बुधवार की सिनॉड प्रेस ब्रीफिंग का सार
लोसेर्वातोरे रोमानो
संचार विभाग के प्रीफेक्ट और सूचना आयोग के अध्यक्ष डॉ. पाओलो रूफिनी; और आयोग की सचिव शीला पीरेस ने दैनिक प्रेस वार्ता में महासभा के कार्यों का वर्णन किया।
उन्होंने घोषणा की कि ईश प्रजा के नाम पत्र का दस्तावेज बुधवार की सुबह की बैठक में प्रतिभागियों को अंतिम संकलन दस्तावेज के रूप में वितरित किया गया था। पत्र को बुधवार दोपहर को मंजूरी दे दी गई, जबकि संकलन दस्तावेज को शनिवार सुबह जोर से पढ़ा जाएगा, और उसपर दोपहर को मतदान किया जाएगा।
पीरेस: "ईश्वर की प्रजा के नाम पत्र"
पीरेस ने बतलाया कि ईश प्रजा के नाम पत्र को "मौखिक हस्तक्षेप और लिखित टिप्पणियों के माध्यम से सभा के सुझावों के आधार पर संशोधित" कर सोमवार से प्रस्तुत किया गया जब मसौदा सभा में पढ़ा गया, उसे "विभिन्न भाषाओं में अनुवादित कर, आज सदस्यों को वितरित किया गया।"
पीरेस ने आगे कहा, "जैसा कि कार्डिनल ग्रेच ने बुधवार के सत्र की शुरुआत में कहा, यह एक 'सरल दस्तावेज' है जिसका उद्देश्य 'इन दिनों में हम जो सकारात्मक अनुभव को जी रहे हैं' उसे फिर से बताना है।" उन्होंने कहा, प्रारंभ में यह सुझाव था कि पत्र को समर्थन द्वारा अनुमोदित किया जा सकता है; संकलन दस्तावेज पर चर्चा के लिए अधिक समय देने हेतु इस योजना को छोड़ दिया गया।
"चूंकि विभिन्न भाषाओं में अनुवादों में बदलाव का अनुरोध किया गया था," पीरेस ने याद किया, "धर्मसभा सचिवालय ने सोमवार को घोषणा की कि पत्र पर आज मतदान किया जाएगा, और पहले से ही किए गए एकीकरण प्रस्तावों के अलावा, महासभा में, सोमवार शाम 6:00 बजे तक एकीकरण प्रस्ताव प्रस्तुत करना संभव होगा।”
अंत में, पीरेस ने कहा कि केवल धर्मसभा के सदस्य ही पत्र पर मतदान करने में सक्षम होंगे, और प्रत्येक के लिए व्यक्तिगत स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए वोट इलेक्ट्रॉनिक और गुप्त होगा।
रूफिनी: "संकलन दस्तावेज" के अनुमोदन की प्रक्रिया
रूफिनी ने यह कहते हुए मंच संभाला कि "आज सुबह, धर्मसभा के इस पहले सत्र का अंतिम संकलन दस्तावेज भी प्रस्तुत और वितरित किया गया था।" दस्तावेज 40 पृष्ठ लंबा है और अन्य भाषाओं में कार्यशील अनुवाद के साथ इताली और अंग्रेजी में वितरित किया गया था। उन्होंने यह भी बताया कि दस्तावेज पर चर्चा और मतदान कैसे होगा।
इसके अलावा, रूफिनी ने कहा, "यह धर्माध्यक्ष मंडली से बाहर के सदस्यों की उपस्थिति होने पर भी, सभा की प्रकृति और अधिकार की पुष्टि करने का एक अवसर था। इस बात पर जोर दिया गया कि यह एक परामर्शदात्री सभा है। प्रेरितिक संविधान एपिस्कोपलिस कम्युनियो में गैर-बिशपों (ऐसे सदस्य जो धर्माध्यक्ष नहीं हैं) की भागीदारी प्रदान की गई है। हम जिस सभा चरण में हैं, वह कोई नई शुरुआत नहीं है, बल्कि एपिस्कोपलिस कम्युनियो द्वारा परिकल्पित धर्मसभा प्रक्रिया में एक और कदम है। सभा के धर्माध्यक्षीय स्वभाव से उन सदस्यों की उपस्थिति से समझौता नहीं की जाती है जो एपिस्कोपल 'मुनस' (समारोह) से जुड़े नहीं हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उनकी उपस्थिति से सभा की प्रकृति नहीं बदलती, जो कि धर्माध्यक्षीय बनी हुई है। "गैर-बिशप सदस्यों की उपस्थिति उनकी गवाही के आधार पर उचित है: वे सभी को याद दिलाते हैं कि यह सभा एक अलग घटना नहीं है, बल्कि एक अभिन्न अंग है और धर्मसभा प्रक्रिया में एक आवश्यक कदम है, जो पूरी कलीसिया में विस्तृत और गहरी हो रही है। 10 अक्टूबर, 2021 को संत पापा ने सुनने और कलीसियाई आत्मपरख की शुरुआत की थी।”
रूफिनी ने पुष्टि दी कि "धर्मसभा की प्रक्रिया दूसरे सत्र में जारी रहेगी और अगले वर्ष समाप्त होगी।" बुधवार दोपहर को, महासभा में, पत्र पर मतदान के बाद, सभा में हस्तक्षेप और छोटे समूहों में चर्चा के साथ, दस्तावेज पर चर्चा शुरू होगी। केवल मतदान के योग्य सदस्य ही हस्तक्षेप कर सकेंगे।
संचार आयोग के अध्यक्ष ने बताया, "चर्चा कल सुबह छोटे समूहों में और कल दोपहर आमसभा में जारी रहेगी, [जिसको] शुरू में इरादा धर्मसभा प्रक्रिया के अगले चरण के लिए तरीकों और चरणों पर प्रस्ताव एकत्र करने के लिए समर्पित था।"
हालाँकि, "चर्चा के लिए अधिक समय देने हेतु," उन्होंने कहा, "एक अतिरिक्त आम बैठक करने का निर्णय लिया गया है, जो शुक्रवार की सुबह आयोजित की जाएगी, जो मूल रूप से एक अवकाश का दिन है। शुक्रवार की सुबह की बैठक अगले साल के सत्र से पहले धर्मसभा प्रक्रिया के अगले चरण के लिए प्रस्ताव इकट्ठा करने के लिए समर्पित होगी। "इस अतिरिक्त बैठक के निर्णय पर मतदान हुआ," प्रीफेक्ट ने समझाया: "उसमें 347 सदस्य उपस्थित थे; पूर्ण बहुमत 174 था, पक्ष में 252 और विरोध में 95 थे। इसलिए, प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई, और संकलन दस्तावेज पर चर्चा बृहस्पतिवार को पूरे दिन जारी रहेगी।
डॉ. रूफिनी ने समझाया, "प्रत्येक छोटा दल और प्रत्येक व्यक्तिगत सदस्य, तथाकथित 'तरीके' [संशोधन] के साथ, रिपोर्ट में अंशों को हटाने, जोड़ने या बदलने के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत कर सकते हैं। विशेष रूप से, प्रत्येक छोटे समूह के 'तरीके' को उपस्थित लोगों के पूर्ण बहुमत से एक-एक करके अनुमोदित किया जाना चाहिए जो वोट देनेवाले पात्र हैं। सामूहिक 'तरीके' के अलावा, सदस्य हमेशा एक व्यक्तिगत 'तरीका' प्रस्तुत कर सकते हैं, चाहे वह समूहों में प्रस्तुत किया गया हो या नहीं या समूहों द्वारा अनुमोदित हो। सभा की संकलन रिपोर्ट का अंतिम दस्तावेज शनिवार सुबह पढ़ा जाएगा और शनिवार दोपहर को मतदान किया जाएगा।
कार्डिनल प्रीवोस्ट: लैटिन अमेरिकी अनुभव
अमेरिकी कार्डिनल रॉबर्ट फ्राँसिस प्रीवोस्ट, ओएसए, धर्माध्यक्षों के लिए वाटिकन विभाग के अध्यक्ष और लैटिन अमेरिका के लिए परमधर्मपीठीय आयोग के अध्यक्ष, पेरू में चिकलेयो के महाधर्माध्यक्ष-सेवानिवृत धर्माध्यक्ष ने सबसे पहले संत ऑगस्टीन के आदेश के साथ अपने अनुभव को याद किया। उन्हें यकीन है कि संत ऑगस्टीन और समर्पित जीवन के पास कलीसिया को देने के लिए बहुत कुछ है। पेरू के धर्मप्रांत में, जहां उन्होंने पोप द्वारा रोम बुलाए जाने से पहले नौ साल तक बिशप के रूप में कार्य किया, वहाँ कलीसियाई आंदोलनों, पल्लियों, समर्पित जीवन और पुरोहितों के प्रतिनिधियों के साथ धर्मसभा-शैली की सभाओं के माध्यम से सामूहिक रूप में गरीबों और कलीसिया से दूर रहनेवाले लोगों तक पहुंचने की कोशिश की थी।
कार्डिनल ने कहा, इस अर्थ में, कलीसिया के जीवन को बढ़ावा देने की धर्मसभा शैली लैटिन अमेरिका में प्रसिद्ध है। वर्तमान धर्मसभा के संबंध में, कार्डिनल ने सभी को सुनना सीखने, विश्वास के साथ बातचीत में शामिल होने, हमेशा सच्चाई की तलाश करने और प्रभु कलीसिया से क्या चाहते हैं यह समझने का प्रयास करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि किसी भी मानवीय अनुभव की तरह, कठिनाइयाँ आना स्वाभाविक है।
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