महाधर्माध्यक्ष एडवार्ड प्रोफिटलिक की धन्य घोषणा को मंजूरी महाधर्माध्यक्ष एडवार्ड प्रोफिटलिक की धन्य घोषणा को मंजूरी  

संत पापा ने शहीद महाधर्माध्यक्ष प्रोफिटलिक की धन्य घोषणा को मंजूरी दी

पोप फ्राँसिस ने महाधर्माध्यक्ष एडवार्ड प्रोफिटलिक की धन्य घोषणा को मंजूरी दे दी है। वे जर्मनी के जेसुइट थे और एस्तोनिया में सेवा दे रहे थे एवं 1942 में सोवियत संघ में शहीद हो गए।

वाटिकन न्यूज

पोप फ्राँसिस ने बुधवार को वाटिकन में संत प्रकरण विभाग के अध्यक्ष कार्डिनल मार्सेलो सेमेरारो से मुलाकात की और 21 पुरुषों और महिलाओं की आज्ञाप्तियों को अनुमोदन दिया।

पोप ने महाधर्माध्यक्ष एडवार्ड प्रोफिटलिक, एस.जे. की शहादत को आधिकारिक रूप से मान्यता दी, जिससे उन्हें धन्य घोषित करने का रास्ता साफ हो गया है। उन्होंने 1931 से 1942 में अपनी मृत्यु तक एस्तोनिया के प्रेरितिक प्रशासक के रूप में कार्य किया।

सोवियत संघ के अधिकारियों ने एस्तोनिया पर आक्रमण करने के एक साल बाद जर्मन मूल के महाधर्माध्यक्ष को गिरफ़्तार कर लिया और उन्हें साइबेरिया का एक जेल भेजा गया तथा मौत की सज़ा सुनाई गई। 22 फरवरी, 1942 को किरोव जेल में महाधर्माध्यक्ष प्रोफिटलिक की मृत्यु हो गई, इससे पहले कि उनकी सज़ा पूरी हो पाती।

धन्य घोषणा कलीसिया के सुदूर इलाकों के लिए एक संदेश

तालिन के धर्माध्यक्ष फिलिप जॉर्डन ने महाधर्माध्यक्ष प्रोफिटलिक को संत बनाने के पोप फ्रांसिस के अनुमोदन का स्वागत किया और कहा कि यह घटना ऐसे समय में हुई है जब स्थानीय कलीसिया 1924 में एस्तोनिया के प्रेरितिक प्रशासन के निर्माण की 100वीं वर्षगांठ मना रही है।

वाटिकन न्यूज से बात करते हुए महाधर्माध्यक्ष जॉर्डन ने खुशी जाहिर की कि एस्तोनिया में कलीसिया को अपना पहला धन्य मिलेगा।

उन्होंने कहा, "स्थानीय कलीसिया के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि कलीसिया का लक्ष्य लोगों को बचाने और पवित्र बनने में मदद करना है।" उन्होंने कहा कि एस्तोनियाई कलीसिया में किसी की धन्य घोषणा, पवित्रता के ख्रीस्तीय मिशन को प्रस्तुत करना और लोगों को यह विश्वास करने में मदद करना है कि संतता प्राप्त किया जा सकता है।

महाधर्माध्यक्ष जॉर्डन ने कहा, "महाधर्माध्यक्ष प्रोफिटलिक कुछ हद तक मूसा की तरह थे।" "वे वादा किए गए देश को देखना चाहते थे, लेकिन इसे अपनी आँखों से नहीं देख सके।"

एस्तोनिया की छोटी संख्या को देखते हुए धर्माध्यक्ष ने कहा कि यह एक तरह से कलीसिया के दूर का क्षेत्र है, और कहा कि धन्य घोषित किए जाने से उन्हें ऐसा महसूस होगा कि वे इसके केंद्र में हैं।

उन्होंने कहा, "भले ही मौजूदा स्थिति जटिल हो, लेकिन मैं कहूंगा कि यह रूस के काथलिकों के लिए बहुत अच्छी खबर है, क्योंकि मॉस्को महाधर्मप्रांत ने 21 साल पहले महाधर्माध्यक्ष प्रोफिटलिक को धन्य घोषित करने की प्रक्रिया शुरू की थी।"

विश्वास, भरोसा और शांति के आदर्श

तालिन धर्मप्रांत की संचार निदेशक मार्ज-मेरी पास जिन्होंने महाधर्माध्यक्ष प्रोफिटलिक को धन्य घोषित किये जाने के प्रयास में धर्मप्रांतीय पोस्टुलेटर के रूप में कार्य किया, उनके जीवन के ऐतिहासिक तथ्यों को स्थापित किया और उनके मौजूदा कार्यों की धार्मिक सामग्री का मूल्यांकन किया।

सुश्री पास ने वाटिकन न्यूज़ को बताया कि शहीद महाधर्माध्यक्ष "कई लोगों के लिए विश्वास और आशा के आदर्श होंगे।"

उन्होंने कहा, "उनका धर्माध्यक्ष के रूप में आदर्शवाक्य था 'विश्वास और शांति'।" "मुझे यकीन है कि महाधर्माध्यक्ष प्रोफिटलिक हमें हमेशा अपने दिलों में विश्वास और शांति बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं, यहाँ तक कि सबसे चुनौतीपूर्ण समय में भी।"

कोम्पिएने के शहीद संतों की सूची में

बुधवार को, पोप फ्राँसिस ने विश्वव्यापी कलीसिया में कोम्पिएने शहीदों को भी आगे बढ़ाया : संत अगुस्टीन की धन्य तेरेसा (जन्म: मारिया मैडालेना क्लाउडिया लिडोइन) और कोम्पिएने के डिस्काल्ड कार्मेलाइट्स धर्मसमाज के उनके 15 साथी, शहीद, 17 जुलाई 1794 को पेरिस (फ्रांस) में विश्वास के प्रति घृणा में मारे गए थे, उन्हें संतों की सूची में नामांकित किया।

वीरोचित सद्गुणों को मंजूरी

पोप ने प्रभु सेवक एलिया कोमिनी की शहादत को याद किया, जो संत फ्राँसिस डी सेल्स सोसाइटी के पुरोहित थे। इनका जन्म 7 मई 1910 को इटली में हुआ था और 1 अक्टूबर 1944 को इटली के पियोप्पे दी साल्वारो में ओदियुम फिदेई में उनकी मृत्यु हो गई थी।

संत पापा ने ईश सेवक एरॉन मार्टन, अल्बा इउलिया के धर्माध्यक्ष, के वीरोचित सद्गुणों से संबंधित आज्ञप्ति को मंजूरी दी, जिनका जन्म 28 अगस्त, 1896 को आज रोमानिया में हुआ था और जिनकी मृत्यु 29 सितंबर, 1980 को अल्बा इउलिया (रोमानिया) में हुई; ईश सेवक जुसेप्पे मारिया लियोन, परम उद्धारक धर्मसंघ के पुरोहित थे, जिनका जन्म 23 मई, 1829 को इटली में हुआ था और जिनकी मृत्यु 9 अगस्त, 1902 को हुई थी; और ईश सेवक पियरे गौर्सट, एक लोकधर्मी थे, जिनका जन्म 15 अगस्त, 1914 को पेरिस (फ्रांस) में हुआ था और जिनका निधन 25 मार्च, 1991 को हुआ, के वीरोचित सद्गुणों को भी मंजूरी दी।

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19 December 2024, 16:47