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बेथलेहेम के एक अनाथ आश्रम में कार्डिनल क्रायेस्की, 22.12.2023 बेथलेहेम के एक अनाथ आश्रम में कार्डिनल क्रायेस्की, 22.12.2023 

कार्डिनलः दुनिया ईश्वर के सामने झुके ताकि शांति पनप सके

सन्त पापा फ्रांसिस के अनुरोध पर पवित्र भूमि की यात्रा पर गये अपने मिशन से लौटने पर, सन्त पापा के उदार कार्यालय के अध्यक्ष, कार्डिनल कॉनराड क्रायेस्की ने गाज़ा में युद्ध के दौरान अपने अनुभवों को साझा किया।

वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 29 दिसम्बर 2023 (रेई, वाटिकन रेडियो): सन्त पापा फ्रांसिस के अनुरोध पर पवित्र भूमि की यात्रा पर गये अपने मिशन से लौटने पर, सन्त पापा के उदार कार्यालय के अध्यक्ष, कार्डिनल कॉनराड क्रायेस्की ने गाज़ा में युद्ध के दौरान अपने अनुभवों  को साझा किया। वे कहते हैं कि पीड़ा और संघर्ष तब उत्पन्न होता है जब मानवता ईश्वर के बारे में विचार किए बिना अपना रास्ता तलाशती है।

प्रार्थना है अत्याधुनिक हथियार

इज़राएल एवं फिलीस्तीनी क्षेत्रों का दौरा करने के उपरान्त कार्डिनल क्रायेस्की ने कहा, मैंने आस्था और प्रार्थना के साथ पवित्र भूमि की यात्रा की, उन स्थानों पर जहां युद्ध जारी है, जहां नफरत और प्रतिशोध व्याप्त है, जहां एक दूसरे का नरसंहार जारी है, जहां पानी, भोजन और बिजली की नितान्त कमी बनी हुई है। यूक्रेन हो या गाज़ा पट्टी, क्रिसमस के दौरान भी, जो हमारे लिए सबसे पवित्र दिन है, उन्होंने लड़ना और हत्या करना बंद नहीं किया।

उन्होंने प्रश्न कियाः "मैं दुनिया के सबसे अत्याधुनिक हथियारों के साथ इस भूमि पर आया: आस्था और प्रार्थना लेकर, जो पहाड़ों को हिला सकती है और संघर्षों को समाप्त कर सकती है... लेकिन ऐसा क्यों नहीं हुआ? "

मैं उन सभी स्थानों पर गया जहां येसु ने निवास किया। मैं नाज़रेथ, बेथलेहेम और उस स्थान पर गया जहाँ उन्हें क्रूस पर चढ़ाया गया था, मार दिया गया था, और जहाँ वे फिर जी उठे थे। इस प्रकार, मैंने पूछा: "ईश्वर, शांति क्यों नहीं है? आप शांति चाहते हैं।" मैंने हमेशा इस प्रार्थना पर विचार किया है: "हे प्रभु, हमें हर बुराई से बचा और हमें शांति प्रदान कर।" तो आप हमारे दिनों में शांति क्यों नहीं देते?"

ईश्वर के सामने झुकें

उन्होंने कहाः "मैंने इस बारे में बहुत सोचा है कि, जब हम पवित्र भूमि की कब्रगाह में प्रवेश करते हैं, तो हमें कैसे झुकना चाहिए, लगभग अपनी कमर तोड़कर प्रवेश करना चाहिए। कई गिरजाघरों में, यहां तक कि बेथलहम में भी, हमें रहस्य के सामने झुकना होता है और हमें झुकना चाहिए।"

उन्होंने कहाः "इसलिए, अब मुझे लगता है कि शायद दुनिया ने ईश्वर के सामने झुकना बंद कर दिया है और सुसमाचार की तर्कणा के अनुसार जीना बंद कर दिया है क्योंकि यह दुनिया की तर्कणा का आदी हो गया है। शायद हम इंसानों ने खुद को ईश्वर के स्थान पर रख दिया है और हम सिर्फ आदेश देना और निंदा करना चाहते हैं, लेकिन हम ऐसा बिना दया, बिना प्यार के करते हैं। शायद इसीलिए शांति नहीं स्थापित होती - क्योंकि हम अब ईश्वर के सामने, उनके रहस्य के सामने नहीं झुकते हैं।"

शांति का वरदान मांगें

कार्डिनल महोदय ने सभी से अपील की वे प्रार्थना करें, प्रभु ईश्वर से शांति का वरदान मांगें, उनके आगे झुकें और वही प्रार्थना दुहरायें जो प्रभु येसु ख्रीस्त ने अपने शिष्यों को सिखाई थीः "हे पिता हमारे, जो स्वर्ग में हैं, तेरा राज्य आवे, तेरी इच्छा जैसे स्वर्ग में है, वैसे पृथ्वी पर भी पूरी हो।" येसु के समान हम कहें, "तेरी इच्छा पूरी हो, हे प्रभु," मेरी नहीं, क्योंकि जहां मेरी इच्छा है, वहां युद्ध होते हैं, मौतें होती हैं। तेरा राज्य आये" हमारा नहीं क्योंकि हमारा राज्य विनाश का राज्य है। "तेरा नाम पवित्र माना जाए," मेरा नहीं; क्योंकि जब मेरा नाम पवित्र माना जाता है, तो मैं दूसरों के लिए ख़तरनाक हो जाता हूँ। "

कार्डिनल क्रायेस्की ने कहा, हमारे पिता प्रार्थना के अन्त में हम कहते हैं, "हे ईश्वर,  हमें बुराई से बचा, और हमारे दिन में शांति प्रदान कर।" मेरी आशा है कि शांति वास्तव में मनुष्यों के दिलों में खिल उठे।"

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29 December 2023, 08:41