इताली भाईचारा संघ के सदस्यों से मुलाकात करते संत पापा फ्राँसिस इताली भाईचारा संघ के सदस्यों से मुलाकात करते संत पापा फ्राँसिस  (ANSA)

संघ के सदस्यों से पोप : ईश प्रेम एवं कोमलता के मिशनरी बनें

संत पापा फ्राँसिस ने इताली भाईचारा संघ के सदस्यों को ईश्वर के प्रेम और कोमलता के मिशनरी बनने हेतु आमंत्रित किया है, जो हमेशा ख्रीस्त के पदचिन्हों पर चलते और सुसमाचार की घोषणा करते हैं।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

संत पापा फ्राँसिस ने इटली के धर्मप्रांतों के भाईचारा संघ के सदस्यों से आह्वान किया है कि वे ईश्वर के प्रेम एवं कोमलता के मिशनरी बनें।

2000 में जयन्ती वर्ष की पृष्टभूमि पर स्थापित भाईचारा संघ करीब २० वर्षों से स्वागत, समर्थन और सहयोग को बढ़ावा देने हेतु पूरी इटली के धर्मप्रांतों में उपस्थित है।  

दो साल के बाद संघ अपनी 25 वर्षीय जयन्ती मनायेगी जिसका आदर्श वाक्य है, "आशा के तीर्थयात्री"।

लोकधर्मियों की महत्वपूर्ण भूमिका

कलीसिया अपने जीवन के महत्वपूर्ण क्षण की तैयारी कर रही है कहते हुए संत पापा फ्राँसिस ने दल को बतलाया कि वे इस तैयारी के लिए एक महत्वपूर्ण वास्तविकता एवं जयन्ती समारोह का आयोजन कर सकते हैं। संत पापा ने कहा कि यह महान सहभागिता एवं प्रभावशाली गतिविधि, जिसको द्वितीय वाटिकन महासभा के लुमेन जेनसियुम में कहा गया है, याद दिलाया कि कलीसिया में लोकधर्मियों के स्वभाव एवं मिशन, खासकर, वे ईश्वर के द्वारा बुलाये गये हैं ताकि वे दुनिया के पवित्रीकरण के लिए अपना सहयोग दे सकें।

लोकप्रिय भक्ति

संत पापा ने कहा, "नवीन सुसमाचार प्रचार की पृष्टभूमि में लोकप्रिय भक्ति उद्घोषणा की एक शक्तिशाली ताकत है जिसको हमारे समय के लोगों को दिए जाने की अधिक आवश्यकता है।" यही कारण है कि मैं आपको रचनात्मक और गतिशील प्रतिबद्धता के साथ अपने सहयोगी जीवन और अपनी परोपकारी उपस्थिति को विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करता हूँ।

“आप खुद को पवित्र आत्मा से प्रेरित होने दें और और जुलूस की तरह, अपने पूरे समुदाय के साथ चलें।”

तीन मौलिक पंतियाँ

संत पापा ने उन्हें अपनी यात्रा को तीन मौलिक लाईन में आयोजित करने का निमंत्रण दिया, "सुसमाचार प्रचार, कलीसियाई और मिशनरी मनोभाव," जिनको सारांश के तौर पर उन्होंने "ख्रीस्त के पदचिन्हों पर चलना, एक साथ चलना और सुसमाचार की घोषणा करना कहा।"

ख्रीस्त के पदचिन्हों पर चलना

संत पापा ने कहा, "आप अपने दैनिक जीवन में ख्रीस्त को केंद्र में रखें, विशेषकर, हरदिन ईश वचन सुनने, प्रशिक्षण के अवसरों के आयोजन एवं उसमें सहभागी होने, संस्कारों में तत्परता से भाग लेने, व्यक्तिगत एवं सामुदायिक प्रार्थना में भाग लेने के द्वारा।  

संत पापा ने पुनः एक बार सलाह दी कि वे सुसमाचार की एक छोटी प्रति अपने साथ रखें और उसे हर दिन पढ़ें।

सेवा और मिशन

इटली के भाईचारा संघ के सदस्यों से संत पापा ने अपील की कि वे सेवा एवं मिशन के कैरिज्म को बनाये रखें, पोप ने सदस्यों को रचनात्मकता और साहस के साथ हमारे समय की जरूरतों का प्रत्युत्तर देने के लिए आमंत्रित किया है। संत पापा फ्राँसिस ने उन्हें "ईश्वर के प्रेम और कोमलता के मिशनरी तथा ईश्वर की दया के प्रेरित बनने के लिए आमंत्रित किया है, जो हमें हमेशा क्षमा करते, हमारी प्रतीक्षा करते, और हमें बहुत प्यार करते हैं।"

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17 January 2023, 16:49