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मॉस्को के प्राधिधर्माध्यक्ष अन्तोनियो के साथ कार्डिनल पियेत्रो पारोलीन , तस्वीरः 16.06.2023 मॉस्को के प्राधिधर्माध्यक्ष अन्तोनियो के साथ कार्डिनल पियेत्रो पारोलीन , तस्वीरः 16.06.2023 

यूक्रेन पर पारोलीन, मानवतावादी कृत्य शांति लाने में सक्षम

वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल पियेत्रो पारोलीन ने यूक्रेन में जारी युद्ध तथा परमधर्मपीठ द्वारा किये जा रहे शांति प्रायसों के बारे में इतालवी टेलेविज़न से बातचीत में कहा कि यूक्रेन में कार्डिनल मातेओ ज़ूपी का मिशन अत्यधिक महत्वपूर्ण रहा है तथा मानवतावादी कृत्य शांति स्थापना में मदद दे सकते हैं।

वाटिकन सिटी

रोम, शुक्रवार, 7 जुलाई 2023 (रेई, वाटिकन रेडियो): वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल पियेत्रो पारोलीन ने यूक्रेन में जारी युद्ध तथा परमधर्मपीठ द्वारा किये जा रहे शांति प्रायसों के बारे में इतालवी टेलेविज़न से बातचीत में कहा कि यूक्रेन में कार्डिनल मातेओ ज़ूपी का मिशन अत्यधिक महत्वपूर्ण रहा है तथा मानवतावादी कृत्य शांति स्थापना में मदद दे सकते हैं।

शांति प्रयास ज़रूरी

इतालवी टेलेविज़न के संवाददाता इग्नात्सियो इन्यारो से बातचीत में कार्डिनल पारोलीन ने यूक्रेनी युद्ध के कई पहलुओं पर टीका की। उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि युद्ध के बहाव में ख़ुद को नहीं छोड़ा जा सकता इसलिये शांति के हर सम्भव प्रयास ज़रूरी हैं। युद्ध के दौरान रूस ले जाये गये बच्चों की वापसी के लिये उन्होंने बताया कि परमधर्मपीठ और वाटिकन इसकी पूरी कोशिश कर रहे हैं कि बच्चे पुनः यूक्रेन लौट सकें।

कार्डिनल महोदय ने कहा कि शीत युद्ध के बाद एक बार फिर विश्व युद्ध जैसी स्थिति बन गई है, इसीलिये परमधर्मपीठ की ओर से कीव तथा मॉस्को भेजे गये कार्डिनल मातेओ ज़ूपी का मिशन एक खास मिशन रहा है। उन्होंने कहा, "दुर्भाग्यवश हम टुकड़ों-टुकड़ों में, शीत युद्ध के बाद से, तीसरे विश्व युद्ध की ओर बढ़ गए हैं, जैसा कि कई बार सन्त पापा फ्रांसिस भी कह चुके हैं, लेकिन ज़हिर तौर पर युद्ध, किसी न किसी रूप में, हमेशा लोगों के बीच, समूहों के बीच, राज्यों के बीच, महाद्वीपों के बीच विरोधों के कारण होता है, और आज यही हो रहा है।"

कार्डिनल पारोलीन ने कहा, "मेरा मानना ​​है कि हम इस बहाव में खुद को कतई नहीं छोड़ सकते। हमें उस भावना को पुनः प्राप्त करना होगा जिसने द्वितीय विश्व युद्ध के तुरंत बाद अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को उत्साहित किया था और  जिसके बाद हेलसिंकी प्रक्रिया और हेलसिंकी घोषणाएं की गई थीं। हमें उन आशाओं और आदर्शों को फिर से खोजना होगा जो युद्ध के अनुभव के परिणामस्वरूप भी वहां बहुत दृढ़ता से मौजूद थे और जिससे अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के ताने-बाने का पुनर्निर्माण संभव बन पड़ा था।"

परमाणु हथियार एक गम्भीर समस्या

परमाणु आक्रमण की सम्भावना पर अपने विचार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि यह अत्यन्त गम्भीर समस्या है और आज विश्व में नौ ऐसे राष्ट्र हैं जिनके पास परमाणु हथियार मौज़ूद हैं। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा के बहाने कुछेक राष्ट्र परमाणु हथियारों को रखना आवश्यक मानते हैं किन्तु यह एक भ्रम मात्र है।

इस सन्दर्भ में काथलिक कलीसिया की स्थिति को स्पष्ट करते हुए कार्डिनल पारोलीन ने कहा कि कलीसिया की स्थिति तथा सन्त पापा फ्राँसिस की स्थिति इस सन्दर्भ में स्पष्ट है और वह यह कि परमाणु हथियारों का कब्ज़ा और उपयोग अनैतिक है क्योंकि इसका मतलब है मनुष्य का विनाश और दुनिया का विनाश। उन्होंने कहा कि परमाणु हथियारों को ख़त्म कर ही विश्व में सुरक्षा की आशा की जा सकती है।

कीव तथा मॉस्को में कार्डिनल ज़ूपी के मिशन पर बोलते हुए कार्डिनल पारोलीन ने कहा कि सन्त पापा फ्राँसिस की पहल पर सम्पादित यह मिशन अत्यधिक महत्वपूर्ण था जिसमें कार्डिनल ज़ूपी ने दोनों देशों के बीच शांतिपूर्ण समझौतों का प्रस्ताव रखा तथा युद्ध पीड़ितों को लोकोपकारी एवं मानवतवादी सहायता प्रदान किये जाने की आवश्यकता पर बल दिया।

उन्होंने कहा कि जहाँ तक मानवतावादी सहायता का मामला है मॉस्को में सम्पन्न बातचीत का केन्द्रबिन्दु युद्ध बन्दियों की रिहाई एवं यूक्रेन के बच्चों की पुनः देश वापसी रहा। उन्होंने कहा कि यह मिशन काफ़ी मात्रा में सफल रहा इसलिये कि कार्डिनल ज़ूपी रूसी राष्ट्रपति के प्रतिनिधि ऊशाकोव एवं श्रीमती बेलोवा से बातचीत कर पाये। उन्होंने आशा व्यक्त की कि बातचीत के प्रमुख बिन्दुओं को शीघ्र ही प्रभावी बनाया जा सकेगा।  

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07 July 2023, 11:29