संत पापा: सीरिया अपने इतिहास के नाजुक क्षण में है, मैं एक राजनीतिक समाधान की उम्मीद करता हूँ
वाटिकन न्यूज
वाटिकन सिटी, बुधवार 11 दिसंबर 2024 : विभिन्न धर्मों के बीच स्थिरता, एकता, शांति, सुरक्षा, मित्रता और सम्मान, ये वे उपहार हैं जिसे संत पापा फ्राँसिस ने सीरिया के लिए मांगा है, एक ऐसी भूमि जिसे हमेशा "प्रिय" के रूप में परिभाषित किया है, जो हयात तहरीर अल शाम विद्रोहियों के हाथों बशर अल असद के शासन के पतन के बाद "अपने इतिहास में एक नाजुक क्षण" का अनुभव कर रहा है, जो अब एक संक्रमणकालीन सरकार बना रहे हैं।
स्थिरता और एकता
संत पापा फ्राँसिस ने आज, 11 दिसंबर को संत पापा पॉल षष्टम सभागार में आम दर्शन समारोह के अंत में कहा कि वह देश में इन घटनाओं पर नज़र रख रहे हैं, जहां कल मुहम्मद अल बशीर को औपचारिक रूप से सीरिया की संक्रमणकालीन सरकार के प्रधान मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था। 1 मार्च तक कार्यालय में, उनकी नियुक्ति की घोषणा सोमवार को असद शासन को उखाड़ फेंकने वाली ताकतों के बीच एक समझौते के परिणामस्वरूप की गई थी। बशीर ने पूर्व सरकार के सदस्यों से मुलाकात की।
संत पापा फ्राँसिस दुनिया के साथ यह आशा साझा करते हैं कि हम "स्थिरता" और "एकता" के रास्ते पर आगे बढ़ सकते हैं, बिना किसी हिंसा और दरार के, जैसा कि इस देश ने एक दशक से अधिक समय से झेला है।
“मुझे उम्मीद है कि एक राजनीतिक समाधान निकाला जाएगा, जो आगे के संघर्षों या विभाजनों के बिना, जिम्मेदारी से देश की स्थिरता और एकता को बढ़ावा देगा।”
धर्मों के बीच सम्मान
संत पापा के विचार सीरियाई लोगों के लिए हैं जो खुद को कुंवारी मरियम की मध्यस्थता में सौंपते हैं, ताकि, "वे अपनी प्यारी भूमि में शांति और सुरक्षा का अनुभव कर सकें।" संत पापा ने धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए एक अपील शुरू की।
कई वर्षों के युद्ध से पीड़ित राष्ट्र की भलाई के लिए विभिन्न धर्म मित्रता और परस्पर सम्मान के साथ मिलकर चलें।
यूक्रेन के लिए एक रास्ता
हर बुधवार को आम दर्शन समारोह में संत पापा फ्राँसिस अपने शब्दों में युद्ध से टूटे हुए देशों का जिक्र करने से नहीं चूकते। यूक्रेन जो अभी भी रूसी हमलों के अधीन है; नवीनतम में से एक आईएईए (इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एसोसिएशन) के काफिले की घटना और पिछली रात ज़ापोरिज़िया की घटना है जिसके कारण अब तक 6 मौतें और 22 घायल हो चुके हैं।
“और मैं हमेशा पीड़ित यूक्रेन के बारे में सोचता हूँ जो इस युद्ध में बहुत कुछ झेल रहा है, आइए, प्रार्थना करें कि कोई रास्ता निकले।”
"शांति वापस आये"
इसके बाद संत पापा ने फिलिस्तीन, इज़राइल, म्यांमार का उल्लेख किया और इन क्षेत्रों के लिए शांति की प्रार्थना की: "शांति लौट आए, शांति हो"।
“युद्ध की हमेशा हार होती है, हम शांति के लिए प्रार्थना करते हैं।”
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