कार्डिनल पारोलिन: पूर्ण स्वास्थ्य लाभ हेतु संत पापा का निर्णय
वाटिकन सिटी
“संत पापा का स्वास्थ्य स्थिर है, उन्हें बुखार नहीं है, लेकिन फेफड़ों की सूजन के कारण उनकी श्वसन संबंधी कठिनाइयाँ बनी हुई हैं। एंटीबायोटिक थेरेपी जारी है।” वाटिकन प्रेस कार्यालय ने बुधवार की शाम को उनके स्वास्थ्य संबंधी संक्षिप्त जानकारी प्रस्तुत की।
वाटिकन सचिव ने संत पापा के स्वास्थ्य के बारे में कहा कि वे फ्लू और फेफड़े की सूजन से स्वास्थ लाभ प्राप्त कर रहे हैं। अपने स्वास्थ्य में जल्द सुधार को ध्यान में रखते हुए उन्होंने अपने चिकित्सकों की सलाह पर मंगलवार को अपनी दुबाई की यात्रा को खारिज किया।
01 दिसम्बर को उनकी दुबई यात्रा निर्धारित थी जहाँ वे सीओपी-28 जलवायु परिवर्तन संगोष्ठी में भाग लेने वाले थे। “वे अपने स्वास्थ्य को लेकर सावधानी बरत रहे हैं, और इस संबंध में चिकित्सकों की सलाह के अनुरूप उन्होंने कोई जोखिम उठाना नहीं चाहा।”
कार्डिनल पारोलिन ने इटालियन चैंबर ऑफ डेप्युटीज़ के एक कार्यक्रम में जहाँ वे दिवंगत इतालवी धर्माध्यक्ष और प्रेरित लुईजी सेको के विरासत पर चर्चा कर रहे थे, पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा, “मेरा मानना है कि वे दोबारा बीमारी का शिकार नहीं होना चाहते और जल्दी ठीक होने के मद्देनजर इस विकल्प का चुनाव किया है ताकि वह जल्द से जल्द ठीक हो सकें।”
कार्डिनल पारोलीन ने, मंगलवार को वाटिकन प्रेस कार्यालय द्वारा घोषित बातों की पुष्टि करते हुए कहा कि वाटिकन इस संदर्भ में दूसरे विकल्पों का अध्ययन कर रहा है जिसके माध्यम संत पापा दुबई विचार-विमार्श में शामिल हो सकेंगे
“हम इस पर कार्य कर रहे हैं। मैंने पेरिस से शुरू हुए सभी सीओपी सम्मेलनों में भाग लिया है, मैं सोचता हूँ कि इस बार भी मैं इस संगोष्ठी में सहभागी होऊंगा, लेकिन निश्चित रुप में इसकी अवधि छोटी होगी।” उन्होंने कहा कि वाटकिन प्रतिनिधि दल दुबई में दो सप्ताह के विभिन्न विचार-मंथनों में भाग लेंगे। “मैं केवल पहले भाग में सहभागी होंऊगा।”
अंतरधार्मिक वार्ता और द्विपक्षीय बैठकें
अंतरधार्मिक वार्ता हेतु गठित परमधर्मपीठ के अध्यक्ष कार्डिनल मिगुएल एंजेल अयुसो गुइक्सोट भी दुबई में मौजूद रहेंगे। कार्डिनल पारोलिन ने बताया कि वे अंतरधार्मिक वार्ता में सहभागी होंगे। वाटिकन राज्य सचिव ने इस बात पर खेद व्यक्त किया कि संत पापा शनिवार, 2 दिसंबर को होने वाली द्विपक्षीय बैठकों में शामिल नहीं हो पाएंगे, जिसमें कई राष्ट्राध्यक्ष और देशों के अधिकारी भाग लेने वाले हैं।
उन्होंने कहा, “कई राजनीतिक नेताओं ने संत पापा से मिलने की इच्छा जाहिर की थी।” “दुर्भाग्य से, यह संभव नहीं हो सकेगा।” हालाँकि, उन्होंने कहा कि यह एक अच्छा संकेत है कि बहुत से लोगों ने उनसे मिलने की आशा व्यक्त की है, और वे इस छूटे हुए अवसर की भरपाई करने का प्रयास करेंगे।
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