ख्रीस्तीय एकतावर्द्धक मार्ग पर प्रगतिः कार्डिनल कॉख
जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 5 जून 2020 (रेई, वाटिकन रेडियो): विश्व के ख्रीस्तीयों के बीच एकता को प्रोत्साहित करने के लिये गठित परमधर्मपीठीय परिषद की 60 वीं वर्षगाँठ के उपलक्ष्य में वाटिकन न्यूज़ से बातचीत में, परिषद के अध्यक्ष कार्डिनल रॉबर्ट कॉख ने, काथलिक कलीसिया द्वारा एकता हेतु किये गये प्रयासों पर प्रकाश डाला।
ख्रीस्तीय एकतावर्द्धक सन्दर्भ
कार्डिनल कॉख ने कहा कि 1960 के बाद से काथलिक कलीसिया ने ख्रीस्तीय एकतावर्द्धक आंदोलन के तहत कई सम्वादों, वार्ताओं एवं बैठकों के आयोजन द्वारा विपुल फल उत्पन्न किये हैं। हालांकि, उन्होंने कहा, एकता का अंतिम उद्देश्य अभी तक हासिल नहीं किया गया है क्योंकि "एकता की आवश्यकता पर तो सहमति है लेकिन इसे कैसा रूप में लेना चाहिए, इस पर सहमति अब तक नहीं बन पाई है।" तथापि, उन्होंने कहा, "ख्रीस्तीय एकतावर्द्धक मार्ग पर एकता और विविधता में कोई विरोध नहीं है", इसलिये कि प्रत्येक ख्रीस्तीय सम्प्रदाय और प्रत्येक कलीसिया एकता की बहाली में अपना विशिष्ट योगदान दे सकती है।" उन्होंने कहा, ख्रीस्तीय एकतावर्द्धक प्रक्रिया "उपहारों का आदान-प्रदान" है।
उपहारों के आदान-प्रदान का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि विभिन्न कलीसियाई समुदायों से हम कलीसिया के जीवन में ईश वचन की केन्द्रीयता का पाठ सीख सकते हैं। ऑरथोडोक्स कलीसिया, उन्होंने कहा, धर्माध्यक्षीय एकता बारे में सिखा सकती हैं, जबकि काथलिक कलीसिया एकतावर्द्धक आन्दोलनों का ध्यान कलीसिया की सार्वभौमिकता के प्रति आकर्षिक कराने में मदद दे सकती है।
ख्रीस्तीय एकता की ओर कदम
कार्डिनल कॉख ने ख्रीस्तीयों के बीच एकता के तीन महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर प्रकाश डालते हुए कहा, सर्वप्रथम, उदारता की भावना में वार्ताएँ होना तथा विभिन्न ख्रीस्तीय सम्प्रदायों के साथ, पूर्वधारणाओं के बग़ैर, अच्छा रिश्ता रखना महत्वपूर्ण है। द्वितीय, वार्ताओं की यथार्थता अनिवार्य है, जिसमें विवादास्पद प्रश्नों पर निष्कपट धर्मतत्ववैज्ञानिक विश्लेषण की आवश्यकता है। तृतीय, आध्यात्मिक तौर पर एकता का होना अनिवार्य है जो, एक साथ मिलकर, प्रभु येसु ख्रीस्त द्वारा सिखाई गई प्रार्थना "हे हमारे पिता" के पाठ से साकार हो सकती है।
कोविद-19
कोविद -19 महामारी की पृष्ठभूमि में ख्रीस्तीय एकता वर्द्धक आन्दोलन के थम जाने पर कार्डिनल कॉख ने कहा कि ख्रीस्तीयों के बीच एकता के लिये एक दूसरे से मिलना तथा एक दूसरे से बातचीत करना अति आवश्यक होता है जो, आवागमन पर लगे प्रतिबन्धों के कारण, सम्भव नहीं हो पाया। तथापि, उन्होंने कहा, प्रार्थनाओं में प्रभु येसु ख्रीस्त के समस्त अनुयायी एकजुट रहे हैं।
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