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पवित्र आत्मा के दूत नामक कारमेल मठ की धर्मबहनों से मुलाकात करते संत पापा फ्रांँसिस पवित्र आत्मा के दूत नामक कारमेल मठ की धर्मबहनों से मुलाकात करते संत पापा फ्रांँसिस  (VATICAN MEDIA Divisione Foto)

पवित्रआत्मा के सन्देशवाहक धर्मसंघियों का वाटिकन में अभिवादन

सन्त पापा फ्राँसिस ने शुक्रवार को वाटिकन में ब्राज़ील तथा यूरोप के अनेक शहरों से सन्त पेत्रुस एवं सन्त पौलुस की समाधियों के दर्शन हेतु रोम आई पवित्र आत्मा के दूत नामक कारमेल मठ की धर्मबहनों का अभिवादन कर उनकी उपस्थिति को अर्थगर्भित निरूपित किया।

वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 6 दिसम्बर 2024 (रेई, वाटिकन रेडियो): सन्त पापा फ्राँसिस ने शुक्रवार को वाटिकन में ब्राज़ील तथा यूरोप के अनेक शहरों से सन्त पेत्रुस एवं सन्त पौलुस की समाधियों के दर्शन हेतु रोम आई पवित्र आत्मा के दूत नामक कारमेल मठ की धर्मबहनों का अभिवादन कर उनकी उपस्थिति को अर्थगर्भित निरूपित किया।

कृपा का वर्ष

सन्त पापा ने कहा कि 24 दिसम्बर को रोम के सन्त पेत्रुस महागिरजाघर के पवित्र द्वार के खुलने के साथ ही पवित्र जयन्ती वर्ष सन् 2025 शुरु होगा, इसलिये इसकी पूर्व सन्ध्या आपका रोम आगमन तथा आपकी यहाँ उपस्थिति और अधिक अर्थगर्भित हो जाती है।

सन्त पापा ने कहा, "इस अर्थ में हम सुसमाचार के उस अंश के साथ पूर्ण सामंजस्य पाते हैं जो हमें, सन्त लूकस रचित सुसमचार के अनुसार, येसु को नाज़रेथ के सभागृह में दिखाता है और जिसने आपके संस्थान की नींव को प्रेरित किया है: प्रभु का आत्मा मुझ पर विचरता है, जिसने मुझे सुसमाचार का शुभ सन्देश सुनाने तथा प्रभु की कृपा का वर्ष घोषित करने के लिये भेजा है।"

सन्त पापा ने कहा, "यह वर्ष जो समाप्त होने वाला है वह वास्तव में आपके लिए पहले से ही अनुग्रह का वर्ष रहा है: जुलाई में आपने अपने धर्मसंघ की चौथी आम सभा सम्पन्न की और स्थापना की 40वीं वर्षगांठ मनाई, जिसमें आपने उस समूह को चुना जो अगले छह वर्षों के लिए आपके धर्मसंघी परिवार का नेतृत्व करेगा।"

अपनी प्रतिबद्धता को याद रखें

सन्त पापा ने कहा कि आपकी आम सभा और इस समय आपकी रोम यात्रा ऐसे सुनहरे अवसर हैं जो हमें सुसमाचार प्रचार की सेवा और ईश वचन के प्रचार-प्रसार के प्रति दैनिक प्रतिबद्धता की याद दिलाते हैं। उन्होंने कहा, "वास्तव में, सम्पूर्ण विश्व में सुसमाचार की घोषणा करना सभी ख्रीस्तानुयायियों का मिशन है।"

कुरिन्थियों को लिखे सन्त पौल के पत्र से लिये शब्दों को उद्धृत कर सन्त पापा ने कहा, "सन्त पौल के शब्द  प्रत्येक बपतिस्मा प्राप्त व्यक्ति के हृदय में गूंजने चाहिए, कि "धिक्कार मुझे यदि मैं सुसमाचार का प्रचार न करूँ!"

कारमेल मठवासियों से उन्होंने कहा, "आपके धर्मसंघ में, विभिन्न क्षेत्रों में प्रचार का यह मिशनरी आवेग चिंतन और प्रार्थना के जीवन से निकटता से जुड़ा हुआ है जो प्राचीन और सुंदर कार्मेलाइट परंपरा का अनुपालन है।" इस मिशन के सम्पादन में प्रभु ईश्वर आपको आशीर्वाद दें और आपरेसीदा की रानी पवित्र कुँवारी मरियम आपकी रक्षा करें!"

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06 December 2024, 11:21