महामारी में सेवा हेतु चिकित्साकर्मियों के प्रति वाटिकन का आभार
उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 4 जून 2020 (रेई)- परमधर्मपीठ के अधिकारियों ने कोविद -19 महामारी के प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए प्रतिबंधों को खोलते हुए, वाटिकन संग्राहालय, वाटिकन उद्यान एवं कास्तेल गंदोल्फो के प्रेरितिक आवास के द्वार को जनता के लिए पुनः खोल दिया है। तालाबंदी के कारण इन स्थलों को दो माह से भी अधिक समय तक बंद रखा गया था।
डॉक्टरों, नर्सों एवं स्वास्थ्यकर्मियों के लिए इन स्थलों के द्वार मुफ्त में खोलने का मकसद है इटली भर में सार्वजनिक अथवा निजी क्षेत्र में उनकी सेवाओं के लिए आभार प्रकट करना।
इटली में कोरोना वायरस से सबसे अधिक प्रभावित देशों में से एक है जहाँ अब तक करीब 233,800 लोग इससे संक्रमित हुए हैं और जिनमें से 33,600 से अधिक लोगों की मौत हो गई है।
तालाबंदी की पूरी अवधि में संत पापा फ्राँसिस ने हमेशा मेडिकलकर्मियों की याद कर उनके बहुमूल्य कार्यों के लिए उन्हें धन्यवाद देते हुए उनके एवं उनके परिवारवालों के लिए प्रार्थना की है।
कृतज्ञता के चिन्ह स्वरूप वाटिकन सिटी राज्य ने घोषित किया है कि सभी मेडिकल कर्मचारियों को वाटिकन म्यूजियम में एक सप्ताह के लिए एवं कास्तेल गंदोल्फो के प्रेरितिक आवास में दो सप्ताहांतों के लिए निःशुल्क प्रवेश का अवसर दिया जाएगा।
वाटिकन प्रेस कार्यालय द्वारा जारी एक वक्तव्य में जानकारी देते हुए कहा गया है कि वाटिकन म्यूजियम में मेडिकल कर्मचारियों के लिए निःशुल्क प्रवेश सोमवार 8 जून से शनिवार 13 जून तक मान्य होगा, जबकि कास्तेल गंदोल्फो के प्रेरितिक आवास में 6 और 7 जून तथा 13 एवं 14 जून तक निःशुल्क प्रवेश मिलेगा।
ज्ञात हो कि वाटिकन म्यूजियम को 1 जून से सार्वजनिक रूप से खोला गया है किन्तु प्रेरितिक आवास एवं उद्यान को 6 जून से खोला जाएगा।
दर्शनीय स्थलों को खोलने के साथ ही दर्शकों से अपील की गयी है कि वे सभी लोगों के स्वास्थ्य सुरक्षा का ख्याल रखते हुए, निर्देशों एवं नियमों का गंभीरता से पालन करें।
वाटिकन म्यूजियम
वाटिकन म्यूजियम द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि "हम इसके द्वारा, स्वास्थ्यकर्मियों के प्रति कृतज्ञता की वैश्विक भावना से जुड़ना चाहते हैं। हम साधारण भाव के साथ इसे प्रकट कर रहे हैं जो अत्यन्त अर्थपूर्ण एवं दृढ़ संकल्प से प्रेरित है कि कला एवं औषधि एक उच्च उद्देश्य द्वारा एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं, जिनका मकसद है मानव व्यक्ति की देखभाल करना।"
प्रेरितिक प्रासाद एवं परमधर्मपीठीय आवास
इसका निर्माण संत पापा अर्बन 8वें के आग्रह पर कास्त्रुम गांदोल्फोरूम, एक सामंती महल के अवशेष पर निर्मित है जो गांदोल्फी और सावेल्ली परिवार का था। इसके वर्तमान रूप को संत पापा अलेक्जेंडर 7वें के हस्ताक्षेप पर 1660 में निर्मित किया गया था।
परमधर्मपीठीय आवास, तीन अलग-अलग भागों के मिलने से बना है : पहला, मूर का उद्यान - यह प्रेरितिक आवास के पीछे स्थित है और आवास का सबसे पुराना हिस्सा है। दूसरा, विल्ला सिबो - जिसका निर्माण कार्डिनल कमिल्लो सिबो के द्वारा किया गया था और संत पापा क्लेमेंट XIV ने 1774 में इसे मोडेना के ड्यूक से खरीदा था, और तीसरा, विल्ला बारबेरीनी जिसका निर्माण संत पापा अर्बन 8वें के भतीजे के द्वारा किया गया था। इताली शैली में लगाये गये यहाँ के उद्यान अति सुन्दर हैं।
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