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कोर्सिका में लगी संत पापा की तस्वीर कोर्सिका में लगी संत पापा की तस्वीर  (AFP or licensors)

तीर्थयात्री पोप रविवार को कोर्सिका द्वीप की यात्रा करेंगे

संत पापा फ्राँसिस 15 दिसम्बर को अपनी 47वीं प्रेरितिक यात्रा में फ्राँस के कोर्सिका द्वीप की यात्रा कर रहे हैं। सौंदर्य के द्वीप कहे जानेवाले इस फ्राँसीसी द्वीप में पुरोहितों और श्रद्धालुओं से मिलने से पहले, वे भूमध्यसागर में लोकप्रिय धर्मपरायणता पर सम्मेलन में भाग लेंगे।

वाटिकन न्यूज

एक ओर, आम लोगों का विश्वास, उनकी लोकप्रिय धर्मपरायणता, तीर्थयात्रा में, भक्ति के कार्यों में, पारंपरिक गीत और प्रार्थनाओं में व्यक्त होता है; दूसरी ओर, भूमध्यसागर अपनी चुनौतियों के साथ, युद्ध की प्रतिध्वनि, प्रवास की त्रासदी, जिसने मारे नोस्त्रुम (हमारा सागर) को एक 'खुली-हवा वाले कब्रिस्तान' में बदल दिया है: 15 दिसंबर को पोप फ्राँसिस, नेपोलियन के जन्मस्थान कोर्सिका की प्रेरितिक यात्रा करनेवाले हैं, जो जंगलों, समुद्र तटों और पहाड़ों से घिरा है, इस समय मानव निर्मित पर्यावरणीय संकटों से खतरे में हैं, इन दोनों तत्वों को एक साथ लायेगी।

यह पोप फ्राँसिस की 47वीं प्रेरितिक यात्रा है। सितंबर में दक्षिण-पूर्व एशिया और ओशिनिया की लंबी तीर्थयात्रा की तुलना में, यह बारह घंटे से भी कम की एक ‘तेज’ यात्रा है, जिसमें पोप फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ लगभग चालीस मिनट तक ‘आमने-सामने’ मुलाकात भी करेंगे।

पोप फ्राँसिस अजाशियो में पहले पोप

यह राजधानी शहर अजाशियो में पोप की पहली यात्रा भी है, हालांकि अंजेलो रोनकल्ली ने, जो बाद में पोप जॉन 23वें बने, 1952 में पेरिस में प्रेरितिक राजदूत के रूप में द्वीप का दौरा किया था।

वाटिकन प्रेस कार्यालय के निदेशक, मात्तेओ ब्रूनी ने संत पापा जॉन 23वें की यात्रा को पत्रकारों के साथ सामान्य ब्रीफिंग में याद किया, जो पोप फ्रांसिस की अंतर्राष्ट्रीय यात्रा को कवर करेंगे।

भूमध्य सागर में लोकप्रिय धार्मिकता पर सम्मेलन का हवाला देते हुए ब्रूनी ने कहा, “पोप वहाँ द्वीप के ख्रीस्तीयों से मिलने तथा लोकप्रिय धर्मपरायणता की मीडिंग में भाग लेने जा रहे हैं। जो अजाशियो के धर्माध्यक्ष कार्डिनल फ्राँसिस-जेवियर बुस्टिलो द्वारा आयोजित एक दो दिवसीय कार्यक्रम है।

संत पापा सम्मेलन में 400 से अधिक प्रतिभागियों को सम्बोधित करेंगे, इसमें फ्रांस, इटली और स्पेन सहित भूमध्यसागर के आसपास के विभिन्न देशों के धर्माध्यक्ष, शिक्षाविद और प्रतिनिधि भाग लेंगे।

भूमध्यसागर में लोकप्रिय धर्मपरायणता पर सम्मेलन

संत पापा की यात्रा रविवार 15 दिसम्बर को सुबह 7:45 बजे रोम के फ्यूमिचिनो हवाई अड्डे से अजाशियो के लिए रवाना होंगे।

वहां उनका स्वागत फ्रांस के गृहमंत्री और विदेशमंत्री करेंगे और चार युवा उन्हें फूल भेंट करेंगे। राष्ट्रगान, सैन्य सम्मान, प्रतिनिधिमंडल की प्रस्तुति और मंत्रियों के साथ एक निजी बैठक के बाद, पोप फ्राँसिस सम्मेलन के लिए बंद और फिर खुली कार से अज़ाशियो कांग्रेस और प्रदर्शनी केंद्र जाएंगे।

रास्ते पर वे संत योहन के बपतिस्मा स्थल पर थोड़ी देर रूकेंगे जो 6वीं शताब्दी पुराना है लेकिन उसे 2005 में ही पाया गया। यात्रा के दौरान पोप का पहला भाषण पैलेस के सभागार में होगा, जहाँ ब्रूनी ने कहा, "भूमध्यसागर के संकट की प्रतिध्वनि होने की संभावना है।" बाहर, पोप फ्रांसिस कुछ युवाओं का अभिवादन करेंगे जो रंगीन गुब्बारे उड़ाएँगे।

याजकों और हजारों विश्वासियों से मुलाकात

इसके बाद पोप एक बंद कार में सवार होकर संत मरिया असुन्ता के पुनर्जागरणकालीन गिरजाघर जाएंगे, जहां वे पुरोहितों, धर्मसमाजियों, समर्पित लोगों और सेमिनारी छात्रों से मिलेंगे। इसके बाद अंत में देवदूत प्रार्थना का पाठ होगा।

इस कार्यक्रम में धर्माध्यक्षीय आवास में दोपहर 2.45 बजे तक विश्राम का समय होगा, जिसके बाद पोप फ्रांसिस भीड़ के बीच से गुजरते हुए ऑस्टरलिट्ज़ भवन की ओर जाएंगे - यह एक बड़ा पार्क है जिसे 'यू कैसोने' कहा जाता है, जो एक पुरानी इमारत की याद में बनाया गया है, जहां परंपरा के अनुसार नेपोलियन बचपन में खेलने के लिए आया करते थे।

यही वह स्थान है जहाँ संत पापा फ्राँसिस ख्रीस्तयाग अर्पित करेंगे जिसमें करीब 7000 विश्वासियों के भाग लेने का अनुमान है।  

प्रेस सम्मेलन

कोर्सिका से रोम लौटते हुए पोप की यात्रा 50 मिनट की होगी और वे फ्यूमिचिनो हवाई अड्डे पर शाम 7:05  बजे पहुँचेंगे। आशा की जा रही है कि इस छोटी यात्रा में संत पापा अंतरराष्ट्रीय समाचार पत्रों के 80 पत्रकारों से बातचीत करेंगे। मात्तेओ ब्रूनी ने कहा, "समय के अनुसार यह संभव होना चाहिए,"  हालांकि उन्होंने कहा कि प्रेस कॉन्फ्रेंस सामान्य से छोटी हो सकती है।

प्रेरितिक यात्रा का कारण

पोप फ्राँसिस के 88वें जन्मदिन से ठीक दो दिन पहले अजाशियो की यात्रा के पीछे "वास्तविक प्रेरणा" पर एक सवाल के जवाब में ब्रूनी ने बताया कि "लोकप्रिय भक्ति और धार्मिकता के विषय पर पोप का ध्यान सर्वविदित है, जैसा कि उनकी यात्राओं के दौरान लैटिन अमेरिका और दुनिया के अन्य हिस्सों में कई तीर्थस्थलों की यात्राओं से पता चलता है।"

ब्रूनी ने कहा, फिर भूमध्य सागर का विषय है, जो पोप फ्रांसिस को भी प्रिय है, "दो विषय जो अच्छी तरह जुड़ते हैं।"

ब्रूनी ने यह भी बताया कि फिलहाल पोप के किसी परोपकारी संगठन या किसी कार्यक्रम में जाने की कोई योजना नहीं है, जो उनकी अंतरराष्ट्रीय यात्राओं में आम बात है। साथ ही, सुरक्षा को “सामान्य सावधानियों से परे” मजबूत करने का कोई “विशेष संकेत” भी नहीं है।

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13 December 2024, 15:04