ग्वाडालूपे की माता मरियम के पर्व पर, संत पेत्रुस महागिरजाघर में संत पापा फ्राँसिस ग्वाडालूपे की माता मरियम के पर्व पर, संत पेत्रुस महागिरजाघर में संत पापा फ्राँसिस   (ANSA)

मिस्सा में संत पापा: तिलमा, गुलाब और जुआन डिएगो बस

ग्वाडालूपे की माता मरियम के पर्व के दिन, संत पापा फ्राँसिस ने ग्वाडालूपे के रहस्य को “विचारधाराओं के लिए” इस्तेमाल करने के खिलाफ चेतावनी दी।

वाटिकन न्यूज

वाटिकन सिटी, शुक्रवार 13 दिसंबर 2024 : गुरुवार 12 दसंबर को ग्वाडालूपे की माता मरियम के पर्व पर, संत पेत्रुस महागिरजाघर में संत पापा फ्राँसिस ने पवित्र मिस्सा समारोह का अनुष्ठान किया। जिसमें दुनिया भर से लगभग 4,000 श्रद्धालु शामिल हुए।

“डरो मत। क्या मैं यहाँ नहीं हूँ, मैं, जो तुम्हारी माँ हूँ?” संत पापा ने उस कोमलता पर जोर दिया जिसे माता मरिया ने संत जुआन डिएगो से कहे थे जब वह 1531 में मैक्सिको में उनके सामने आई थी। उन्होंने समझाया कि ये शब्द “माता मरियम की मातृत्व” को दर्शाते हैं।

हालांकि, संत पापा ने अफसोस जताया कि कई लोगों ने ग्वाडालूपे के रहस्य को लेने और इससे “वैचारिक लाभ प्राप्त करने” की कोशिश की है।

तीन सरल बातें

अपने प्रवचन में,  संत पापा फ्राँसिस ने पर्व के तीन पहलुओं पर विचार किया: तिलमा, माँ और गुलाब। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि "मरियम का मातृत्व इस तिलमा, इस सरल तिलमा में जड़ी गई है।"

12 दिसंबर, 2024 को मिस्सा के बाद संत पापा फ्राँसिस ने ग्वाडालूपे की माता मरियम की छवि को आशीर्वाद दिया

संत पापा ने मरियम के मातृत्व की सुंदरता का वर्णन जुआन डिएगो द्वारा पाए गए और तिलमा में रखे गए गुलाबों में प्रकट होने के रूप में किया। यह मातृत्व कुछ हद तक "धर्माध्यक्षों के अविश्वासी दिलों में विश्वास लाने का चमत्कार" करता है।

बाकी केवल विचारधाराएँ हैं

तिलमा, गुलाब और जुआन डिएगो। संत पापा ने चेतावनी दी, "इससे परे ग्वाडालूपे के रहस्य के बारे में जो कुछ भी कहा गया है वह झूठ है," और "इसका इस्तेमाल विचारधाराओं के लिए किया जा रहा है।" संत पापा फ्राँसिस ने दोहराया कि ग्वाडालूपे की माता मरियम के प्रकट होने का महत्व "उनका सम्मान करना" और वास्तव में उन्हें एक माँ के रूप में हमसे बात करते हुए सुनना है।

संत पापा ने जोर देकर कहा कि ग्वाडालूपे की माता मरियम का पूरा संदेश इस पंक्ति में अभिव्यक्त किया जा सकता है: "डरो मत। क्या मैं यहाँ नहीं हूँ, मैं, जो तुम्हारी माँ हूँ?" यह पंक्ति हमारे पूरे जीवन में दोहराई जानी चाहिए - "जीवन के कठिन क्षणों में, जीवन के सुखद क्षणों में, दैनिक क्षणों में।"

यह वह संदेश है जिसे संत पापा फ्राँसिस ने उपस्थित सभी लोगों को अपने साथ ले जाने के लिए प्रोत्साहित किया: तिलमा पर ग्वाडालूपे की माता मरियम की छवि और संत जुआन डिएगो को बे गये उनके शब्द।

ग्वाडालूपे की माता मरियम का इतिहास

9 दिसंबर, 1531 को,  माता मरियम मैक्सिको सिटी के पास एक गाँव में टेपेयाक नामक पहाड़ी पर एक किसान जुआन डिएगो के सामने प्रकट हुईं। मरिया एज़्टेक राजकुमारी की पोशाक में प्रकट हुई थीं और उन्होंने जुआन डिएगो से उनकी मूल भाषा में बात की थी।

12 दिसंबर को, सर्दियों के बीच में, जुआन डिएगो को बड़ी संख्या में कैस्टिलियन गुलाब मिले - जो मेक्सिको में नहीं पाए जाते - और उन्होंने उन्हें अपने तिलमा में इकट्ठा किया, यह मानते हुए कि यह चमत्कार है। जब उन्होंने बिशप को दिखाने के लिए अपना तिलमा खोला, तो उस पर मरियम की एक रंगीन छवि चमत्कारिक रूप से प्रकट हुई।

यह तिलमा अभी भी मेक्सिको सिटी में ग्वाडालूपे की माता मरियम महागिरजाघर में संरक्षित है और हर साल 12 मिलियन से अधिक लोग इसका दर्शन करने आते हैं।

 

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13 December 2024, 15:05