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महाधर्माध्यक्ष पलिया ने आत्महत्या के लिए मदद दिये जाने का रूख स्पष्ट किया

महाधर्माध्यक्ष भिंचेत्सो पालिया ने "इच्छामृत्यु" और आत्महत्या में सहायता करने का विरोध किया है और इटली में इसके लिए कानूनी मान्यता पर टिप्पणी को स्पष्ट किया है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

जीवन के लिए गठित परमधर्मपीठीय अकादमी के अध्यक्ष महाधर्माध्यक्ष भिंचेत्सो पालिया ने इटली में चिकित्सीय रूप से सहायता प्राप्त आत्महत्या की कानूनी स्थिति के बारे में पहले की गई टिप्पणियों को स्पष्ट किया है, और जोर दिया है कि यह कलीसिया की शिक्षा के बिलकुल विपरीत है। महाधर्माध्यक्ष पालिया "इच्छामृत्यु" और आत्महत्या में सहायता करने के खिलाफ हैं।

जीवन के लिए गठित परमधर्मपीठीय अकादमी का बयान महाधर्माध्यक्ष के विचारों पर पिछले हफ्ते पीएवी अध्यक्ष के भाषण में गलत व्याख्या के बाद आया है। जीवन के अंतिम समय की देखभाल के विषय को समर्पित एक भाषण में, महाधर्माध्यक्ष ने इटली में सहायता प्राप्त आत्महत्या की विशिष्ट कानूनी स्थिति का संदर्भ लिया था।

इटली में आत्महत्या के लिए सहायता देना अपराध है

2019 में, इटली की संवैधानिक अदालत ने फैसला सुनाया था कि कुछ मामलों में और कुछ शर्तों के तहत अपने जीवन को समाप्त करने के लिए डॉक्टरों की अप्रत्यक्ष मदद का अनुरोध करना संभव है। प्रभावी रूप से, सहायता प्राप्त आत्महत्या एक अपराध है, लेकिन यदि विशिष्ट शर्तों को पूरा किया जाता है तो इसे अब दंडित नहीं किया जाएगा।

अपने सम्बोधन में महाधर्माध्यक्ष पालिया ने पिछले सप्ताह कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि इटली के कानून में आत्महत्या में मदद करना अपराध बना रहे, जिसे संवैधानिक न्यायालय मान्यता देता है।

फिर भी, क्योंकि अदालत ने संसद से इस मुद्दे के बारे में कानून बनाने के लिए कहा है, महाधर्माध्यक्ष ने अपनी राय दी कि सीनेट द्वारा प्रस्तावित लाइनों के साथ एक "विधायी पहल" - चिकित्सकीय रूप से सहायता प्राप्त आत्महत्या को एक अपराध के रूप में बनाए रखना है जबकि कुछ परिस्थितियों में इसे दंड देना - कानूनी प्रश्न का एक संभावित समाधान हो सकता है।

पीएवी का बयान इस बात पर जोर देता है कि किसी भी तरह के कानूनी समझौते में सहायता प्राप्त आत्महत्या के प्रति नैतिक रुख में बदलाव शामिल नहीं होगा।

कोई भी अकेला न छोड़ा जाए

बयान में कहा गया है कि "कोई अन्य बात अनावश्यक है," यह बताते हुए कि "वैज्ञानिक और सांस्कृतिक स्तर पर, महाधर्माधय्क्ष पालिया ने हमेशा जीवन के अंतिम चरण में बीमारों की सहायता की आवश्यकता का समर्थन किया है”, तथा कहा है कि जीवन के अंत में दर्द हरनेवाली देखभाल और प्यार द्वारा व्यक्तिगत रूप से ध्यान देते हुए यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाना चाहिए कि कोई भी बीमारी और पीड़ा की स्थिति में कठिन निर्णयों को लेने के लिए अकेला न छोड़ा जाए।

 

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25 April 2023, 16:13