताल”
उन्होंने कहा, “कलीसिया एक खुले अस्पताल की भांति है जहाँ पवित्र आत्मा की कृपा से हम ख्रीस्त की घोषणा करते हुए, आशा के बीज बोते और असमानताओं को दूर करने की कोशिश करते हैं।”
संत पापा ने उन्हें वचनों की अपेक्षा कार्य के माध्यम साक्ष्य देते हुए अतिसंवेदनशील भाई-बहनों का स्वागत करने का आहृवान किया, जो य़ेसु ख्रीस्त की घोषणा है क्योंकि वे सर्वप्रथम हमारे लिए गरीब बने जो हमारे साथ चलते हैं।
असमानता दूर करें
असमानता दूर करने के संबंध में संत पापा ने कहा कि आप अपने प्रेरितिक कार्यों के माध्यम से गरीबों और धनियों के बीच की असमानता को दूर करने की कोशिश करें। “ईश्वर मानवता के बीच धनी और गरीब का अंतर नहीं चाहते हैं। अतः हमें असमानताओं के ताने-बानें को अपने बीच से दूर करने की जरूरत है जिससे कोई भी एक दूसरें के प्रति उदासीन न रहें।”
आशा के बीज बोयें
आशा के बीज बोने के संबंध में संत पापा ने कहा कि हमें हर प्रवासी का स्वागत करने की जरुरत है क्योंकि वे मानव परिवार के अंग हैं, क्योंकि वे युद्ध के शिकार हैं या किसी और कारणों से समाज के हाशिये में आ गये हैं। “आप उनके बीच आशा का बीज बोयें और उन्हें यह एहसास दिलायें कि ख्रीस्तीय आशा किसी भी स्थिति से बड़ी है क्योंकि इसकी आधारशिला ईश्वर हैं न कि व्यक्ति। व्यक्ति के लिए जो असंभव लगता है वह ईश्वर के लिए असंभव नहीं है।
संत पापा ने अति संवेदनशीलों के संबंध में अपनी करूणा के भाव को व्यक्त करते हुए कहा कि आप उनकी सेवा करने में कभी पीछे न हटें क्योंकि स्वर्ग का राज्य उन्हीं का है। “उनकी सेवा करना और उनके पास जाना ईश्वर का स्पर्श करना है, ऐसा करना के द्वारा हम ठोस रुप में सुसमाचार की घोषणा करते हैं।”
संत पापा ने पुनः उनके कार्यों के प्रति कृतज्ञता के भाव प्रकट किये और कहा कि आप निरंतर आशा, करूणा और प्रेम को लोगों के बीच में प्रसारित करें जिससे अन्य इस सत्य से आश्वस्त होते हुए गरीबों की सेवा में आगे आ सकें।
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