प्रार्थनाएँ
मरिया भजन
मेरी आत्मा प्रभु का गुणगान करती है, |
मेरा मन अपने मुक्तिदाता ईश्वर में आनन्द मनाता है; |
क्योंकि उसने अपनी दीन दासी पर कृपादृष्टि की है।अब से सब पीढ़ियॉ मुझे धन्य कहेंगी; |
क्योंकि सर्वशक्तिमान् ने मेरे लिए महान् कार्य किये हैं। पवित्र है उसका नाम! |
उसकी कृपा उसके श्रद्धालु भक्तों पर पीढ़ी-दर-पीढ़ी बनी रहती है। |
उसने अपना बाहुबल प्रदर्शित किया है, उसने घमण्डियों को तितर-बितर कर दिया है। |
उसने शक्तिशालियों को उनके आसनों से गिरा दिया और दीनों को महान् बना दिया है। |
उसने दरिंद्रों को सम्पन्न किया और धनियों को ख़ाली हाथ लौटा दिया है। |
इब्राहीम और उनके वंश के प्रति अपनी चिरस्थायी दया को स्मरण कर, |
उसने हमारे पूर्वजों के प्रति अपनी प्रतिज्ञा के अनुसार अपने दास इस्राएल की सुध ली है।'' |
पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा की बढाई होवें। जैसे वह आदि में थी, अब है और अनंत काल तक। आमेन।