सीरिया और तुर्की में महाधर्माध्यक्ष गुजेरोत्ती के दौरे का समापन
उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
सीरिया और तुर्की के भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में पूर्वी कलीसिया के लिए गठित परमधर्मपीठीय विभाग के अध्यक्ष महाधर्माध्यक्ष क्लौदियो गुजेरोत्ती का दौरा समाप्त हो चुका है। विगत दिनों महाधर्माध्यक्ष ने सीरिया और तुर्की के उन क्षेत्रों का दौरा किया, जहाँ 6 फरवरी को तेज भूकंप आया था और जिसमें करीब 50,000 से अधिक लोगों की जानें जा चुकी हैं।
महाधर्माध्यक्ष ने सीरिया के अलेप्पो में दो दिन बिताये, जहाँ उनकी मुलाकात ऐसे परिवारों से हुई जो अस्थायी रूप से ख्रीस्तीय एवं मुस्लिम धार्मिक समुदायों द्वारा संचालित संस्थाओं या सार्वजनिक इमारतों एवं स्कूल घरों में शरण लिए हुए हैं। उन्होंने पीड़ित लोगों को सांत्वना एवं प्रोत्साहन दिया, विशेषकर, माताओं, विकलांग लोगों एवं बुजूर्गों को, जो बिना परिवार के रह गये हैं।
इसके अलावा, अलेप्पो शहर में सभी ख्रीस्तीय समुदायों को शामिल करते हुए एक आपातकालीन आयोग बनाया गया है, उन्होंने तटीय क्षेत्रों और विशेष रूप से लताकुई, साथ ही साथ इदलिब प्रांत में मानवीय पहुंच को भी देखा। सीरिया के दमिश्क में प्रेरितिक राजदूत के समन्वय में, जो जारी मानवीय सहायता और समन्वय प्रयासों को प्रदान कर रहा है, चैरिटी की सेवा के लिए धर्माध्यक्षीय आयोग को विशेषज्ञ सहयोगियों को प्रदान करके समर्थन की पेशकश की जा रही है।
वाटिकन न्यूज के पत्रकार अंतोनेल्ल पलेरमो के साथ एक साक्षात्कार में महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि तुर्की एवं सीरिया में उनकी मुलाकात, मुख्य रूप से संत पापा फ्राँसिस की शुभकामनाओं, आशीर्वाद और एकजुटता को व्यक्त करने के साथ-साथ, यह समझने की भी ठोस कोशिश रही कि कलीसिया लोगों की उत्तम सहायता कैसे कर सकती है। उन्होंने बुरी तरह से आवश्यक मानवीय सहायता प्रदान करने की चुनौतियों पर ध्यान दिया, विशेष रूप से सीरिया के युद्ध क्षेत्रों में जहाँ चल रहे संघर्ष के कारण कई कठिनाइयाँ हैं। उन्होंने विशेष रूप से सीरिया में पीड़ा पर शोक व्यक्त किया, जहाँ बारह वर्षों से युद्ध जारी है, जिसने वहाँ के समाज को तोड़ दिया है, और देश में मेल-मिलाप और शांति की तत्काल आवश्यकता है, जो आमहित के रूप में सभी के लिए प्राथमिकता है।
उन्होंने गौर किया कि सीरिया के लोग उस क्षेत्र को छोड़ने में असमर्थ है और वहीं रह रहे हैं जहाँ सब कुछ नष्ट हो चुका है, और जहाँ स्वास्थ्य सेवा, स्कूल और नौकरी की कुछ भी सुविधा नहीं है, गृहयुद्ध के कारण लगाए गए प्रतिबंधों से अलगाव के परिणामस्वरूप सब कुछ बदतर हो गए हैं।
मीडिया कवरेज के संदर्भ में उन्होंने कहा, "सीरिया के बारे में कौन बोलता है? कोई नहीं कवर करता है, खासकर, यहां के लोगों के सामने आनेवाली इस गंभीर स्थिति के बारे में बहुत से लोग नहीं जानते हैं।”
दोनों देशों में पीड़ितों से मुलाकात करने और उन्हें सांत्वना तथा प्रोत्साहन देने के बाद उन्होंने अधिकारियों से अपील करते हुए कहा, "जिस देश पर हम विचार कर रहे हैं उसकी समस्याओं के बारे में विश्व स्तर पर सोचने" में सहायता करें और राजनीतिक वास्तविकता पर और अधिक गहराई से पुनर्विचार करें एवं इसे बेहतर तरीके से कैसे बदला जा सकता है उस पर गौर करने की कोशिश करें, जबकि हम सभी को यह सुनिश्चित करने के लिए भी काम करना चाहिए कि आपातकालीन मानवीय सहायता उन लोगों तक पहुंच सके जो जरूरमंद हैं।
Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here