खोज

गरीबों के साथ भोजन करते संत पापा फ्राँसिस गरीबों के साथ भोजन करते संत पापा फ्राँसिस  (Vatican Media)

विश्व गरीब दिवस: 1300 गरीबों के साथ पोप करेंगे दोपहर का भोजन

पोप फ्राँसिस रोम के कुछ गरीबों के साथ विश्व गरीब दिवस मनाते हैं, जो उनकी अध्यक्षता में ख्रीस्तयाग में भाग लेने के बाद दोपहर के भोजन के लिए उनके साथ शामिल होते हैं। इस साल भी 1300 गरीबों के साथ पोप फ्राँसिस दोपहर का भोजन करेंगे।

वाटिकन न्यूज

रोम के कुछ गरीब लोगों के साथ दोपहर का भोजन करना पोप फ्रांसिस के लिए परंपरा बन गई है, क्योंकि वे वैश्विक कलीसिया के साथ मिलकर विश्व गरीब दिवस मनाते हैं।

2017 में पोप ने इस दिन की स्थापना की उसके बाद यह 8वाँ वर्ष होगा, और यह पिछले साल से अलग नहीं होगा, क्योंकि 1,300 से अधिक गरीब लोग दोपहर के भोजन के लिए पोप फ्रांसिस के साथ शामिल होनेवाले हैं।

सहायता और आशा की एक परियोजना

नवंबर के तीसरे रविवार को पड़नेवाला यह दिन इस वर्ष 17 तारीख को मनाया जाएगा और आधिकारिक तौर पर संत पेत्रुस महागिरजाघर में पोप फ्रांसिस की अध्यक्षता में पवित्र मिस्सा के साथ शुरू होगा।

हालाँकि, मिस्सा समारोह से कुछ समय पहले, पोप 13 चाबियों को आशीष देंगे, जिनमें से प्रत्येक प्रतीकात्मक रूप से तेरह देशों का प्रतिनिधित्व करती है जहाँ विसेंसियन अपने "13 हाउस" प्रोजेक्ट का उद्घाटन करेंगे। इस परियोजना में तेरह अलग-अलग देशों में वंचित लोगों के लिए नए घर बनाना शामिल है। वहाँ, विभिन्न परोपकारी पहल की जाएगी, जैसे कि पैरिश दानसंग्रह के माध्यम से कम आयवाले परिवारों के लिए बिलों का भुगतान करना। इस नई परियोजना का स्वागत करनेवाले देशों में से एक सीरिया है, जिसे पश्चिमी मीडिया ने लगभग दो दशकों के संघर्ष के विनाशकारी प्रभावों को झेलते हुए भुला दिया है।

राजनीति गरीबी का कारण क्यों बननी चाहिए?

2024 के विश्व गरीब दिवस के लिए अपने संदेश में, पोप फ्रांसिस ने कहा है कि युद्ध-प्रेरित "बुरी राजनीति" नई गरीबी और निर्दोष पीड़ितों को जन्म देती है। उन्होंने सभी से गरीबों के साथ और उनके लिए प्रार्थना करने का आग्रह किया, और इस बात पर प्रकाश डाला कि स्वयंसेवक हमारे शहरों में सबसे गरीब लोगों की सेवा करने के लिए खुद को समर्पित कर रहे हैं, जो जरूरतमंद लोगों की पुकार के प्रति ईश्वर की प्रतिक्रिया को मूर्त रूप देते हैं।

न्याय की प्यास

इस वर्ष, विशेष रूप से, पोप द्वारा चुना गया आदर्श वाक्य प्रवक्ता ग्रंथ से लिया गया है: "गरीबों की प्रार्थना ईश्वर तक पहुँचती है" (प्रवक्ता 21:5)। यह आदर्श वाक्य इस बात पर जोर देता है कि गरीबों का ईश्वर के हृदय में विशेष स्थान है। वे उनकी प्रार्थनाएँ सुनते हैं और न्याय होने तक उनके दुख में "अधीर" होते हैं। प्रवक्ता ग्रंथ पुष्ट करती है कि "ईश्वर का निर्णय गरीबों के पक्ष में होगा।" (21:5)

गरीबों का विश्व दिवस कलीसिया को अपनी दीवारों से बाहर निकलकर आज की दुनिया में गरीबी के अनेक रूपों से निपटने के लिए प्रोत्साहित करता है। और इस भोजन के द्वारा, पोप फ्रांसिस ठीक यही करेंगे।

 

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

12 November 2024, 17:05