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सन्त पेत्रुस महागिरजाघर में संस्कारों के समय विलेपित तेलों पर आशीष (प्रतीकात्मक तस्वीर) सन्त पेत्रुस महागिरजाघर में संस्कारों के समय विलेपित तेलों पर आशीष (प्रतीकात्मक तस्वीर)  (ANSA)

एकल माताओं को संस्कारों के प्रति किया जाये प्रेरित

वाटिकन स्थित विश्वास एवं धर्मसिद्धान्त सम्बन्धी परमधर्मपीठीय परिषद ने एकल माताओं को संस्कारों की रक्षक शक्ति से वंचित न किये जाने का पुरोहितों से आग्रह किया है। साथ ही पुरोहितों को अतिशयोक्ति के प्रलोभन में न पड़ने तथा ईश्वर के लोगों के विरुद्ध दुर्व्यवहार के प्रति सचेत किया है।

वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 15 दिसम्बर 2023 (रेई, वाटिकन रेडियो): वाटिकन स्थित विश्वास एवं धर्मसिद्धान्त सम्बन्धी परमधर्मपीठीय परिषद ने एकल माताओं को संस्कारों की रक्षक शक्ति से वंचित न किये जाने का पुरोहितों से आग्रह किया है। साथ ही पुरोहितों को अतिशयोक्ति के प्रलोभन में न पड़ने तथा ईश्वर के लोगों के विरुद्ध दुर्व्यवहार के प्रति सचेत किया है।

धर्माध्यक्ष का सवाल

डोमिनिकन गणराज्य के काथलिक धर्माध्यक्ष रामोन आल्फ्रेदो दे ला क्रूज़ ने यह कहते हुए कि कुछेक पुरोहितों की कठोरता के भय से कई एकल माताएं संस्कारों को ग्रहण करने से डरती हैं, विश्वास एवं धर्मसिद्धान्त सम्बन्धी परमधर्मपीठीय परिषद को एक पत्र लिखा था।

इस पत्र के जवाब में परमधर्मपठीय परिषद के अध्यक्ष ने सन्त पापा फ्राँसिस के कथन का स्मरण दिलाया और कहा कि पहले से ही जीवन की कठिनाइयों का सामना कर रही महिलाओं को संस्कारों की रक्षक शक्ति से वंचित नहीं किया जाना चाहिये बल्कि उन्हें इसके लिये प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

पत्र काअनुमोदन

सन्त पापा फ्राँसिस द्वारा अनुमोदित उक्त पत्र गुरुवार को परमधर्मपीठीय परिषद की वेबसाइट पर प्रकाशित किया गया। इसमें परिषद के अध्यक्ष कार्डिनल विक्टर फर्नांडीज ने डोमिनिकन धर्माध्यक्ष की चिंता का जवाब देते हुए लिखाः एकल माताएं "पुरोहितों और समुदाय के नेताओं की कठोरता के डर से पवित्र परमप्रसाद संस्कार से दूर रहती हैं।" उन्होंने इस तथ्य की ओर ध्यान आकर्षित कराया कि "कुछ देशों में, पुरोहित और कुछ आम लोग भी माताओं एवं विवाह के बाहर उत्पन्न सन्तान को संस्कारों से वंचित कर देते हैं, जबकि यह ग़लत है।"

कार्डिनल महोदय ने स्मरण दिलाया कि सन्त पापा फ्राँसिस ने 19 जून 2023 को संयुक्त राज्य अमेरिका की राष्ट्रीय यूखारिस्तीय कांग्रेस की आयोजन समिति को प्रेषित पत्र में कहा था कि "यूखारिस्त मानव हृदय की सबसे गहरी तृष्णा है, यह प्रामाणिक जीवन की भूख के लिए ईश्वर की प्रतिक्रिया है, क्योंकि यूखारिस्त में येसु मसीह, वास्तव में,  हमें पोषित करने, सांत्वना देने और हमारी यात्रा में हमें सुदृढ़ बनाये रखने के लिये हमारे बीच में होते हैं।"  

परमधर्मपीठीय परिषद के अध्यक्ष कार्डिनल विक्टर फरनानडेज़ ने कहा कि इसीलिये "ऐसी स्थिति में जिन महिलाओं ने जीवन का चुनाव किया है और उस विकल्प के कारण बहुत जटिल अस्तित्व जी रही हैं, उन्हें संस्कारों की रक्षक और सांत्वना देने वाली शक्ति का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।"

तानाशाही रवैया को न सहें

अंत में, परमधर्मपीठीय परिषद के अध्यक्ष कार्डिनल फरनानडेज़ ने स्त्री और मातृ पक्ष पर विश्व धर्माध्यक्षीय धर्मसभा के धर्माध्यक्षों को दिये सन्त पापा के सन्देश का स्मरण दिलाकर कहा कि पुरोहितों द्वारा तानाशाहों जैसे व्यवहार को सहा नहीं जाना चाहिये और उन पुरोहितों को जो "अतिशयोक्ति करते हैं" अथवा ईश्वर के लोगों के विरुद्ध दुर्व्यवहार" करते हैं उन्हें सचेत किया जाना चाहिये वे ऐसा न करें। कार्डिनल फरनानडेज़ ने कहा कि स्थानीय स्तर पर धर्माध्यक्ष का यह दायित्व होता है कि वह यह सुनिश्चित करें कि उसके धर्मप्रान्त में पुरोहित इस प्रकार का दुरुव्यवहार न करें।

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15 December 2023, 10:51